चीन ने 25 तारीख को तिब्बती संस्कृति के संरक्षण व विकास पर श्वेत पत्र जारी किया ।यह चीन सरकार द्वारा तिब्बत पर जारी सातवां श्वेत पत्र है ।इस में पिछली आधी सदी खासकर सुधार व वैदेशिक खुलेपन के बाद तिब्बती संस्कृति के संरक्षण व विकास पर चीन सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर प्रकाश डाला गया ।
श्वेत पत्र में कहा गया है कि तिब्बती सांस्कृतिक विराहत चीनी सांस्कृतिक विराहत का एक महत्वपूर्ण भाग है । चीन की केंद्रीय सरकार ने तिबब्त के धार्मिक स्थलों व प्राचीन सांस्कृतिक अवेशषों के संरक्षण में बडी पूंजी व श्रमिक शक्ति लगायी। तिब्बती भाषा का पूरा विकास हुआ है । तिब्बत में सामान्य धार्मिक गतिविधियों व धार्मिक विश्वास को कानून की सुरक्षा मिली है।
तिब्बत में कहा गया है कि आधी सदी में तिब्बती संस्कृति का तेज व चतुर्मुखी विकास हुआ ,जिस के प्रचुर विषयों व विशिष्टताओं से वर्तमान तिब्बती जनता के जीवन व तिब्बती औद्योगिकरण के विकास पर गहरा प्रभाव पडा है ।तिब्बती संस्कृति अपने विशेष आकर्षण से देशी विदेशियों की नज़र खींच रही है ।
श्वेत पत्र में कहा गया है कि दलाई गुट पुरानी तिब्बती संस्कृति का प्रतिनिधि है ।वह सांस्कृतिक स्वायत्तता के बहाने तिब्बती स्वतंत्रता का षडयंत्र पूरा करना चाहता है ।ऐतिहासिक बहाव के प्रतिकूल ऐसी कुचेष्टा ज़रूर नाकाम होगी ।