2008-10-09 09:53:04

रूसी सेना जोजिया से हटी

रूसी राष्ट्रपति मेदवेदेव ने 8 तारीख को फ्रांस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सभा पर घोषाणा की कि रूसी शांति सेना 8 तारीख से दक्षिण ओसिटिया और अबखाजिया के आसपास के सुरक्षा इलाकों से पूरी तरह हटेगी ।जोजिया और दक्षिण ओसिटाया क्षेत्र में स्थित रूसी शांति सेना के कमांडर कुलखमेटोव ने उसी दिन इस की पुष्टि की कि रूसी सेना जोजिया से हट चुकी है ।यूरोपीय संघ ने रूस की इस कार्रवाई की प्रशंसा की ।स्थानीय विश्लेषकों के विचार में रूस की इस कार्रवाई से रूस और यूरोप के बीच सहयोग की नयी स्थिति पैदा होने की संभावना है ।

8 सितंबर को रूसी राष्ट्रपति मेडवेदेव और यूरोपीय संघ के अध्यक्ष देश व फ्रांस के राष्ट्रपति सार्कोजी ने मास्को में वार्ता कर दक्षिण ओसिटिया मुठभेड के समाधान के लिए समझौता किया ।समझौते के मुताबिक अगर जोजिया अबखजिया पर बल प्रयोग न करे और यूरोपीय संघ इस की गारंटी करे ,तो रूस सात दिन के अंदर वहां स्थित पांच चौकियों की सेना हटाएगी ।एक अक्टूबर को यूरोपीय संघ का दक्षिण ओसिटिया और अबखजिया में 200 से ज्यादा पर्यवेक्षक भेजने के 10 दिन के बाद रूस दक्षिण ओसिटिया और अबखजिया से पूरी तरह सेना हटाएगा ।

समझौता संपन्न करने के एक महीने के बाद रूस ने अपने वचन का पालन कर 8 अक्टूबर को अपनी सेना मुठभेड ग्रस्त क्षेत्रों से अपनी सेना हटायी ।यूरोपीय संघ के कूटनीति व सुरक्षा नीति पर जिम्मेदार वरिष्ठ प्रतिनिधि सोलाना ने 8 तारीख को ब्यान जारी कर कहा कि जोजिया स्थित यूरोपीय संघ के पर्यवेक्षक दल ने रूसी सेना का हटने की पुष्टि की है ।श्री सोलाना ने रूसी सेना की इस कार्रवाई का स्वागत किया और प्रसन्नता भी व्यक्त की ।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में रूस की इस कार्रवाई से एक अरसे से तनावपूर्ण रूस यूरोप संबंधों में सुधार आएगा ।

पहला, रूस ने अपने वचन का पालन कर सेना हटाने से फिर यूरोपीय संघ का विश्वास जीता ।लोकमत ने इस पर ध्यान दिया है कि दक्षिण ओसिटिया मुठभेड पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति सार्कोजी के रूख में बडा बदलाव आया है ।सार्कोजी ने कहा कि दक्षिण सिटिया सवाल पर रूस ने ज्यादा बल प्रयोग किया ,पर जोजिया ने सचमुच फौजी अतिक्रमण किया ।यह गलत है ।उन्होंने कहा कि रूस और यूरोपीय संघ को पारस्परिक विश्वास का पुन निर्माण करना चाहिए ,जो रणनीतिक साझेदार साकार करने की पूर्वशर्त है ।इस के अलावा श्री सार्कोजी ने वर्ष 2009 के अंत से पहले यूरोपीय सुरक्षा व सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन आयोजित करने की अपील की ताकि रूस के साथ यूरोपीय सुरक्षा व्यवस्था का नया निर्धारण किया जाए ।

दूसारा ,विश्व वित्तीय संकट के फैलाव से यूरोपीय संघ और रूस के सहयोग का नया अवसर उभरा ।गंभीर वित्तीय संकट के सामने यूरोपीय संघ व रूस समेत विश्व के विभिन्न देश सक्रियाता से कदम उठा रहे हैं ।भौगोलिक राजनीति ,पारस्परिक आर्थिक आपूर्ति व ऊर्जा की दृष्ट से देखा जाए यूरोपीय संघ और रूस के घनिष्ठ संबंध हैं ।इसलिए वर्तमान वित्तीय संकट का मिलकर मुकाबला दोनों के हित में है ।इस मु्द्दे पर रूस और फ्रांस के राष्ट्रपतियों ने 8 तारीख को फांस में वर्तमान आर्थिक स्थिति और वित्तीय संकट के समाधान पर गहन विचार किया और वित्तीय संकट पर अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन और यूरोपीय संघ रूस समान आर्थिक क्षेत्र की स्थापना पर मतैक्य प्राप्त किया ।

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में वर्तमान विश्व वित्तीय संकट के सामने सहयोग मजबूत कर कठिनाइयां दूर करना रूस और यूरोपीय संघ के समान हित से अनुकूल है ।लेकिन लंबे अरसे से दोनों के बीच अनेक वादविवाद मौजूद हैं ।क्या रूस और यूरोपीय संघ वाद विवाद को ताक पर ऱखकर सहयोग का नया अध्याय जोडेंगे ।इस पर और देखने की जरूरत है ।