हमारे संवाददाता को इन्टरव्यू देते समय आया ने अभी-अभी चीन में खरीदा गया चीनी परंपरागत कपड़ा छीफाऊ, जिस पर आलंपिक की शुभंकर फ़ूवा भी कढ़ा हुआ है, पहना हुआ था और बहुत खूबसूरत दीख रही थीं। उन्होंने कहा कि, मुझे चीन बहुत पसंद है, खास तौर पर पेइचिंग। मैंने इसलिये यह छीफाऊ खरीदा, क्योंकि न सिर्फ़ वह चीन का परंपरागत कपड़ा है, बल्कि इस पर पेइचिंग आलंपिक को भी प्रतिबिंबित किया गया है। इस छीफाऊ पर आलंपिक के पांच शुभंकर हैं, उन के नाम हैं पेपे, चिनचिन, ह्वानह्वान, इनइन, नीनी, इस का मतलब है पेइचिंग आप का स्वागत करता है।
21 वर्ष की छात्रा नूर नसरानी को अरबी, अंग्रेज़ी, फ्रांसीसी व स्पेनिश आती है। वर्तमान में वह कन्फ्युशियस कॉलेज में चीनी भाषा सीख रही है। उस ने कहा कि चीन की यात्रा के बाद उसे आशा है कि भविष्य में वह चीन में काम करने का मौका प्राप्त कर सकेगी। और वह चीनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने की एक सांस्कृतिक दूत भी बनना चाहती है। उस की मां ने संवाददाता को बताया कि वे अपनी बेटी के चुनाव का पूरा समर्थन करती हैं। उन्होंने कहा कि, वह बचपन से ही चीनी भाषा सीखना चाहती थी। उस के ख्याल से चीन एक बहुत दूर देश है। उसने इसलिये चीनी भाषा चुनी, क्योंकि उसे चीन की सभ्यता, रीति-रिवाज़ व चीनी लोग पसंद हैं। मैं अक्सर उसे प्रोत्साहित करती हूं। आशा है वह चीन व लेबनान के बीच संबंधों को बनाए रख सकेगी।
लेबनान स्थित चीनी राजदूत श्री ल्यू ची मिंग ने संवाददाता को कहा कि कन्फ्युशियस कॉलेज की स्थापना के बाद बहुत अच्छी सामाजिक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि, वर्ष 2007 के आरंभ में लेबनान के बेरुत सेंट जोसेफ़ यूनिवर्सिटी में चीन ने अरब संसार का पहला कन्फ्युशियस कॉलेज स्थापित किया है। एक साल में उसे बहुत अच्छी सामाजिक प्रतिक्रिया मिली है। न सिर्फ़ चीनी भाषा की पढ़ाई अच्छी तरह से चल रही है, बल्कि चीनी चिकित्सा की शिक्षा आदि गतिविधियों का आयोजन भी किया गया है।
लेबनान के संस्कृति मंत्रालय के उप मंत्री श्री ओमर हालाबलाब ने कहा कि लेबनानी संस्कृति मंत्रालय ने चीन के द्वारा अरब संसार में पहला कन्फ्युशियस कॉलेज लेबनान में स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि, लेबनान व चीन का संबंध बहुत दीर्घकालीन है, जो इतिहास के रेशम मार्ग से आज तक है। हालांकि भूगोल में चीन व अरब संसार तथा लेबनान के बीच बहुत लंबी दूरी है, लेकिन दोनों पक्ष विभिन्न क्षेत्रों में लगातार संपर्क रखते हैं। हम भविष्य में इस तरह के सहयोग को मजबूत करने और दोनों देशों के मैत्रिपूर्ण संबंधों को घनिष्ठ बनाने की प्रतीक्षा में हैं।(चंद्रिमा)