2008-10-20 17:07:17

चीन ने ग्रामीण भूमि पर अनुबंध अधिकार के अदला बदली को निश्चित किया

19 अक्तूबर को चीन ने ग्रामीण सुधार बढाने के बारे में एक अहम दस्तावेज जारी किया , जिस में स्पष्ट शब्दों में किसानों को कानूनी रूप से भूमि पर अपने संचालन के अनुबंध अधिकार बदलने की अनुमति देने की नीति तय हुई है । दस्तावेज में कहा गया है कि देहांतों में भूमि पर ठेके के अनुसार संचालन के अधिकार हस्तांतरित करने का बाजार कायम होना चाहिए, किसानों को उचित पैमाने पर कृषि उत्पादन का विकास करने की अनुमति दी जाएगी । इस पर चीनी कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी और कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ा देगी ।

यह नीतिगत दस्तावेज अभी अभी समाप्त हुए कम्युनिस्ट पार्टी की 17 वीं केन्द्रीय कमेटी के तीसरे पूर्णाधिवेशन में पारित हुआ है और किसानों की शुद्ध आय 2020 तक 2008 से दुगुनी बढ़ाने की योजना का एक भाग भी है।

गत सदी के 70 वाले दशक के अंत में चीन ने देहातों में किसान परिवार द्वारा खेतों को ठेके पर लेने की नीति लागू की, इस के तहत ग्रामीण भूमि सामुहिक स्वामित्व की संपत्ति होती है और उस पर खेतीबाड़ी का अधिकार दीर्घकालीन अनुबंध के अनुसार किसानों को सौंपा जाता है। लेकिन तत्कालीन नीति के अनुसार खेतों को किसानों को उत्पादन के लिए वितरित किए जाते हैं और किसानों को खेतों के ठेके को किसी भी रूप में दूसरों को हस्तांतरित करने की इजाजत नहीं है ।

चीनी कृषि मंत्रालय के ग्रामीण अर्थ अनुसंधान केन्द्र के अनुसंधान कर्ता चाओ यु थ्यान ने कहा कि नई नीति के अनुसार किसानों को कानूनी तौर पर भूमि पर संचालन के ठेके को बदलने की अनुमति दी जाएगी , यह पुरानी भूमि प्रबंध व्यवस्था का एक भारी रूपांतरण है । उन्हों ने कहाः

इस नीति के दो महत्व होते हैं । एक , वास्तव में इस शताब्दी में भूमि के प्रचलन की गति काफी तेज हो गयी, नीतिगत समर्थन के बिना इस प्रकार का प्रचलन बीच में नष्ट हो सकता है। मौजूदा तीसरे पूर्णाधिवेशन में पारित दस्तावेज ने नीतिगत समर्थन दिया और भूमि के प्रचलन को मानककृत कर दिया है । दो, इस नीति से उत्पादन शक्ति के विकास और तकनीकी प्रयोग को प्रेरणा दी जाएगी और कृषि उत्पादन के विकास के लिए देशी विदेशी पूंजी आकर्षित होगी और ग्रामीण विकास व किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए बड़ा महत्व रखेगी है ।

दस्तावेज में कहा गया है कि किसानों को खेतों पर ठेका बदलने , किराये पर भूमि देने, अदला बदली और शेयर सहयोग आदि रूपों में भूमि पर संचालन के अनुबंध बदलने की अनुमति दी जाती है और भूमि का हस्तांतरण कानून के मुताबिक स्वेच्छे और आपूर्त्ति के सिद्धांत पर होना चाहिए। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय ने देहाती भूमि पर संचालन के ठेके को और सुधार लिया है और अनुबंधित भूमि पर किसानों के स्वामित्व, प्रयोग और मुनाफे के अधिकार और स्पष्टतः सुनिश्चित किया गया है ।

एक बड़ा कृषि प्रधान देश होने के कारण 70 करोड़ चीनी किसानों के अधिकांश लोग कम रकबा खेतों पर अलग थलग खेतीबाड़ी करते हैं और उन की उत्पादन शक्ति ऊंची नहीं है । यदि भूमि पर अनुबंध के अधिकार अदला बदली करने से भूमि पर उत्पादन का एकीकरण हो सके , तो बड़े पैमाने वाले संचालन के जरिए चीनी कृषि उत्पादन शक्ति उन्नत की जा सकेगी और किसानों की आय बढ़ायी जा सकेगी तथा शहरीकरण की गति तेज होगी ।

श्री चाओ थुथ्य़ान ने कहा कि इस दस्तावेज ने किसान परिवार द्वारा भूमि को ठेके पर लेने की जिम्मेदारी व्यवस्था मजबूत की है और भूमि की प्रबंध व्यवस्था का नया व कारगर रूप भी ईजात किया है । उन्हों ने कहा कि इस से किसानों को उत्पादन और आय दोनों की वृद्धि का लाभ मिलेगा।

किसानों को भूमि के प्रचलन व बड़े पैमाने वाले संचालन की इजाजत दी जाने से किसानों की आय व पैदावार अवश्य बढ़ जाएगी, साथ ही कुछ उत्पादन तत्व यानी पूंजी, नयी तकनीकों को कृषि उत्पादन में प्रवेश के लिए आकर्षित भी किया जाएगा और एक नया कृषि बाजार भी उभरेगा ,जिस से किसानों की आय में वृद्धि होगी ।