2008-10-24 19:40:44

सातवां एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन पेइचिंग में आयोजित हुआ

सातवां एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन 24 तारीख के दोपहरबाद पेइचिंग में उद्घाटित हुआ। यह शिखर सम्मेलन के विस्तार के बाद 45 सदस्यों का पहला शिखर सम्मेलन है । चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया और अहम भाषण दिया । उन्हों ने कहा कि वर्तमान विश्व वित्तीय व आर्थिक स्थिति के सामने एशिया और यूरोप दोनों को सम्मेलन का अच्छा लाभ उठा कर वार्तालाप बढ़ाना, समान समझ का विस्तार करना, आपसी विश्वास बढ़ाना तथा सहयोग को गहरा करना चाहिए।

मौजूदा शिखर सम्मेलन में एशिया व यूरोप के दस राज्याध्यक्ष, 24 सरकारी प्रमुखों समेत 2200 से ज्यादा प्रतिनिधि उपस्थित हुए हैं । यह पहली बार है कि एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन चीन में आयोजित हुआ। वर्तमान विश्व वित्तीय संकट जोर पकड़ने की स्थिति में सम्मेलन के मेजबान देश के नाते, चीन ने सम्मेलन के विषयों में तब्दीली कर अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक व वित्तीय स्थिति को मुख्य विषय बनाया और पहलकदमी के साथ सदस्यों के बीच तालमेल किया और संकट के मुकाबले में एशिया व यूरोप के सहयोग को बढ़ाया है।

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिन थाओ ने अपने भाषण में कहा कि चीन संबंधित देशों द्वारा हाल में विश्व वित्तीय संकट का सामना करने के लिए उठाए गए सकारात्मक कदमों का समर्थन करता है । चीन की आर्थिक स्थिति का बेहतर विकास होना खुद ही विश्व वित्तीय बाजार को स्थिर बनाने तथा आर्थिक विकास के लिए अहम योगदान है । साथ ही चीन अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर वर्तमान संकट का मुकाबला करेगा। उन्हों ने कहाः

चीन यथाशक्ति के साथ विश्व वित्तीय संकट का सामना करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करेगा और इस के लिए सिलसिलेवार अहम कदम भी उठाए हैं, जिन में देश की वित्त व्यवस्था को स्थिर बनाना, वित्तीय बाजार व संस्थाओं के प्रचलन को बढ़ाना तथा अन्य देशों के साथ समग्र आर्थिक नीति में तालमेल व सहयोग करना शामिल है । चीन जिम्मेदाराना रूख के साथ अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय व आर्थिक स्थिरता बनाए रखने की कोशिश करेगा।

सम्मेलन में विभिन्न देशों के नेताओं ने भी सहयोग कर वित्तीय संकट का सामना करने का इरादा जताया । यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष बारोसो ने अपने भाषण में कहा कि वर्तमान विश्व वित्तीय संकट से विभिन्न देशों के नेताओं में प्रत्यक्ष वार्तालाप, समझ की मजबूती तथा समन्वय की गहराई की महत्ता जाहिर हुई है । उन्हों ने कहाः

वर्तमान में विभिन्न देशों की सरकारों और केन्द्रीय बैंकों द्वारा समान समायोजन की कार्यवाही की जाने से वर्तमान विश्वव्यापी चलन के सिकुड़न को कम करने की संभावना हुई है, साथ ही यूरोप व अमरीका तथा विकासशील देशों ने जो दृढ़ कदम उठाए हैं, वह भी बहुत जरूरी है ।

अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के अलावा सम्मेलन में उपस्थित नेतागण दो दिन के दौरान अन्य मुख्य विषयों पर गहन विचार विमर्श करेंगे, जिन में निरंतर विकास व पारिस्थितिकी सभ्यता से जुड़े सवाल, मौसम परिवर्तन , ऊर्जा सुरक्षा , अनाज संकट आदि शामिल हैं। विश्व परिस्थिति व क्षेत्रीय स्थिति के बारे में हॉट सवाल भी चर्चा में है , जिन में कोरियाई नाभिकीय सवाल , इरानी नाभिकीय सवाल और मध्य पूर्व की शांति प्रक्रिया शामिल है। सम्मेलन में एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन के पिछले 12 सालों के इतिहास का भी उल्लेख किया गया है ।

पिछले 12 सालों में एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन ने दोनों क्षेत्रों के देशों में वार्ता व आपसी समझ व सहयोग बढा कर एशिया व यूरोप के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए अच्छी स्थिति तैयार की है । सम्मेलन में फ्रांसीसी राष्ट्रपति सार्कोजी ने कहाः

एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन का 12 साल पुराना रास्ता तय चुका है । हम ने बहुत सी प्रगति पायी है ,लेकिन अभी बहुत से काम करने के लिए बाकी है । सम्मेलन न केवल आदान प्रदान का मंच है, बल्कि नियामक मौका भी बनना चाहिए।

इस मंच से चीन ने एशिया व यूरोप के देशों के साथ सहयोग व आदान प्रदान बढ़ाया है । चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने अपने भाषण में शिखर सम्मेलन की अहम भूमिका की पुष्टि की और सहयोग व्यवस्था के गहरे विकास के लिए सुझाव भी पेश किया है।

सम्मेलन में उपस्थित नेताओं ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सातवां शिखर सम्मेलन जरूर एशिया यूरोप संबंधों को और आगे बढ़ा सकेगा।