पेइचिंग पैरा ऑलंपिक पेइचिंग में चल रहा है। इस ऑलंपिक की सेवा के लिए बडी संख्या में स्वयंसेवक हैं ,जिन में से कुछ विकलांग दोस्त हैं ।चालीस वर्षीय को चैन एक विकलांग स्वयंसेवक हैं ।वे एक टांग से अपंग हैं ,इसलिए चलने में उन को डंडे का सहारा लेना पडता है ।पर शारीरिक कमी से पैरा ऑलंपिक की सेवा करने के उन के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है । को चैन एक इंडोर सजावट डिजाईनर हैं ।पैरा ऑलंपिक के दौरान वे सभी काम छोडकर भारोत्तोलन स्टेडियम में स्वयंसेवा कर रहे हैं । उन का काम स्टेडियम में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों के कार्ड की जांच करना है ।
पेइचिंग पैरा ऑलंपिक के स्वयंसेवक बनने पर को चैन लगता है कि वे दोस्ती के लिए काम कर रहे हैं । मेहमान दूर-दूर से पेइचिंग आएंगे ,उन की अच्छी खातिर करना स्वाभाविक बात है ।खास बात यह है कि एक विकलांग होने के नाते वे विकलांग दोस्तों की बेहतर सेवा कर सकते हैं । उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया ,मुझे लगता है कि पेइचिंग में ऑलंपिक व पैरा ऑलंपिक का आयोजन चीनियों के लिए एक बहुत अहम बात है । चीनी विकलांगों के लिए पैरा आलंपिक के आयोजन का विशेष महत्व है । इस के अलावा पैरा ऑलंपिक हमारे देश में आयोजित हो रहा है ।बहुत विकलांग दोस्त यहां इकट्ठे हैं ।हम को अवश्य उन की खातिर करनी चाहिए ।जब विदेशी राजाध्यक्ष आते हैं ,तो हमारे राजाध्यक्ष उन का सत्कार करते हैं ।जब विदेशी विकलांग दोस्त यहां आते हैं ,चीनी विकलांगों पर उन की खातिर करने की जिम्मेदारी है ।यह शिष्टाचार है ।
स्वयंसेवक बनने से पहले डिजाईनिंग के काम से वे अक्सर अपने स्कूटर बाहर घूमते थे ।उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि पेइचिंग पैरा ऑलंपिक के आयोजन की तैयारी के लिए पेइचिंग में बडा बदलाव आया है।बहुत बाधा रहित संस्थापनों का निर्माण किया गया है।उन के लिए सब से बडी प्रसन्नताजनक बात यही है कि पेइचिंग वासियों में अभूतपूर्व खुशी की लहर उमडी है ।उन्होंने कहा ,सभी लोग बहुत खुश दिखते हैं ।अगर आप दिन भर अपने घर में ठहरते हैं ,आप को शायद इस माहौल का आन्नद महसूस नहीं होगा ।जब आप बाहर जाएं ,तो शहर में खुशी का माहौल महसूस होगा ।
पेइचिंग पैरा ऑलंपिक के आयोजन से को चैन को ठोस लाभ भी मिला है ।उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया ,ऑलंपिक के आयोजन से पेइचिंग सरकार ने विकलांग दोस्तों के लिए नयी किस्म वाले स्कूटर खरीदे ,जो पर्यावरण संरक्षण के लिए लाभकारी हैं ।मुझ जैसे विकलांग दोस्तों को पुराने स्कूटर के बदले नयी किस्म वाले स्कूटर मिले ।नया स्कूटर बहुत सुविधाजनक है ।
भारोत्तोलन स्टेडियम में दूसरों की सहायता करने के साथ-साथ उन को अन्य व्यक्तियों का ख्याल भी करना है । स्वयंसेवा के लिए उन को लंबे समय तक ख़डे रहना है ।उन के साथ काम करने वाले विद्यार्थियों ने उन के लिए एक कुर्सी तैयार की ।इस तरह वे कभी-कभी बैठकर आराम कर सकते हैं ।उन्होंने बताया कि अन्य स्वयंसेवकों ने मेरे लिए एक कुर्सी तैयार की ।इस तरह मैं कभी-कभी आराम कर सकता हूं ।इसलिए स्वयंसेवा करने में मैं बहुत थकता नहीं हूं ।इस के अलावा एक घंटे की एक शिफ्ट होती है ।
को चैन ने कहा कि इन युवा स्वयंसेवकों के साथ काम करना उन के लिए एक बडी खुशी की बात है ।उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वयंसेवक मुझ से काफी जवान हैं ।पर वे जोशीले हैं और मेरे लिए उन की क्षमता व विचार सीखने के योग्य है ।यहां एक नया वातावरण है ।आप को इससे वाकिफ होना है ,जैसे रेस्तरां कहां है ,शौचालय कहां है ,पाकिंग स्थल कितनी दूर है इत्यादि । नये वातावरण के अनुकूल होने के लिए आप को अधिक अभ्यास करना पडता है ।
भारोत्तोलन स्टे़डियम में को चैन जैसे और सात विकलांग स्वयंसेवक हैं ।वे विश्व के विभिन्न स्थानों से आए खिलाडियों ,कोचों ,संवाददाताओं व दर्शकों की उत्साह से सेवा करते हैं ।विकलांग स्वयसेवकों के काम की चर्चा करते हुए भारोत्तोलन स्टेडियम की जिम्मेदार व्यक्ति सुश्री ची युए युए ने बताया ,काम बांटने के समय हम सभी लोगों के साथ एक ही तरह का बर्ताव करते हैं ।विकलांग व सामान्य स्वयंसेवकों के काम में कोई फर्क नहीं है ।अगर फर्क मौजूद है ,तो यही है कि विकलांग स्वयंसेवकों का बाकी स्वयंसेवक अधिक ख्याल रखते हैं ।
सुश्री ची युए युए के विचार में अन्य स्वयंसेवकों की तुलना में विकलांग स्वयंसेवक विकलांग खिलाडियों ,कोचों व दर्शकों को अच्छी तरह समझते हैं ।उन्होंने कहा ,विकलांग स्वयंसेवक विकलांग मेहमानों की मांग बेहतर जानते हैं ।इस लिए उन की सेवा अधिक संपूर्ण है ।
![]() |
![]() |
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |