अब तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सभी 74 काऊंटियों में छै सालों की अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था लागू की गयी है। सारे तिब्बत में ग्रामीण व चरवाहा क्षेत्रों में युवा व व्यस्कों में निरक्षरता को दूर करने का लक्ष्य साकार हुआ है।
ल्हासा शहर में आयोजित एक संबंधित सभा से यह खबर मिली है। ग्रामीण व चरवाहा क्षेत्रों की जनसंख्या तिब्बत की कुल जनसंख्या का 80 प्रतिशत है। इधर के सालों में तिब्बत में ग्रामीण व चरवाहा क्षेत्रों में बुनियादी शिक्षा पर जोर दिया गया है, जिससे ग्रामीण व चरवाहा क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति सुधरी है। तिब्बत में 2007 में 98 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल में प्रवेश किया है।
ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति होने् से पहले वहां एक भी आधुनिक स्कूल नहीं था, 95 प्रतिशत युवा व व्यस्क निरक्षर थे।