2008-09-25 15:10:35

चीन के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्री च्यांग यी मो की कलात्मक शैली

पेइचिंग आलंपिक सफलता के साथ समाप्त हुआ है। न सिर्फ़ अगस्त की आठ तारीख को जोशपूर्ण उदघाटन समारोह, बल्कि अगस्त की 24 तारीख को खुशहाल समापन समारोह दोनों ने लोगों पर गहरी छाप छोड़ी। उन दोनों समारोहों के जनलर निर्देशक चीन के मशहूर फिल्म निर्देशक श्री च्यांग यी मो हैं। इस लेख में हम श्री च्यांग यी मो का परिचय देंगे।

अगस्त की आठ तारीख को श्री च्यांग यी मो द्वारा निर्देशित पेइचिंग आलंपिक के उदघाटन समारोह ने विश्व को बहुत प्रभावित किया । अंतर्राष्ट्रीय आलंपिक समिति के अध्यक्ष श्री जाक्वेंस रोग्गे ने कहा कि बहुत लोगों के ख्याल से पेइचिंग आलंपिक का उदघाटन समारोह आलंपिक के इतिहास में सब से सुन्दर उदघाटन समारोह रहा है। एजेंसी फ़्रांस प्रेस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पुरातन राजवंश से आधुनिक महादेश तक पेइचिंग आलंपिक के उदघाटन समारोह ने चीन के समृद्ध व रंगारंग इतिहास का प्रदर्शन किया है। ब्रिटिश अख़बार दि इन्डिपेन्डेन्ट की वेब-साइट में कहा गया है कि उदघाटन समारोह ने केवल कुछ घंटों में विश्व की पुरातन सभ्यता वाले देश चीन के पांच हजार वर्ष के इतिहास को दिखाया।

श्री च्यांग यी मो से परिचित संवाददाताओं ने बताया कि सारे उदघाटन समारोह में श्री च्यांग यी मो की कलात्मक शैली की छाप दिखाई देती है।

इस वर्ष 57 साल के हो चुके श्री च्यांग यी मो वर्ष 1982 में पेइचिंग फ़िल्म कॉलेज के फ़ोटोग्राफ़ी विभाग से स्नातक हुए । वर्ष 1985 में श्री च्यांग यी मो द्वारा फ़ोटोग्राफर के रूप में बनायी गयी फ़िल्म《काली भूमि》को चीनी फ़िल्म स्वर्ण कुक्क्ट पुरस्कार का सब से अच्छे फ़ोटोग्राफ़र का पुरस्कार मिला, और हवाई अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह समेत तीन अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह के बड़े पुरस्कार मिले।

《काली भूमि》बनाने के बाद श्री च्यांग यी मौ फ़ोटोग्राफ़र से निर्देशक बन गये। वर्ष 1987 में श्री च्यांग यी मो द्वारा निर्देशित पहली फ़िल्म《लाल सोरगम》काफी प्रसिद्ध हुई। इस फ़िल्म को बर्लिन फ़िल्म समारोह में स्वर्ण भालू पुरस्कार मिला। वर्ष 1990 में श्री च्यांग यी मो द्वारा निर्देशित फ़िल्म《जू डो》ऑस्कर पुरस्कार की प्रतिस्पर्द्धा में दाखिल हुई। यह पहली बार है कि चीनी फ़िल्म ने ऑस्कर में सब से श्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म पुरस्कार की प्रतिस्पर्द्धा में भाग लिया। इस के बाद श्री च्यांग यी मो द्वारा निर्देशित सिलसिलेवार फ़िल्मों को अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में कोई न कोई पुरस्कार मिला है। यह कहा जा सकता है कि श्री च्यांग यी मो पिछली शताब्दी के दसवें दशक में चीन की जानी मानी कला-प्रतिभा बन गए हैं। उन की फ़िल्मों में चीनी राष्ट्र की मजबूत संस्कृति दिखाई पड़ती है, और वे जोश से भरी हुई हैं।

21वीं शताब्दी में श्री च्यांग यी मो ने《हीरो》,《हाउस अफ़ फ्लाइन ड्रैगर》और《कर्स अफ़ दि गोल्डन फ़्लॉवर》आदि प्राचीन विषयों पर आधारित फ़िल्मों का निर्देशन किया। श्री च्यांग यी मो ने कहा कि, मेरी फ़िल्मों का प्रदर्शन, खास तौर पर शैली बहुत उग्र है। उन में गरम, जोश व अत्युक्तिपूर्ण तत्व खूब हैं।

फ़िल्म के अलावा श्री च्यांग यी मो को नाना प्रकार के कला-रूप भी पसंद हैं। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध ऑपेरा《तुरेंदोट》, बैले प्रदर्शन तथा बड़े पैमाने वाले वास्तविक दृश्य वाले प्रदर्शनों का निर्देशन किया है। हर तरह के कला-रूप से श्री च्यांग यी मो ने दर्शकों को तीव्र दृष्टिगत अनुभव दिए हैं और दर्शकों ने उन में चीनी संस्कृति को भी महसूस किया है।(चंद्रिमा)