गीत--- गीत गाना चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए
अब आप सुन रहे हैं तिब्बती गायिका छाईतान चोमा द्वारा गाया गया《गीत गाना चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए》नामक गीत । गीत में कहा गया हैः
मैं गीत गा रही हूँ
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी है
मेरी मां की तरह
मां ने मुझे जन्म दिया है
कम्युनिस्ट पार्टी की किरणें
मेरे दिल को चमका रही हैं
वर्ष 2005 में 68 वर्षीय छाईतान चोमा ने अलग-अलग तौर पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा और हू नान प्रांत में सफलतापूर्वक खुद के कला क्षेत्र में प्रवेश की 50वीं वर्षगांठ पर विशेष संगीत सभा आयोजित की ।"आधी शताब्दी की आवाज़"नामक इस संगीत सभा में छाईतान चोमा ने पिछले पचास सालों में गाए गए अपने गीतों को फिर एक बार दर्शकों के सामने पेश किया। उन की आवाज़ पहले की ही तरह सुरीली और मधुर है । चीनी लोगों ने उन्हें गायन के क्षेत्र में एक हरे-भरे पेड़ की संज्ञा दी है । वर्ष 2006 में तीसरी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक जातीय सांस्कृतिक व कलात्मक प्रदर्शनी पेइचिंग में आयोजित हुई । सत्तर वर्षीय छाईतान चोमा ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रतिनिधि मंडल की सदस्या के रूप में दर्शकों के सामने कार्यक्रम पेश किया । इस की चर्चा में छाईतान चोमा ने कहा
"इस बार तीसरी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक जातीय सांस्कृतिक व कलात्मक प्रदर्शनी में भाग लेने पर मुझे बहुत खुशी हुई । अब मैं सत्तर की होने वाली हूँ , तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के कलाकारों के साथ अपने देश के दर्शकों के सामने कार्यक्रम प्रस्तुत करना मुझे अच्छा लगता है । हमारी प्रस्तुतियों में तिब्बत की संस्कृति, संगीत, नृत्य और तिब्बती कला दर्शकों के सामने पेश की गयी, जिस से जाहिर है कि हमारी तिब्बत जाति की सांस्कृतिक विशेषता सुरक्षित है । मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण बात है । "
तिब्बती ऑपेरा तिब्बत की संस्कृति का महत्वपूर्ण भाग है, जिस का इतिहास कोई 600 वर्ष से ज्यादा पुराना है । तिब्बती ऑपेरा गाते समय गायक गायिका की आवाज़ बहुत ऊंची है, और ऑपेरा की शैली विविधतापूर्ण है । छाईतान चोमा सक्रिय रूप से तिब्बती ऑपेरा गाने में सलंग्न है । उन की कोशिशों को दर्शकों की मान्यता हासिल हुई है। छाईतान चोमा ने कहा कि उन्हें तिब्बती जातीय गीत गाते हुए पचास साल बीत चुके हैं, आज वे तिब्बती संस्कृति की विविधता के प्रसार-प्रचार में अपना योगदान करने को तैयार हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग तिब्बत की संस्कृति व कला की अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर सकें ।
पचास सालों के कलात्मक जीवन में छाईतान चोमा ने तीस से ज्यादा देशों व क्षेत्रों की यात्रा की है। उन का विचार है कि विभिन्न देशों व क्षेत्रों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के जरिए वे न सिर्फ़ ज्यादा जानकारी हासिल कर सकती हैं , बल्कि विदेशी दर्शकों के सामने अपनी जन्मभूमि तिब्बत का प्रचार-प्रसार भी कर सकती हैं । छाईतान चोमा ने कहा
"मैं ने क्रमशः 30 से ज्यादा देशों व क्षेत्रों की यात्रा की है । लोग सांस्कृतिक व कलात्मक क्षेत्र में तिब्बत में हुए परिवर्तन के बारे में जानना चाहते हैं। हमारी प्रस्तुतियों के जरिए विदेशी लोगों का तिब्बती संगीत व नृत्य से परिचय हुआ जो उन्हें पसंद आया । दलाई लामा के ग्रुप ने अफवाह फैला कर कहा कि अब हान जाति ने तिब्बत की संस्कृति को बिलकुल बदल दिया है। शायद दूसरे देशों के दोस्तों को इस की कम जानकारी होगी, वे कभी-कभार ऐसे गलतफहमी वाले विचारों के साथ हमारी प्रस्तुति देखने आए । लेकिन जब उन्होंने हमारी तिब्बती शैली की प्रस्तुतियों को देखा तो पाया कि न केवल तिब्बती संगीत नृत्य बहुत अच्छा है, बल्कि इस की अपनी जातीय विशेषता भी है । मुझे लगता है कि देश-विदेश में तिब्बती संस्कृति व कला का प्रचार-प्रसार करना गौरव का काम है।"
सत्तर वर्षीय छाईतान चोमा इस समय चीनी सांस्कृतिक व कलात्मक मंच पर सक्रिय हैं । वे तिब्बती संस्कृति के विकास के बारे में भी सोचती रहती हैं । उन्होंने आशा जतायी कि अपने अनुभवों व जानकारियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएंगी, ताकि तिब्बती संस्कृति व कला का प्रचार-प्रसार हो सके । उन का कहना है
"भविष्य में मैं विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करना चाहती हूँ । इस के साथ ही मैं चीनी संगीत कॉलेज , शांगहाई संगीत कॉलेज यानी चीनी जातीय युनिवर्सिटी में एक छोटी सी संगीत कक्षा खोलना चाहती हूँ। वर्तमान में हमारे तिब्बत के संगीत की शक्ति कमज़ोर है, मैं अपनी कोशिशों के जरिए तिब्बती युवाओं के कलात्मक स्तर को उन्नत करना चाहती हूँ।"
छाईतान चोमा ने कहा कि उन्हें खुद चीनी जनता की अभिनेत्री के रूप में जनता की सेवा करनी चाहिए । चाहे उम्र कितनी भी बड़ी हो, वे अपने गीत दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने की हर संभव कोशिश करती रहेंगी।
"मैं अपने कार्य को पसंद करती हूँ, और ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा करना चाहती हूँ ।अगर मैं स्वस्थ हूं, तो मैं जरूर कार्यक्रमों में भाग लेती रहूंगी ।"(श्याओ थांग)