2008-09-16 15:17:18

तिब्बत के प्राकृतिक संसाधन और तिब्बत की भूमि

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का क्षेत्रफल 12 लाख 20 हज़ार वर्गकिलोमीटर है, जहां प्राकृतिक संसाधन प्रचुर हैं ।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश वर्तमान चीन में सब से ज्यादा वन संसाधन और अंतिम वनों के क्षेत्रफल में सब से बड़ा स्थल है । सारे प्रदेश में वनों का क्षेत्रफल 71 लाख 70 हज़ार हैक्टर है । इस के साथ ही तिब्बत चीन के पांच पशुपालन क्षेत्रों में से एक है, जहां विभिन्न प्रकार के घास मैदानों का क्षेत्रफल आठ करोड़ 20 लाख हैक्टर से ज्यादा है ।

तिब्बत के खनिज संसाधन भी प्रचुर हैं । अब तक एक सौ से ज्यादा किस्मों वाली खानों का पता लगाया गया है, जिन में क्रोमियम (chromium) का भंडार सब से प्रचुर है, जो चीन में प्रथम स्थान पर है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार तिब्बत में खनिज संसाधन का कुल मूल्य 6 खरब 50 अरब य्वान रन मिन बी है । इन के अलावा, तिब्बत में जल संसाधन, भूमिगत गर्म संसाधन तथा सौर ऊर्जा भी पर्याप्त है । आंकड़ों के अनुसार, तिब्बत के जल ऊर्जा का भंडारण 20 करोड़ किलोवाट है, जो चीन में अग्रिम स्थान पर है । तिब्बत चीन में भूमिगत गर्म गतिविधि में भी सब से तीव्र क्षेत्र है । मशूह यांगबाचिंग भूमिगत गर्म स्थल का विकास कर अब भूमिगत गर्म बिजली घर और पर्यटन स्थल बन गया है। विश्व में तिब्बत की सौर ऊर्जा सब से ज्यादा है, अधिकांश क्षेत्रों में हर रोज़ औसतन इस का समय नौ घंटे है ।

तिब्बत में विशेष पठारीय जानवरों की संख्या भी ज्यादा है , जिसे जंगली जानवरों का स्वर्ग माना जाता है । यहां 125 किस्मों के दुर्लभ जानवर हैं, जिन के संरक्षण को देश ने महत्व दिया है । तिब्बती जंगली गधे, जंगली नीलगाय आदि 45 किस्मों के जानवरों को चीन के विशेष दुर्लभ जानवर मान जाता है ।

तिब्बत की भूमि

तिब्बत छिंगहाई तिब्बत पठार पर स्थित है । छिंगहाई तिब्बत पठार की ऊंचाई समुद्र सतह से 4000 मीटर से ज्यादा है । यहां श्रृंखलाबद्ध बड़े बड़े पर्वत और पठार, घाटी, झील तथा बेसिन हैं ।

तिब्बत में फैली पर्वत मालाएं छिंगहाई-तिब्बत पठार का बुनियादी भू-स्थिति है । विश्व में सब से ऊंची पर्वत माला --हिमालय पर्वत तिब्बत के दक्षिण भाग स्थित है , इस की कुल लम्बाई 2400 किलोमीटर है और चौड़ाई 200 से 300 किलोमीटर तक है । पर्वत श्रृंखला की सभी चोटियों की औसत ऊंचाई समुद्र सतह से 6000 मीटर है । जिन में 50 से ज्यादा पर्वत चोटियां हैं , जिन के हरेक की ऊंचाई 7000 मीटर से ज्यादा है और 11 पर्वत ऐसे हैं जिस की ऊंचाई 8000 मीटर से भी अधिक है । चुमुलांगमा चोटी की ऊंचाई 8843.44 मीटर है, जो विश्व भर में सब से ऊंचा पहाड़ है । इस के अलावा यहां काराखुंलुन, थांगकुला पर्वत श्रृंखला और हङत्वान पर्वत श्रृंखला मौजूद हैं । छिंगहाई तिब्बत पठार में जो ऊंचे ऊंचे पहाड़ मौजूद हैं , वे विश्व के दूसरे स्थानों में देखने को नहीं मिलते हैं। इस तरह इस जगह को विश्व का तीसरा ध्रूव भी कहा जाता है ।

तिब्बत में मैदानों का क्षेत्रफल कम है, लेकिन वह तिब्बत के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । तिब्बत में मैदान आम तौर पर घाटी का मैदान और झील के टतीय मैदान में बंटता है । यालुचांगबू नदी और उस की शाखाओं के तटीय क्षेत्र पर मैदानों की चौड़ाई आम तौर पर 2 से 3 किलोमीटर है, कुछ मैदानों की चौड़ाई दस से ज्यादा किलोमीटर है । लेकिन उन की लम्बाई सौ किलोमीटर से अधिक है । ये क्षेत्र खुती योग्य भूमि हैं, जन संख्या भी ज्यादा है और जहां तिब्बत के प्रमुख कृषि क्षेत्र भी है । झील के तटीय मैदान मुख्य तौर पर तिब्बत के दक्षिण भाग में बसा हुआ है, यहां तिब्बत के कृषि व पशुपालन क्षेत्र है ।

तिब्बत विश्व में सब से ज्यादा घाटियों वाले क्षेत्रों में से एक है । घाटी मुख्य तौर पर छिंगहाई तिब्बत पठार के पूर्वी और दक्षिण भागों में स्थित है, जिन में यालुचांगबू घाटी और पूर्वी तिब्बत के नूच्यांग नदी घाटी, लांगछांगच्यांग नदी घाटी तथा चिनशाच्यांग नदी की घाटी सब से मशहूर है ।

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