2008-10-23 11:10:05

आपसी समझ बढाने से गलतफहमियों को दूर

चीनी तिब्बती विद्वान प्रतिनिधि मंडल ने 22 अक्तूबर को वार्सा में पोलिश संसद के पोलिश चीनी सांसद दल के अध्यक्ष मंडल के साथ वार्ता की और सांसद प्रतिनिधियों को तिब्बत के सामाजिक , आर्थिक और सांस्कृतिक विकास तथा तिब्बती पारम्परिक सांस्कृतिक संरक्षण , स्वतंत्र धार्मिक विश्वास और पारिस्थितिकि पर्यावरण संरक्षण से अवगत कराया , साथ ही प्रतिनिधि मंडल ने विशेष तौर पर 14 मार्च ल्हासा घटना की असलियत का परिचय भी दिया । 

चीनी तिब्बती विद्वान प्रतिनिधि मंडल के नेता , तिब्बती वैदेशिक सांस्कृतिक आदान प्रदान संघ के उपाध्यक्ष श्री शन खाई युन ने वार्ता के बाद हमारे संवाददाता से कहा कि चीनी प्रतिनिधि मंडल ने पोलिश सांसदों के साथ गहन रूप से बातचीत की , दोनों पक्षों को उम्मीद है कि गलतफ़हमियों को दूर करने के लिये आपसी समझ व सहयोग को बढ़ावा दिया जाय़ेगा । 

हमें महसूस हुआ है कि पोलिशों समेत बड़ी तादाद में विदेशी लोग तिब्बत के बारे में बहुत कम जानते हैं , क्योंकि पहले उन्हें केवल विदेशी मीडिया के जरिये जो संबंधित जानकारी प्राप्त हुई है , वह वास्तविकता से काफी दूर है , इसलिये उन के विचार में इसी प्रकार की प्रत्यक्ष वार्ता बहुत महत्वपूर्ण है , जिस से हमारे बीच आपसी समझ व आवाजाही को बढ़ावा मिलेगा ।

पोलिश चीनी सांसद दल के अध्यक्ष डोलनियाक ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि वे किसी राजनीतिज्ञ के बजाये तिब्बती सवाल विद्वानों से तिब्बत के विकास से परिचित हुए हैं , यह समझ के पुल की स्थापना और गलतफहमियों को दूर करने के लिये मददगार सिद्ध होगा । 

मौजूदा यात्रा का बड़ा महत्व है , क्योंकि तिब्बत सवाल पोलैंड ही नहीं , बल्कि विश्व के अन्य बहुत से देशों का ध्यानाकर्षक सवाल रहा है , विशेषकर पेइचिंग आलम्पिक खेल समारोह अभी अभी समाप्त हुआ है , इसलिये तिब्बत की इस रहस्यमय भूमि , तिब्बती रीति रिवाज व संस्कृति जैसे मौजूदा सवालों के बारे में जानना जरूरी है ।

श्री डोलनियाक का मानना है कि तिब्बत सवाल चीन का अंदरूनी मामला है , वार्तालाप के जरिये विवादित सवालों का समाधान करने की जरूरत है , न कि मुठभेड़ से ।

चीनी तिब्बती विद्वान प्रतिनिधि मंडल के नेता , तिब्बती वैदेशिक सांस्कृतिक आदान प्रदान संघ के उपाध्यक्ष शन खाई युन ने कहा कि आगे से दोनों पक्ष पर्यटन , परियावर्ण संरक्षण और पारम्परिक सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं । पोलिश को आशा है कि तिब्बती कला मंडली पोलैंड में प्रस्तुति करेगी । उन्हों ने इस का स्वागत करते हुए कहा  हमें यह उम्मीद भी है कि और अधिक पोलिश लोग चीन और तिब्बत के दौरे पर जायेंगे , एक नजर डालना सौ बार सुनने से कहीं बेहतर होता है , यदि वहां पर उन्हों ने जो देखा है सुना है , वह ठोस तथ्यों से नजदीक है ।

उसी दिन चीनी तिब्बती विद्वान प्रतिनिधि मंडल ने पोलैंड स्थित चीनी दूतावास , चीनियों , प्रवासी चीनियों और छात्रों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की और पूछे गये तिब्बत से जुड़े सवालों का जवाब दिया । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी के उप अनुसंधानकर्ता तावात्सरिंग ने अपनी आपबीती को लेकर पिछले दसियों सालों में , खासकर सुधार व खुलेद्वार नीति लागू किये जाने के बाद तिब्बत में हुए भारी परिवर्तनों का विवरण दिया ।

पर्याप्त कपड़े पहनने और पेट भर खाने की समस्या के समाधान से खुशहाल जीवन बिताने में काफी कठोर परिश्रम किये गये हैं , खासकर केंद्र सरकार की अभिरुचि और तिब्बती जनता के प्रयासों से तिब्बत की सामाजिक व्यवस्था व भौतिक जीवन का बड़ा विकास हो पाया है ।

पोलैंड चीन संघ की महा सचिव छन च्वो ने चीन के तिब्बती क्षेत्र का दौरा किया था । उन के विचार में संगोष्टी का आयोजन तिब्बत के बारे में ज्यादा जानने का अच्छा मौका है । उन्हें आशा है कि आइंदे तिब्बत और शिनच्यांग के बारे में इसी प्रकार वाली गतिविधियां ज्यादा की जायेंगी , ताकि वहां पर बसे चीनी मातृभूमि से अच्छी तरह परिचित हो सके ।

23 अक्तूबर को चीनी तिब्बती विद्वान प्रतिनिधि मंडल वार्सा विश्वाविद्यालय के अध्यपकों , छात्रों और मीडिया के प्रतिनिधियों को तिब्बत की स्थिति से अवगत करायेगा ।