2008-10-10 15:31:14

मुस्कराना पेइचिंग का सब से अच्छा नाम कार्ड है

हाल में समाप्त होने वाले पेइचिंग ऑलंपिक में लगभग 14 लाख 70 हजार स्वयं सेवकों ने प्रतियोगिताएं करने, सुरक्षा करने और यातायात की गारंटी करने आदि क्षेत्रों में सेवा दी है। विश्व के विभिन्न देशों से आए दोस्तों ने उन की सेवा का उच्च मूल्यांकन किया है। इसलिए इस ऑलंपिक की समापन रस्म पर अंतर्राष्ट्रीय ऑलंपिक समिति ने पहली बार पेइचिंग ऑलंपिक के स्वयं सेवकों के लिए फूल पेश करने की विशेष रस्म का भी प्रबंध किया।

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25 वर्षीय सुश्री मा सू फेंग थाइलैंड से आयी हैं। वह पेइचिंग ऑलंपिक हॉट लाइन केंद्र की स्वयं सेवक है। वह चीनी प्रवासी है और पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय भाषा विश्वविद्यालय के चीनी भाषा विभाग में डॉक्टर का कोर्स कर रही हैं। वह सन् 2004 में पढ़ने के लिए चीन आयीं। उस समय से वह पेइचिंग ऑलंपिक पर ध्यान दे रही हैं।

पेइचिंग ऑलंपिक आयोजित करने समय बहुत विदेशी खिलाड़ी, संवाददाता और पर्यटक पेइचिंग में आए। भाषा की समस्या उन के सामने पेइचिंग में आकर पहली समस्या है। इसलिए पेइचिंग ऑलंपिक आयोजन समिति ने भाषा सेवा देने वाले स्वयं सेवक संगठित किए। सुश्री मा सू फेंग इन स्वयं सेवकों में से एक है।

सन् 2008 में सुश्री मा सू फेंग बहुत कोशिश करके पेइचिंग ऑलंपिक की एक स्वयं सेवक बन गयीं। यह उस के लिए एक बहुत गौरवपूर्ण बात है। इस के साथ वह पैराऑलंपिक में सेवा देने को भी तैयार है।

अब मैं पैराऑलंपिक में स्वयं सेवक का काम करने को तैयार हूं। यह एक बहुत अच्छा मौका है। पेइचिंग में पढ़ने के साथ ऑलंपिक के लिए स्वयं सेव देना अच्छी बात है। बहुत से चीनी दोस्त स्वयं सेवक नहीं बनने पर दुखी हैं। कुछ विदेशी दोस्त भी ऑलंपिक के स्वयं सेवक बनने के लिए पेइचिंग आए हैं। लेकिन वे पेइचिंग ऑलंपिक के स्वयं सेवक नहीं बन पाए। इसलिए यह मौका मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

पेइचिंग ऑलंपिक के बहुसंख्यक स्वयं सेवक पेइचिंग विश्व विद्यालय के विद्यार्थी हैं। इन के अलावा कुछ विदेशी स्वयं सेवक और चीनी प्रवासी भी इन में शामिल हैं। इस वर्ष के जून में ब्रिटेन के बाथ विश्वविद्यालय से स्नातक होने वाले सुश्री वांग फान पेइचिंग ऑलंपिक में ब्रिटेन के प्रतिनिधि मंडल के प्रधान की सलाहकार हैं। ऑलंपिक के दौरान सुश्री वांग फान बहुत व्यस्त हैं। हर दिन बहुत अधिकारियों के साथ बातचीत करती हैं और मीडिया के इन्ट्रव्यु में भाग लेती हैं। वह हर दिन रात को 10 बजे के बाद वापस जाती है और बस में एक घंटा लगाकर घर वापस जाती हैं। लेकिन सुश्री वांग फान को थकान नहीं लगती। उस ने कहा कि इन दिनों ब्रिटेन के प्रतिनिधि मंडल के साथ काम करते समय उसे एक चीनी होने पर गौरव महसूस होता है।

पेइचिंग ऑलंपिक की उद्धाटन रस्म समाप्त होने के बाद मैं ने ब्रिटेन के प्रतिनिधि मंडल के प्रधान से यह पूछा कि उन्हें कैसे लगा। उन्होंने कहा कि यह उन के भाग लेने वाले सब ऑलंपिकों में सब से अच्छा है। मैं यह सुन कर बहुत खुश हूं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन का ऑलंपिक गांव बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 12 बार ऑलंपिक में भाग लिया है, चीन का ऑलंपिक गांव सब से अच्छा है। उन्होंने विभिन्न मीडिया से भी उक्त बात कही। उसी समय मुझे एक चीनी होने पर बहुत गौरव महसूस हुआ।

व्यायामशाला में सेवा देने वाले स्वयं सेवकों के अलावा पेइचिंग के शहर में भी बहुत स्वयं सेवक हैं। उन का कार्य है पेइचिंग के मार्गों पर पेइचिंग ऑलंपिक में भाग लेने के लिए आए पर्यटक, नागरिकों को सूचना सेवा व मदद देना।

पश्चिमी पेइचिंग में स्थित शी चिन शान मनोरजंन पार्क के द्वार पर ऐसी एक सेवा चौकी है। यहां सेवा देने वाले सब स्वयं सेवक विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हैं। उन की उम्र लगभग 21 साल है। हर दिन वे यहां आकर सुबह 9 बजे से शाम को 5 बजे तक सेवा देते हैं। वे पर्यटकों को मदद देते हैं और देश विदेशी दोस्तों को अपने नेम कार्ड देते हैं। बहुत व्यस्त हैं लेकिन वे थकते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऑलंपिक चीन का एक बहुत महत्वपूर्ण समारोह है। मुझे स्वयं सेवक बनने के लिए गौरव महसूस होता है। पेइचिंग शहर के स्वयं सेवक बनना एक गौरव की बात है।

स्वयं सेवकों में विद्यार्थियों के अलावा ऑलंपिक के लिए काम करने वाले चीन के विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्ति भी शामिल हैं। बर्ड नेस्ट में एक विशेष स्वयं सेविका हैं। वे चीन के पूर्व राष्ट्रीय छाया मुक्केबाजी की चैपिंयन वू मिन हैं। वे श्री ली ल्यान ज्ये के साथ चीन की राष्ट्रीय छाया मुक्केबाजी टीम में थीं। सन् 1996 में वे जर्मनी गयीं और पोर्लिन में काम करती हैं। इस बार वे जर्मनी के प्रतिनिधि मंडल के साथ चीन आयीं और बर्ड नेस्ट में अनुवाद की सेवा देने की स्वयं सेविका बनीं।

उन्होंने कहा कि स्वयं सेवक का काम कठिन है। लेकिन पेइचिंग लोग स्वयं सेवकों को मदद और समर्थन देते हैं।

जर्मनी से वापस जाने के बाद शरीर अच्छा नहीं था। स्वयं सेवक का काम सुबह से आरंभ होता है। मैं सुबह 4 बजे उठती हूं और बर्ड नेस्ट में जाकर तैयारी करती हूं। दो दिनों के बाद बीमार हो गयी। हम स्वयं सेवक का काम करने के लिए आए हैं लेकिन बाद में ज्यादा व्यक्ति हमारी चिंता करते हैं और मदद देते हैं। हम बहुत प्रभावित हैं।

नौजवानों के अलावा पेइचिंग के शहर में बहुत बूढे भी स्वयं सेवक का काम कर रहे हैं। वे मार्गों पर नागरिकों व पर्यटकों के लिए सेवा कार्य करते हैं। 66 वर्षीय सुश्री छांग जी फू एक ऐसे स्वयं सेवक हैं। उन्होंने कहा कि पेइचिंग ऑलंपिक में भाग लेने के लिए वे अंग्रेजी भी पढ़ रही हैं।

मैं ऑलंपिक खेल पसंद करती हूं और दूसरे लोगों की मदद करना पसंद करती हूं। स्वयं सेवक का काम करना मेरी आशा है। ऑलंपिक की सेवा करने के लिए मैं ने विभिन्न तैयारी कार्य किया है। मैं ने अंग्रेजी पढ़ी है और विभिन्न तकनीक भी सीखी हैं।

17 दिवसीय पेइचिंग ऑलंपिक समाप्त हुआ है। देश विदेश के पर्यटकों ने स्वयं सेवक के कार्य और कोशिश की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि मुस्कराना पेइचिंग का सब से अच्छा नेम कार्ड है।