लोगों ने इस पर ध्यान दिया है कि पेइचिंग ऑलंपिक के लिए आवेदन, तैयारी व आयोजन के जरिये तीस सालों के खुलेपन व सुधार से गुजर कर चीन आगे बढ़ रहा है। इस से पहले ऑलंपिक मशाल रिले के दौरान चीनी युवाओं के अच्छे आचरण ने विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है ।
लोगों का व्यवहार चीन की खुलेपन व सुधार नीति का परिणाम है। खुलेपन व सुधार के बिना ऐसी प्रगति नहीं हो सकती।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि 2001 में चीन ने विश्व व्यापार संगठन में भाग लिया और उसी साल पेइचिंग ने 2008 पेइचिंग ऑलंपिक का आयोजन अधिकार प्राप्त किया। तब कम लोगों ने यह सोचा था कि चीन खुलेपन व सुधार नीति पर इसलिए कायम रहा है, क्योंकि विश्व व्यपार संगठन में भागीदारी व पेइचिंग ऑलंपिक के आयोजन का अधिकार इस के लिए सब से प्रमुख प्रेरक तत्व बने हैं।
पश्चिम समाज ने जटिल रूख से चीन में हुए परिवर्तन पर नज़र रखी है। पश्चिम व पूर्व आलोचकों ने एक आम तथ्य की अपेक्षा की कि हालांकि अभी चीन में तरह-तरह सवाल मौजूद हैं, फिर भी वह तीस सालों के खुलेपन व सुधार के रास्ते पर चला है, पेइचिंग ऑलंपिक के बाद चीन खुलेपन की ओर निरंतर चलेगा।
पेइचिंग में सब से विशिष्ट राजनीतिक स्थान फोर्बिडन सिटी है, लेकिन वह एक सौ साल पहले के चीन कोीप्रगति व सामंजस्य नहीं ला सकता है। एक सौ सालों के बाद फोर्बिडेन सीटी के उत्तरी क्षेत्र में बर्ड नेस्ट व वॉटर क्यूब ऑलंपिक स्टेडियमों की स्थापना की गयी। ये दो आधुनिक व उच्च वैज्ञानिक व तकनीकी स्टेडियम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चीन की भागीदारी के द्योतक हैं और अधिक खुलेपन के ऐतिहासिक बिंदु भी हैं।
तीस साल पहले का चीन आज का खुलापन व उदारता के बारे में नहीं सोच सकता था। अधिक से अधिक खुलापन चीन दिन ब दिन अधिक आत्मविश्वास दिखाएगा। और इस की जांच पेइचिंग ऑलंपिक के लिए कि ए गए आवेदन, तैयारी व आयोजन के जरिये की गयी है।
पेइचिंग ऑलंपिक के उद्धाटन व समापन समारोह के महानिर्देशक चांग यी मो अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध फिल्म निदेशक हैं। खुलेपन व सुधार से उन्हें भी मौका मिला। तीस साल पहले राजनीतिक पृष्ठभूमि न होने वाले व्यक्ति के लिये स्कूल में भरती होना और रोजगार खोजना संभव नहीं था । और इसे सोचा नहीं जा सकता था कि वे ऑलंपिक के उद्धाटन व समापन समारोह का निर्देशन करेंगे। चीन से परिचित लोगों को मालूम है कि तीस साल पहले यह घटित नहीं हो सकता था। खुलेपन के युग में जांग यी मो द्वारा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म मंच पर प्राप्त सफलता सच्चाई है।
मुझ पर सब से गहरी छाप ऑलंपिक उद्धाटन समारोह में 3 हजार छात्रों द्वारा कम्फ्युशियस की सूक्तियों को एक ही स्वर में गाने की पड़ी हैं। हालांकि यह सिर्फ एक कला है, लेकिन इस में प्रचुर युग का अर्थ निहित है। चीन सरकार व सत्तारूढ़ पार्टी ने यह नहीं सोचा था कि यह उन की परंपरागत संस्कृति की समानता की घोषणा है।
ऐसी घोषणा चीनी राज्य नहीं कर सकता, और क्वामिन सरकार में ऐसा करने की क्षमता भी नहीं थी। लेकिन समाजवाद पर कायम रहने वाले चीनी लोक गणराज्य ने ऑलंपिक के आयोजन से ऐसी घोषणा की। सोचा जाए कि अगर खुलेपन के बिना कौन यह कर सकता है।
चीन में बहुत सवाल मौजूद हैं, लेकिन खुलेपन पर कायम रहने से ही विकास हो सकता है। यह प्राचीन सांस्कृतिक देश विश्व से सीखने व अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में सकारात्मक भाग लेने से अधिक आत्म विश्वास रवैये से आगे बढ़ेगा।
खुलेपन के रास्ते पर चल रहा चीन हालांकि संपूर्ण नहीं है लेकिन वह बहुत सच्चा है। क्योंकि वह खुलेपन पर कायम रहा है इसलिये उस का भविष्य फिर उज्ज्वल होगा।
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