2008-10-09 17:10:45

चीन ने आर्थिक वृद्धि को बनाये रखने के लिये ब्याज दरों में कटौती की

दोस्तो , जब अमरीका और ब्रिटेन जैसे विश्व के प्रमुख देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर घटाने की घोषणा की है , तो चीनी केंद्रीय बैंक यानी चीनी जन बैंक ने 8 अक्तूबर को बैंकों में जमा खाते व कर्ज के ब्याज की दरों में क्रमशः 0.27 प्रतिशत और कंजर्व फंड में 0.5 प्रतिशत घटाने की घोषणा भी की है । चीनी अर्थ शास्त्रियों का विचार है कि इस कदम का मकसद घरेलू आर्थिक वृद्धि की प्रवृति को बनाये रखना है , साथ ही चीन का विभिन्न देशों के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट का मुकाबला करने का इरादा भी जाहिर हो गया है । 

भीषण रुप ले रहे वित्तीय संकट से भूमंडलीय अर्थतंत्र पर लगे धक्के को कम करने के लिये अमरीकी फेडरेल रिजर्व और यूरोपीय केंद्रीय बैंक समेत विश्व के 6 प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने 8 अक्तूबर को संयुक्त रूप से ब्याज दरों में बड़ी हद तक कटौती की । हालांकि चीनी वित्तीय व्ववस्था पर अभी तक ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है , पर फिर भी निर्यात की विदेशी मांग कम नजर आती है और आम आर्थिक वृद्धि की संभावना में भारी अनिश्चितताएं मौजूद हैं ।

चीनी वैदेशिक व्यापार विश्वविद्यालय के बैंकिंग कालेज के उप कुलपति श्री तिंग ची च्ये ने कहा कि ऐसी स्थिति में चीनी केंद्रीय बैंक का विश्व के प्रमुख बैंकों के साथ समान कार्यवाही करने का मुख्य उद्देश्य मुद्राओं की तरलता बढाना , उद्यमों की पूंजी जुटाने की लागत कम करना और आर्थिक वृद्धि प्रवृति को बरकरार रखना है । 

कर्ज के ब्याज की दर में कटौती उद्यमों की पूंजी जुटाने की लागत कम करने के लिये लाभदायक है , जब कि बैंकों में जमा खाते के रिजर्व फंड में कटौती से उद्यमों को पूंजी से ज्यादा लाभ मिलेगा , इसी दृष्टि से देखा जाये , तो भविष्य में उद्यमों के संचालन और पूर्वार्द्धा में उद्यमों के मुनाफे में आयी गिरावट को बदलने के लिये अनुकूल भी है ।

एक ही महीने में दो बार ब्याज दर घटाने से जाहिर है कि चीन सरकार की मुद्रास्फीति के दबाव पर चिन्ता कुछ हद तक कम हो गयी है और मुद्रा नीति का जोर आर्थिक वृद्धि बरकरार रखने पर दिये जाने लगा है ।

विशेषज्ञों ने साथ ही यह भी जता दिया है कि चालू वर्ष में चीनी नागरिक उपभोक्ता दाम सूचकांक बराबर गिर रहा है , मुद्रास्फीति का दबाव कम हो गया है . साथ ही अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख मालों के दामों में भी गिरावट नजर आयी है । इसीलिये ब्याज की दरों में कटौती से चीजों के दामों में वृद्धि नहीं होगी ।

चीन सरकार ने 8 अक्तूबर को बैंकों में जमा खाते की ब्याज दर की व्यक्तिगत आयकर को मुक्त करने की जो घोषणा की है , उस से जमा खाते के ब्याज की दर में कटौती से उत्पन्न क्षेति को कम करने के लिये लाभदायक है ।

चीनी जन विश्वविद्यालय के वित्त व शेयर अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रोफेसर श्री चाओ शी चुन का मानना है कि ब्याज दर में कटौती और ब्याज दर की व्यक्तिगत आयकर को अस्थायी तौर पर मुक्त करने से खातेदारों को ज्यादा ब्याज मिलेगा , साथ ही घरेलू उपभोक्ता मांग भी बढ़ेगी । 

ब्याज दर में कटौती से उपभोग को बढाने पर आशा बंधी हुई है , क्योंकि उपभोग में वृद्धि से ही आर्थिक वृद्धि को प्रेरक शक्ति मिलेगी , इस से अर्थतंत्र का सतत व तेज विकास हो पाएगा ।

इस अभूतपूर्व वित्तीय संकट की चर्चा में चीनी केंद्रीय बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि चीन अमरीका के साथ समन्वय व सहयोग सुदृढ़ बनाने को तैयार है , साथ ही यह आशा भी करता है कि विभिन्न देश साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार को बनाये रखेंगे ।

चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के वित्तीय अनुसंधान प्रतिष्ठान के अनुसंधानकर्ता ई श्येन रुंग ने कहा कि चीनी केंद्रीय बैंक का यह फैसला विश्व के प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा उथल पुथल आर्थिक परिस्थिति से जुझने का एक भाग ही है । 

उन का कहना है कि चीन सरकार के इस कदम का मकसद विभिन्न देशों के साथ समन्वय बिठाना है और वित्तीय संकट फेलने से रोकना और विश्व वित्तीय बाजार को सुस्थिर बनाना है ।

विशेषज्ञों का विचार है कि वित्तीय संकट से उत्पन्न भूमंडलीय आर्थिक अस्थिरता कुछ समय तक बनी रहेगी , अतः चीन के लिये बाहरी मांगों की सिकुड़न से अर्थतंत्र लुढकने से बचना अत्यावश्यक है ।