2008-10-10 16:45:39

पिछले तीस सालों में चीन के शिक्षा कार्य ने लम्बी छलांग लगायी

दोस्तो , 1978 से लेकर अब तक चीनी शिक्षा कार्य में विश्वविख्यात उपलब्धियां हासिल हुई हैं और पिछले तीस सालों के समय में जो लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है , उसे साकार करने में विकसित देशों को सौ वर्ष लग गये थे । वर्तमान में चीन ने नौ वर्ष अनिवार्य शिक्षा और प्रौढ़ वयस्कों की साक्षरता का लक्ष्य साकार कर लिया है , उच्च शिक्षा भी लोकप्रिय दौर में प्रविष्ट हो गयी है । 

लम्बे अर्से से चीन सरकार शिक्षा और देश को शक्तिशाली बनाने के लिये मानव संसाधन के महत्व पर जोर देती आयी है । विशेषकर सुधार व खुलेद्वार नीति लागू किये जाने के बाद तेज आर्थिक विकास के चलते चीन सरकार ने लगातार शिक्षा कार्य में ज्यादा धन राशि लगायी , जिस से शिक्षा कार्य को बड़ा बढावा मिला है ।

चीनी शिक्षा सोसाइटी के अध्यक्ष श्री कू मिंग य्वान ने चीनी शिक्षा के विकासक्रम की चर्चा में कहा केवल पिछले तीस सालों में हमारे देश ने एक अत्यंत पिछड़े सांस्कृतिक व बड़ी जनसंख्या वाले देश से एक बड़े मानव संसाधन संपन्न देश का रूपधारण कर लिया है , इसी बीच निम्न दो ऐतिहासिक छलांग लगयी गयी हैं कि प्रथम , नौ वर्ष अनिवार्य शिक्षा प्रणाली लागू हो गयी है और दूसरा उच्च शिक्षा लोकप्रिय दौर में प्रविष्ट हो चुकी है , यह एक कमाल की बात मानी जा सकती है ।

1949 में चीन लोक गणराज्य की स्थापना के समय अनपढ़ लोग देश की कुल जनसंख्या का 80 प्रतिशत से अधिक थे , प्राईमरी स्कूली छात्रों की भरती दर केवल 20 प्रतिशत थी और मीडिल स्कूली छात्रों की भरती दर मात्र 6 प्रतिशत थी । 1986 में चीन ने जारी अनिवार्य शिक्षा कानून में पहली बार स्कूली उम्र वाले बाल बच्चों को स्कूल जाने की गारंटी के लिये नौ वर्ष अनिवार्य शिक्षा प्रणाली स्पष्ट की । अनेक सालों के अथक प्रयासों के जरिये चीन ने बुनियादी तौर पर अनिवार्य शिक्षा लोकप्रिय बनायी है ।

चीनी शिक्षा मंत्रालय के बुनियादी शिक्षा विभाग के उप डायरेक्तटर वांग तिंग ह्वा ने कहा कि चीन ने तीस सालों से कम कमय में जो अनिवार्य शिक्षा लक्ष्य प्राप्त कर लिया है , उसे साकार करने में अमरीका व जापान जैसे विकसिक देशों को सौ वर्ष लग गये । उन का कहना है कि 2007 के अंत तक समूचे देश में 99.3 प्रतिशत के स्कूली उम्र वाले बाल बच्चे नौ वर्ष अनिवार्य शिक्षा पाते थे और सारे देश की 98.5 प्रतिशत की कांऊटियों में नौ वर्ष अनिवार्य शिक्षा प्रणाली लागू हो गयी है । आगामी 2010 तक चीन की सभी कांऊटियों में नौ वर्ष अनिवार्य शिक्षा का लक्ष्य प्राप्त होगा ।

पता चला है कि 2006 में जारी नये अनिवार्य शिक्षा कानून के अनुसार अनिवार्य शिक्षा की गारंटी चीनी राजकीय वित्त देगा , ताकि गरीब परिवारों का आर्थिक बोझ कम किया जा सके । 2006 से 2010 तक के दौरान चीन की विभिन्न स्तरीय सरकारें ग्रामीण अनिवार्य शिक्षा में और दो खरब 70 अरब य्वान जुटायेंगी । श्री वांग तिंग ह्वा ने इस की चर्चा में कहा 2007 में समूचे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण अनिवार्य शिक्षा पाने वाले छात्रों की सभी फीस मुक्त कर दी गयी है और 15 करोड़ ग्रामीण प्राईमरी व मीडिल स्कूली छात्रों को लाभ मिला है । चालू वर्ष के सितम्बर से शहरी अनिवार्य शिक्षा प्रणाली भी लागू हो गयी ।

1977 में चीन ने सांस्कृतिक महान क्रांतिकारी आंदोलन से स्थगित राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भारती परीक्षा बहाल की है , जिस से उच्च शिक्षा की बहाली ने चीन के आधुनिक निर्माण को प्रबल समर्थन दिया है । चालू वर्ष में चीनी उच्च शिक्षा प्रतिष्ठानों में कुल 60 लाख नये छात्रों को दाखिला दिया गया है , जो दस साल का चौगुना है और भरती दर 57 प्रतिशत है ।

रिपोर्ट के अनुसार सुधार व खुलेद्वार नीति लागू किये जाने के पिछले तीस सालों में चीनी शिक्षा कार्य ने भी विदेशों के साथ व्यापक सम्पर्क कायम किया है । 1978 से 2007 के अंत तक कुल 12 लाख 21 हजार चीनी छात्र विदेशों में पढ़ने गये और ये छात्र चीनी आर्थिक व सामाजिक विकास की प्रमुख शक्ति बन गये । साथ ही चीन ने क्रमशः 12 लाख से अधिक विदेशी छात्रों का ग्रहण भी कर लिया और विश्व के 188 देशों व क्षेत्रों के साथ शिक्षा सहयोग व आवाजाही संबंध स्थापित किये हैं ।