2008-10-23 15:40:33

विशेषज्ञों का कहना है कि एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन में विश्व वित्तीय संकट मुख्य विषय होगा

सातवां एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन 24 और 25 अक्तूबर को पेइचिंग में होगा । चीनी विद्वानों का कहना है कि मौजूदा शिखर सम्मेलन में एशिया व यूरोप के देशों के नेता लगातार बढ़ते जा रहे विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले के बारे में रायों का आदान प्रदान करेंगे और वित्तीय क्षेत्र में एशिया व यूरोप के सार्थक सहयोग को बढ़ावा देंगे ।

वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिति में एशिया व यूरोप के बीच सहयोग बढ़ा कर विश्व वित्तीय संकट का सामना करने के तरीकों की खोज मौजूदा एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन का मुख्य मुद्दा होगा । चीनी आधुनिक अन्तरराष्ट्रीय संबंध अध्ययन अकादमी के विश्व अर्थ अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान सुश्री छन फङ इंग ने संवाददाता के साथ साक्षात्कार में कहा कि एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन संभवतः वित्तीय बाजार को स्थिर बनाने, वित्त व्यवस्था का नव गठन करने तथा अपने अपने देश की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने की तीन पहलुओं पर विचार विमर्श करेगा । उन्हों ने कहाः

पहला विषय वित्तीय बाजार को स्थिर करना है , सम्मेलन में संयुक्त रूप से बाजार को स्थिर बनाने के ठोस कदमों पर विचार विमर्श किया जाएगा । दूसारा, अन्तरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था के सुधार के सवाल पर विचार विमर्श किया जाएगा, भारी वित्तीय संकट को फिर एक बार उत्पन्न होने से रोकने के लिए वर्तमान विश्व आर्थिक विकास के प्रतिकूल विश्व वित्त व्यवस्था का रूपांतरण करना लाजिमी है । इस के अलावा इस पर भी विचारों का आदान प्रदान होगा कि विभिन्न देश किसी तरह अपने अपने देश के मामलों को बखूबी अंजाम देंगे ,मसलन् अपने देश के वित्तीय बाजार को स्थिर करेंगे ।

सुश्री छन फङ इंग ने कहा कि एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन के इतिहास में वित्तीय संकट का मुकाबला करने में सफलता पाने की मिसाल मिलती है । 1997 में दक्षिणि पूर्व एशिया में वित्तीय संकट हुआ, इस के दूसरे साल लंदन में आयोजित दूसरे एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन में मुख्यतः वित्तीय संकट का सामना करने के तरीकों पर विचार विमर्श किया गया और एशिया यूरोप ट्रेस्ट कोष कायम करने का निर्णय लिया गया , जिस से एशियाई देशों को वित्तीय स्थिति को स्थिर करने और समाज पर संकट के कुप्रभाव को मिटाने में मदद मिली है । इसलिए यह अनुमान है कि मौजूदा शिखर सम्मेलन में भी विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए एक एशिया यूरोप कोष कायम करने पर विचार किये जाने की संभावना है।

रिपोर्टों के अनुसार एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन में एक अध्यक्षीय वक्तव्य जारी किया जाएगा, जिस में एशियाई यूरोपीय देशों से वित्तीय नीति क्षेत्र में वार्तालाप व सहयोग बढ़ा कर संयुक्त रूप से बैंकिंग ब्याज घटाने का कदम उठाने की अपील की जाएगी ।

चीनी आधुनिक संबंध अनुसंधान अकादमी के यूरोप अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान श्री फङ चुंग फिंग ने कहा कि वित्तीय संकट के अलावा विश्व मौसम परिवर्तन व ऊर्जा सवाल भी शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय होगा । उन्हों ने कहाः

एशिया और यूरोप ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा संसाधनों की विविधता, ऊर्जा पर सहयोग तथा मौसल के सवाल पर भी विचार विमर्श करेंगे। मौसम परिवर्तन सवाल पर यूरोप की बड़ी आशा बंधती है और वह उसे बढ़ावा देने का खास इच्छुक है । यानी नवोदित आर्थिक देशों द्वारा आर्थिक वृद्धि बनाए रखने के दौरान मौसम परिवर्तन का सामना करने के सवाल को भी ढांचागत कार्य में शामिल किया जाए।

38 देशों के राज्याध्यक्ष और सरकारी प्रधान पेइचिंग में शिखर सम्मेलन में भाग लेने आएंगे। उन की संख्या इस सम्मेलन के इतिहास में सब से अधिक है । यूरोप अनुसंधान प्रतिष्ठान के डाक्टर हु तावी ने कहा कि सम्मेलन के सदस्य शिखर सम्मेलन के विकास को बढ़ाना और विभिन्न क्षेत्रों में सार्थक सहयोग करना चाहते हैं।

वे सम्मेलन पर भारी महत्व देते हैं और यह एक प्रकार का बहुपक्षीय शिखर राजनयिक गतिविधि है । उस ने समूचे एशिया यूरोप सम्मेलन के विकास को बड़ी हितकारी राजनीतिक प्रेरणा व राजनीतिक गारंटी प्रदान की है । मेरे विचार में वह एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन भविष्य में व्यवस्थाकरण व विभिन्न क्षेत्रों में सार्थक सहयोग के विकास के लिए भारी महत्वपूर्ण है ।