11 सितम्बर को पेइचिंग पैरा आलम्पिक के अंधे क्रोके का आधा मैच समाप्त हो चुके हैं , तीव्र प्रतिस्पर्द्धा के दौरान चीनी अंधी क्रोके टीम के खिलाड़ियों ने क्रोके खेल से उत्पन्न प्रसन्नता का लुत्फ लेने के साथ साथ सभी दर्शकों को खुश भी कर लिया है । लीजिये सुनिये इसी खेल के बारे में एक रिपोर्ट ।
अंधे क्रोके खेल का दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटेन के पुराने सैनिकों ने पुराने जर्मन सैनिकों के साथ आविष्कार किया है , यह कमजोर नजर से पीड़ित विकलागों का एक विशेष खेल माना जाता है । चीन में यह खेल पिछली शताब्दी के 90 वाले दशक में लोकप्रिय होने लगा है . उस समय कोरिया गणराज्य से तकनीक का आयात कर इस खेल का जिम्मा ल्याओ निंग प्रांत ने संभाल लिया ।
अभी आप ने जो आवाज सुनी , वह चीनी अंधी क्रोके टीम के उप नेता तू त्सै ल्यांग की है । पिछले कई सालों में उप नेता तू त्सै ल्यांग ने चीनी राष्ट्रीय क्रोके टीम के खिलाड़ियों के साथ गहरी दोस्ती बना ली है । जब चीनी क्रोके टीम और विदेशी क्रोके टीम के बीच मैच का कड़ा मुकाबला हो रहा था , तो उप नेता तू त्सै त्लांग में भारी तनाव उत्पन्न होने लगा ।
उन का कहना है कि जब मैच में दोनों टीमों के अंक करीब करीब आते हैं , तो मुझ में मैच मैदान पर देखने का साहस उठ जाता है , बाहर खड़ा होकर आवाज सुनने पर ज्यादा ध्यान देता हूं । यदि मैच में बुलंद आवाज उठायी जाती है , तो इस का मतलब है कि हम विजयी हो गये हैं , नहीं तो प्रतिद्वंद्वी टीम ने जीत ली है , क्षण भर में मानसिक तनाव शरीर में एकदम पैदा हो जाता है ।
उप नेता तू त्सै ल्यांग क्रोके टीम के खिलाड़ियों के मैचों का समर्थन करने के अतिरिक्त टीम के हरेक खिलाड़ी से बहुत परिचित हैं , खिलाड़ी छन ल्यांग ल्यांग उन का पसंदीदा योद्धा है ।
उन्हों ने खिलाड़ी छन ल्यांग ल्यांग का परिचय देते हुए कहा कि छन ल्यांग ल्यांग की आंखे प्राईमरी स्कूल की पहली व दूसरी क्लास में पढ़ते समय सामान्य रही थीं । पर वह एक खेलप्रेमी है , फिर गर्मियों के एक दिन उस ने खेलकूद करने के बाद कुएं के ठंडे पानी से मुंह धोने में नजर स्नायु को क्षति पहुंचायी , जिस से उस की दोनों आंखे फूट पड़ीं ।
हालांकि अपनी आंखों की रोशनी चली गयी है , पर फिर भी उस ने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी , परिणामस्वरुप अब वह चीनी अंधी क्रोके टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक बन गया है ।
चीनी टीम हौसला बढ़ाओ , चीनी टीन हौसला बढ़ाओ ।
अभी जो आवाज सुनी गयी है , वह चीनी अंधी क्रोके टीम के दूसरे प्रमुख खिलाड़ी छाई छ्यांग क्वे की है । खिलाड़ी छाई छ्यांग क्वे बहुत हृष्ट पुष्ट है और काफी लचकदार भी है । पर वह अपने पैर पर घाव की वजह से मौजूदा मैच में भाग लेने का मौका हाथ से धोने ही वाला था । उप नेता तू त्सै ल्यांग ने हमारे संवाददाता से कहा कि कि मैच से पहले उस के पैर के घाव में सूजन आयी , इसे ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है कि इस बार वह मैच में नहीं उतरेगा । लेकिन छाई छ्यांग क्वे मैंच करने पर अड़ा हुआ । मजबूर होकर डाक्टर की सलाह लेने के बाद उसे प्रतियोगिता में भाग लेने पर हम राजी हुए । इसी प्रकार की प्रभावित कहानियां चीनी अंधी क्रोके टीम में अकसर देखी जाती हैं । टीम के मात्र खिलाड़ी ही नहीं , खिलाड़िनें भी उन से कमजोर नहीं हैं ।
गेंद देने में असावधानी से कंधे में चोट लगी , अब लगभग चंगी हो गयी है । जब मैच मैदान में उतरती हूं , तो कंधे में दर्द महसूस नहीं हो जाता ।
यह बात करने वाली लड़की का नाम वांग रुई श्वे है । वह महिला अंधी क्रोके टीम की प्रमुख खिलाड़िन है । जब वह मैच मैदान में उतरेगी , तो तुरंत ही प्रतिद्वंद्वी टीम पर दबाव बढ़ जायेगा । तगड़ी स्वीडिश क्रोके टीम के नेता टेस्टेन ने कहा
चीनी महिला टीम एक शक्तिशाली टीम है , पिछले तीन सालों में इस टीम की खिलाड़िनों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और 2006 विश्व चैम्पियनशील प्रतियोगिता में रजत पदक भी जीत लिया । मौजूदा पैरा आलम्पिक के क्रोके मैच में चीनी टीम स्वीडिश टीम की सब से चुनौती ही है ।
इन खिलाडियों व खिलाड़िनों के बीज जाकर हमें यह महसूस हो गया है कि क्रोके मैचों ने सचमुच उन्हें नये सुखद रंग भर लिये हैं , साथ ही उन्हों ने अपनी खुशी हमें भी संप्रेषित कर दी है ।