2008-10-13 10:17:48

कोरिया की नाभिकीय समस्या के समाधान में भारी प्रगति प्राप्त हुई

जनवादी कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 12 तारीख को अमरीका द्वारा जनवादी कोरिया को आतंकवाद समर्थक देशों की नामसूची से हटाने का निर्णय लिए जाने का स्वागत किया , जबकि कोरिया गणराज्य और जापान ने अमरीके के निर्णय पर अलग अलग प्रतिक्रिया की । लोकमतों का कहना है कि इस घटना के विकासक्रम से जाहिर है कि गतिरोध में फंसी कोरियाई नाभिकीय समस्या के समाधान में भारी प्रगति प्राप्त हुई है ।

अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मक्कार्मेक ने 11 तारीख को घोषणा की कि चूंकि अमरीका और जनवादी कोरिया के बीच कोरियाई नाभिकीय संस्थापनों की जांच-पुष्टि के सवाल पर समझौता संपन्न हुआ है , इसलिए अमरीका ने जनवादी कोरिया को आतंकवाद समर्थक देशों की नामसूची से हटाने का फैसला लिया है । श्री मक्कार्मैक ने यह भी कहा कि जनवादी कोरिया योंगब्योन नाभिकीय संयंत्र की कार्यक्षमता हटाना जारी रखेगा और अमरीका और अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था को वहां फिर से जांच करने की अनुमति देगा । अमरीकी सहायक विदेश मंत्री हिल की हालिया कोरिया यात्रा के दौरान कोरिया के साथ संपन्न हुए समझौते के अनुसार कोरिया की नाभिकीय योजना की जांच के दायरे में प्लुटोनियम मुद्दा और युरेनियम संवर्द्धन व प्रसार से संबंधित सभी कार्यवाही शामिल हैं । दोनों पत्रों की सहमति पर छै पक्षीय वार्ता के देशों के विशेषज्ञ भी सभी घोषित व नहीं घोषित हुए संस्थापनों में जा सकेंगे । दोनों पक्ष इस पर भी सहमत हुए हैं कि जांच के दौरान वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाएंगे । श्री मक्काईमैक ने कहा कि मौजूदा समझौता और सहमति छै पक्षीय वार्ता के अन्य सदस्य देशों को भी बताये गए हैं ।

जनवादी कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 12 तारीख को इस पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि अमरीका ने राजनीतिक क्षतिपूर्ति के बारे में अपने वचन का पालन किया है और अमरीका व कोरिया के बीच नाभिकीय कार्यक्षमता हटाने के दौर से मेल खाने वाली मांग और न्यायोचित जांच व्यवस्था पर समझौता किया है, जब छै पक्षीय वार्ता में 3 अक्तूबर 2007 को संपन्न हुए समझौते का पूरी तरह पालन किया गया है, तो जनवादी कोरिया नाभिकीय कार्यक्षमता हटाने के लक्ष्य की जांच पर सहयोग करेगा ।

कोरिया गणराज्य और जापान ने 12 तारीख को अलग अलग प्रतिक्रिया की । कोरिया गणराज्य के छै पक्षीय वार्ता प्रतिनिधि मंडल के नेता किम सूक ने कहा कि कोरिया गणराज्य जनवादी कोरिया को आतंकवाद समर्थक देशों की नामसूची से हटाने के अमरीका के निर्णय का स्वागत करता है और आशा करता है कि छै पक्षीय वार्ता निकटभविष्य में आयोजित होगा। उन्हों ने यह भी कहा कि कोरिया गणराज्य की सरकार मानती है कि अमरीका का यह निर्णय छै पक्षीय वार्ता को सामान्य रास्ते पर लाने तथा अंत में जनवादी कोरिया को नाभिकीय योजना छोड़ने के लिए प्रेरित करने वाला अच्छा अवसर है । लेकिन जापान ने इस पर असंतोष व्यक्त किया कि अमरीका ने बंधक सवाल के समाधान से पहले ही कोरिया को आतंकवाद समर्थक देशों की नामसूची से हटाया है। जापानी विदेश मंत्री हिरोफुमी ने कहा कि जापान संबंधित देशों के साथ सहयोग कर यथाशीघ्र जांच के ठोस ढांचागत दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेगा ।

कोरिया गणराज्य और अमरीका के विद्वानों ने इस प्रगति पर अपनी अपनी राय जतायी । मीडिया ने माना है कि अमरीका और जनवादी कोरिया के बीच संपन्न समझौता कोरियाई नाभिकीय समस्या के समाधान की दिशा में एक अहम प्रगति है । कोरिया गणराज्य और अमरीका व जापान के रवैये से यह संकेत मिला है कि छै पक्षीय वार्ता जल्द ही बहाल होने की आशा है । विभिन्न पक्ष समझौते व सहमति के आधार पर अन्त में जनवादी कोरिया द्वारा प्रस्तुत नाभिकीय योजना की विवरण रिपोर्ट की जांच के ठोस तौर तरीके पर समझौता करेंगे ,यह छै पक्षीय वार्ता के गत जुलाई के प्रतिनिधि मंडल के नेताओं में निर्धारित कार्य है ।

विश्लेषकों का कहना है कि जांच-पुष्टि के सवाल पर जनवादी कोरिया और अमरीका दोनों ने लचीलापन दिखाया और समझौता संपन्न किया । अमरीका ने सभी मांगों को समझौते में लिखने का दावा किया और जनवादी कोरिया को अमरीका से राजनीतिक क्षतिपूर्ति मिली है। जनवादी कोरिया अपनी विवरण रिपोर्ट में शामिल और नहीं शामिल विभिन्न नाभिकीय संस्थापनों व कार्यवाहियों को जांच के क्षेत्र में शामिल करने पर राजी हुआ और अमरीका भी इस पर कायम नहीं रहा कि वह बिना सूचना दिए ही कोरिया के किसी भी स्थानों में जांच करने जा सके। और यह सहमति हुई है कि दोनों पक्षों की सहमति पर जांच की जाएगी । कुछ अमरीका व कोरिया गणराज्य के विद्वानों का कहना है कि कोरिया को आंतकवाद समर्थक देशों की नामसूची से हटाना मात्र जनवादी कोरिया द्वारा नाभिकीय योजना छोड़ने की एक कड़ी है , आगे का रास्ता समतल नहीं होगा, जनवादी कोरिया द्वारा नाभिकीय योजना छोड़ने की प्रक्रिया अनेक सालों की होगी ।