वर्ष 1962 में श्री तंग श्याओ पिंग ने सब से पहले औपचारिक रूप से इस महत्वपूर्ण कथन को बताया। जिम्मेदार व्यवस्था की चर्चा करते समय श्री तंग श्याओ पिंग ने स्पष्ट रूप से इस का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कृषि की बहाली में अधिकांश जनता ने खेतों को बांटने की सलाह दी। श्री छन यू ने जांच-पड़ताल करके कुछ अच्छी राय दीं। अब सभी प्रकारों में कृषि की जिम्मेदारी व्यवस्था कारगर है। चाहे वह काली बिल्ली हो या सफेद , अगह वह चूहे पकड़ सकती है, तो वह अच्छी बिल्ली कही जा सकती है। संक्रमणकाल में हम केवल ऐसा प्रकार चुनेंगे, जो कृषि की बहाली के लिये लाभदायक होगा। आखिरकार तथ्यों से सच की खोज करनी चाहिए।
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