2008-10-09 16:30:57

पेइचिंग के मस्जिद मुस्लीम सांस्कृतिक निधियों से सुसज्जित हैं

तुंगस मस्जिद में एक फूतेह पुस्तकालय अपना विशेष महत्व बनाता है । श्री मान ने बड़े गर्व के साथ हमें इस मस्जिद के धरोहर से अवगत कराते हुए कहा कि फू तेह पुस्तकालय इस मस्जिद के प्रमुख निर्माणों में से एक है , पुस्तकालय में कुरान व सांस्कृतिक अवशेष सुरक्षित हैं , जिन में सुरक्षित एक कुरान पुस्तक इतनी दुर्लभ है कि वह सन 1318 में मुहम्मद द्वारा अपने हाथों एक एक शब्द में लिखी गयी है , इस पुस्तक की लिपि साफ सुथरी ही नहीं , बहुत सुंदर भी है , विद्वान उसे विश्व में बेमिसाल कहते हैं , अब वह प्रथम दर्जे वाला राष्ट्रीय संरक्षित सांस्कृतिक अवशेष की सूची में शामिल हो गयी है । श्री मान के अनुसार तुंगस मस्जिद में दूसरा धरोहर है शिलालेख रूपी कुरान । इमाम छन क्वांग य्वान ने पूरा कुरान सूत्र अपने हाथ से एक मीटर ऊंचे , 0.5 मीटर चौड़े व तीन सेंटीमीटर मोटे काले संगमरमर पर लिख दिया है , यह सचमुच तुंगस मस्जिद की निधि ही है ।

प्रिय दोस्तो , जैसा कि हम जानते हैं कि अब पेइचिंग शहर में कुल 70 छोटे बड़े मस्जिद पाये जाते हैं । तुंगस मस्जिद उन में से एक है , इस मस्जिद के जिम्मेदार व्यक्ति मान हंग फा ने हमें परिचय देते हुए कहा कि तुंगस मस्जिद चीनी इसलामी धर्म का प्रसिद्ध मस्जिद ही है । ग्रंथनों से पता चला है कि यह मस्जिद मिंग राजवंश के चंग थुंग 12 वर्ष यानी सन 1447 में निर्मित हुआ था , मिंग राजवंस के राजा ने तत्काल में विशेष तौर पर इस मस्जिद को एक बोर्ड भी भेंट किया , अतः यह मस्जिद सरकारी मस्जिद के नाम से जाना जाता रहा है , उस का इतिहास आज से कोई पांच सौ 50 वर्ष से अधिक पुराना हो गया है ।

तुंगस मस्जिद में एक फूतेह पुस्तकालय अपना विशेष महत्व बनाता है । श्री मान ने बड़े गर्व के साथ हमें इस मस्जिद के धरोहर से अवगत कराते हुए कहा कि फू तेह पुस्तकालय इस मस्जिद के प्रमुख निर्माणों में से एक है , पुस्तकालय में कुरान व सांस्कृतिक अवशेष सुरक्षित हैं , जिन में सुरक्षित एक कुरान पुस्तक इतनी दुर्लभ है कि वह सन 1318 में मुहम्मद द्वारा अपने हाथों एक एक शब्द में लिखी गयी है , इस पुस्तक की लिपि साफ सुथरी ही नहीं , बहुत सुंदर भी है , विद्वान उसे विश्व में बेमिसाल कहते हैं , अब वह प्रथम दर्जे वाला राष्ट्रीय संरक्षित सांस्कृतिक अवशेष की सूची में शामिल हो गयी है ।

श्री मान के अनुसार तुंगस मस्जिद में दूसरा धरोहर है शिलालेख रूपी कुरान । इमाम छन क्वांग य्वान ने पूरा कुरान सूत्र अपने हाथों एक मीटर ऊंचे , 0.5 मीटर चौड़े व तीन सेंटीमीटर मोटे काले संगमरमर पर लिख दिया है , यह सचमुच तुंगस मस्जिद की निधि ही है ।

तुंगस मस्जिद के दौरे पर हमारे संवाददाता की मुलाकात एक विदेशी पर्यटक से हुई । यह पर्यटक नमाज पढ़ने आया है । हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में उन्हों ने कहा कि मेरा नाम असोन है , अमरीका से आया हूं , मुझे पेइचिंग में आये हुए तीन साल हो गये हैं , अब पेइचिंग डाक तार विश्वविद्यालय में पढ़ता हूं । सुश्री असोन टुटी फूटी चीनी भाषा में अपने बारे में बता रहा था ।

जब हमारे संवाददाता ने उन से पूछा कि क्या वे अकसर नमाज पढ़ने यहां आते हैं , तो उन्हों ने कुछ शर्मिदा होकर कहा कि पढ़ने में व्यस्तता की वजह से केवल हर शनिवार को नमाज पढ़ने मस्जिद आता हूं ।

सुश्री असोन ने कहा कि व्यस्तता से वह केवल हर शनिवार को नमाज पढ़ने मस्जिद जाते हैं , पर वे आम दिनों में अपने घर या विश्वविद्यालय में नमाज अवश्य ही पढ़ते हैं । उन्हों ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि पेइचिंग के मस्जिद बहुत साफ सुथरे हैं , गर्मियों में ए सी भी है , कर्मचारी भी बहुत शिष्टाचार हैं । देखने में पेइचिंग के मस्जिद दूसरे क्षेत्रों से अलग हैं , चीनी विशेषताओं से संपन्न हैं , दूसरे क्षेत्रों के मस्जिदों की छतें गोलाकार हैं , पर चीन में मस्जिदों की छलें समतल हैं ।

सुश्री असोन ने विदेशी मित्रों को पेइचिंग के मस्जिदों की सिफारिश भी की । पश्चिम पेइचिंग की सू चओ सड़क स्थित हाईत्येन मस्जिद उन का पसंदीदा मस्जिद ही है ।

सुचओ सड़क पर स्थित हाईत्येन मस्जिद मुझे ज्यादा अच्छा लगता है । क्योंकि वहां पर विदेशी लोग काफी अधिक है , साथ ही वहां के इमामों का अरब भाषा का उच्चरण भी काफी बेहतर है ।

पेइचिंग आलम्पिक खेल समाहोर के दौरान काफी बड़ी तादाद में विदेशी मित्र पेइचिंग की यात्रा पर आते हैं , इसे ध्याम में रखकर पेइचिंग के मस्जिदों ने उन की अगवानी के लिये पूरे इंतजाम कर दिये हैं ।

पेइचिंग का हर मस्जिद एक लम्बी ऐतिहासिक पुस्तक है , वह न सिर्फ लोगों को पेइचिंग की विशेष वास्तु शैलियों को प्रदर्शित करता है , बल्कि लोगों को पेइचिंग में इस्लामी धर्म का प्रचार प्रसार और विकास करने की पूरी ऐतिहासिक प्रक्रिया भी बता देता है ।