दस सितम्बर को चीनी अध्यापक दिवस है और पेइचिंग 2008 पैरा आलम्पिक का चौथा दिन है , पैरा आलम्पिक स्वयंसेवक सुश्री शुंग याओ के लिये यह अध्यापिका बनने के बाद अपना चौथा अध्यापक दिवस है और अपना वह प्रथम दिवस भी है, जिस दिन उन्हें विश्राम करने का मौका मिला है । क्योंकि हमारे स्कूल के छात्र हुई चओ शहर के विभिन्न क्षेत्रों व कांऊटियों से आये हैं , इसलिये अधिकतर छात्र स्कूल में रहते हैं । अध्यापक दिवस जैसे त्यौहारों की खुशियां मनाने के लिये छात्र अपने घर वापस लौट जाते हैं , जब कि इस उपलक्ष में हम अध्यापक आम तौर पर स्कूल की ड्यूटी पर कायम हैं ।
26 वर्षीय अध्यापिका शुंग याओ सछ्वान प्रांत रहने वाली हैं , चार साल पहले वे क्यांगतुंग प्रांत के हुइ चओ शहर के एक विशेष स्कूल में अध्यापन कार्य में जुट गयीं । सितम्बर 2008 में वे पेइचिंग आ गयीं । जब चीन 13 जुलाई 2001 में आलम्पिक आवेदन करने में सफल हुआ , तो उस समय मैं विश्वविद्यालय में दूसरी क्लास की छात्रा थीं , मैं ने मन ही मन सोचा कि यदि 2008 में मैं आलम्पिक सेवा के लिये पेइचिंग जाऊं , तो वह कितनी बड़ी सौभाग्यशाली बात होगी । विश्वविद्यालय में मेरा कोरस विशेष शिक्षा से जुड़ा हुआ है , मुझे आशा है कि मैं अपने व्यवसायिक ज्ञान के माध्यम से पैरा आलम्पिक के लिये थोड़ा बहुत योगदान कर सकूंगी।
जनवरी 2007 में शुंग याओ ने पेइचिंग आलम्पिक स्वयंसेवक के लिये अपना नाम दर्ज किया , फिर सिलसिलेवार परीक्षाओं में पास होकर क्वांगतुंग प्रांत के हुइ चओ शहर की एक मात्र आलम्पिक स्वयंसेवक की हैसियत प्राप्त की । उन्हों ने कहा कि यह विशेष मर्यादा अपने विशेष शिक्षा कार्य से संबंधित है , स्कूल में वे बाल बच्चों को बड़ी हद तक आनन्द उठाने देने की हरसम्भव कोशिश करती आयी हैं। स्कूल में मैं चीनी व अग्रेजी भाषाएँ पढ़ाती हूं , मेरे छात्र मीडिल स्कूल की दूसरी क्लास के हैं । मुझे लगता है कि उन का स्कूली जीवन काफी सुखद है , क्योंकि उन्हें अध्यापकों से प्रेम , अभिभावकों का ख्याल और सामाजिक समर्थन व मदद प्राप्त है ।
सुश्री शुंग याओ के स्कूल में सभी छात्र गूंगे बहरे हैं । क्लास में इंगित भाषा के माध्यम से पढाया जाता है । पर ये बाल बच्चे बहुत मेहनती हैं , 2008 पैरा आलम्पिक उद्घाटन समारोह में सुश्री शुंग याओ के दो छात्रों ने भी प्रदर्शन किया । इन दोनों छात्रों ने हमारे हुई चओ शहर की ओर से मौजूदा पैरा आलम्पिक उद्घाटन समारोह में नमस्ते तारा नामक इंगित नाच में भाग लिया । तीन सौ से ज्यादा विकलांग लड़कियों ने सामूहिक रूप से जो इंगित डांस किया है , उस से उद्घाटन समारोह में उपस्थित अंगिनत दर्शक अत्यंत प्रभावित हुए हैं ।
दस सितम्बर को निश्चित चीनी अध्यापक दिवस है , सुश्री शुंग याओ को विश्राम करने का मौका आखिरकार मिल गया है । इस उपलक्ष में वे पैरा आलम्पिक प्रदर्शनी और विश्व संभ्यता प्रदर्शनी देखने गयी । उन्हों ने कहा कि अपने स्कूल में और बहुत से बाच बच्चे हैं , हो सकता है कि वे जिंदगी भर में पेइचिंग नहीं आ पायेंगे , इसलिये वे अपने अवकाश के समय में और अधिक सूचनाएं प्राप्त करेंगी , तोकि उन बाच बच्चों को पेइचिंग और आलम्पिक सपना महसूस किया जा सके ।