पेइचिंग पैरा आलंपिक बुद्धवार को समाप्त हुआ है । भारत के लोकमत का मानना है कि इस पैरा आलंपिक के सफल आयोजन से चीन यहां तक कि सारी दुनिया में अपाहिज़ों को समाज का अधिक ध्यान आकर्षित है और इसीलिए विश्वभर के अपाहिज़ चीन सरकार के बहुत आभारी हैं ।
अपाहिज़ों का शिक्षण करने समेत विभिन्न कल्याण दिलाने का विशेष महत्व होता है । लेकिन पहले बहुत देशों की सरकारों ने अपाहिज़ों की शिक्षा में उतनी शक्तियां नहीं जुटाईं , इसलिये बहुत से गैर-सरकारी संगठन अपाहिज़ों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं । पेइचिंग पैरा आलंपिक के मंच से लोगों को यह मालूम हुआ है कि समाज को अपाहिज़ों को मदद देने के साथ साथ उन से अलग व्यवहार करना नहीं चाहिये । हमें अपाहिज़ों को स्वस्थ लोगों के प्रति जितना व्यवहार करना ही चाहिये , क्योंकि समाज के सभी लोग बराबर है , हम सब को किसी भी वक्त पर दूसरों की मदद करना चाहिये, और इसी वक्त पर हम सब अपाहिज हैं । अपाहिज़ लोग समाज के ऐसे विशेष ग्रुप हैं , जिन्हें समाज की तरफ से अधिक और सतत सहायता चाहिये । लेकिन अपाहिज़ों की विशेष शरीरिक स्थितियों की वजह से उन के लिये विशेष वातावरण भी तैयार किया जाना चाहिये ।
पेइचिंग पैरा आलंपिक में लोग यह सीख पाये हैं कि हमें सही ढ़ंग से अपाहिज़ों के साथ व्यवहार करना चाहिये ।
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16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |