2008-10-22 15:58:03

एशिया यूरोप सहयोग विश्व विकास के लिए योगदान करेगा

सातवां एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन 24 से 25 अक्तूबर तक पेइचिंग में होगा । चीनी विदेश मंत्री के सहायक श्री ल्यू च्ये यी ने हाल ही में संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि सहयोग के साथ विश्व वित्तीय संकट का सामना करना मौजूदा शिखर सम्मेलन का मुख्य मुद्दा होगा । एशिया और यूरोप का सहयोग विश्व के विकास के लिए भारी योगदान करेगा ।

सातवां एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन वर्तमान विशेष अन्तरराष्ट्रीय स्थिति आने के समय आयोजित होने जा रहा है, जिस में अमरीका के सबप्राइम संकट से पैदा हुआ विश्वव्यापी वित्तीय संकट जोर पकड़ रहा है। इसलिए शिखर सम्मेलन के मेजबान देश के नाते चीन ने सम्मेलन के विषयों में तब्दीली की और अन्तरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था व वित्तीय स्थिति को सम्मेलन का मुख्य अजंडा बनाया । चीनी विदेश मंत्री के सहायक श्री ल्यू च्येयी ने कहा कि वर्तमान संकट के सामने एशिया और यूरोप के देशों को सहयोग करते हुए गंभीर स्थिति का सामना करने की तीव्र समहति और पक्का इरादा हुआ है । वे सम्मेलन में पूर्ण विचार विमर्श के जरिए तदनुरूप उपलब्धियां प्राप्त कर सकेंगे। श्री ल्यू ने कहाः

एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन के सदस्य वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक व वित्तीय स्थिति के बारे में एक अध्यक्षीय वक्तव्य जारी करने की तैयारी कर रहे हैं, जिस का लक्ष्य वर्तमान आर्थिक व वित्तीय संकट का मुकाबला करना है । इस से यह भी जाहिर है कि एशियाई व यूरोपीय देश एक साथ मिल कर संकट को दूर करने और आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के संकल्पबद्ध हैं।

याद रही कि वर्ष 1997 में एशिया का वित्तीय संकट हुआ, इस के दूसरे साल लंदन में आयोजित दूसरे एशिया यूरोप शिखर सम्मेल में मुख्यतः संकट का सामना करने की नीति पर विचार विमर्श किया गया और वित्तीय संकट के कुप्रभाव को मिटाने में एशियाई देशों को मदद देने के लिए एशिया यूरोप ट्रेस्ट कोष कायम करने का निर्णय लिया गया । यह वित्तीय क्षेत्र में एशिया व यूरोप के सफल सहयोग की एक आदर्श मिसाल है। श्री ल्यू च्येयी ने कहा कि विश्वास है कि मौजूदा शिखर सम्मेलन में सहयोग बढ़ा कर पूंजी निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने के सवाल पर गहन विचार किया जाएगा और संयुक्त रूप से संकट से उबरने के तरीके ढूंढ निकाले जाएंगे।

वित्तीय संकट के अलावा सम्मेलन में ऊर्जा व मौसम परिवर्तन, अनाज सुरक्षा इन दो अहम समस्याओं पर भी विचार विनिमय किया जाएगा और विपत्ति बचाव व राहत कार्य में सहयोग, अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्थितियों तथा एशिया व यूरोप के बीच व्यापार, निवेश तथा निरंतर विकास आदि अनेक मसलों पर भी रायों का आदान प्रदान होगा।

श्री ल्यू के अनुसार मौजूदा सम्मेलन के पूर्वानुमानित उपलब्धियों में मुख्यतः राजनीतिक उपलब्धि दस्तावेज और सहयोग के प्रस्ताव शामिल हैं। राजनीतिक उपलब्धि संबंधी दस्तावेज के लिए सम्मेलन में अध्यक्षीय वक्तव्य और निरंतर विकास का पेइचिंग घोषणा पत्र दो दस्तावेज पारित किए जाएंगे । अध्यक्षीय वक्तव्य में सम्मेलन में विचारार्थ सवालों पर नेताओं के रूखों, रायों और प्रयास के जरूरी क्षेत्रों का खुलासा निकाला जाएगा । निरंतर विकास का पेइचिंग घोषणा पत्र के मुख्य विषयों में संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्य, ऊर्जा व मौसम परिवर्तन, सामंजस्यपूर्ण समाज शामिल हैं। जिस का मकसद एशिया यूरोप के देशों में समहति बढ़ाना है । इन के अलावा सहयोग के प्रस्तावों पर विचार भी किया जाएगा और सदस्यों के बीच राजनीतिक वार्तालाप, आर्थिक व्यापारिक सहयोग व सामाजिक सांस्कृतिक आदान प्रदान पर भी सहयोग बढ़ाया जाएगा।

श्री ल्यू च्येयी ने कहा कि एशिया यूरोप शिखर सम्मेलन के सदस्यों की कुल जन संख्या विश्व जन संख्या का 57 प्रतिशत बनती है और सकल आंतरिक उत्पादन मूल्य विश्व के आधे भाग से भी ज्यादा है। दोनों के सहयोग से विश्व के विकास के लिए भारी योगदान किया जाएगा।

यदि एशिया और यूरोप सहयोग के जरिए दोनों महाद्वीपों के कार्य को बखूबी अंजाम देंगे, तो विश्व के आधे भाग की स्थिति सुस्थिर की जा सकती है और विश्व वित्तीय स्थिरता, विश्व आर्थिक वृद्धि व विकास के लिए असाधारण योगदान करेंगे । इसलिए एशियाई व यूरोपीय देशों को यह सहमति प्राप्त हुई है कि वे आपसी सहयोग बढ़ाएंगे, संयुक्त रूप से एशिया और यूरोप के देशों के लिए एक और सुन्दर भविष्य बनाने की कोशिश करेंगे ।

सूत्रों के अनुसार अब तक 38 राज्याध्यक्षों और सरकारी प्रमुखों ने सातवें सम्मेलन में भाग लेने का निश्चय किया है, जो एक नया रिकार्ड है।