2008-09-02 15:22:33

पैरा ओलंपिक के नेत्रहीन स्वयंसेवक

 2008 पेइचिंग ओलंपिक के शानदार आयोजन के बाद अब 2008 पेइचिंग पैरा ओलंपिक भी नजदीक आ रहा है । 13 वें पेइचिंग पैरा ओलंपिक में विश्व के 148 देशों व क्षेत्रों से आए 4000 विकलांग खिलाड़ी भाग लेंगे और इन के साथ 2500 कोच, मैच निमायक और 4000 से ज्यादा पत्रकार पेइचिंग में इकट्ठे होंगे । पैरा ओलंपिक की सफलता के लिए अब पेइचिंग के 44000 स्वयं सेवक तैयारी के काम में व्यस्त होने लगे । इन स्वयं सेवकों में कुछ मालिश मास्टर भी शामिल हैं ।

पेइचिंग पैरा ओलंपिक गांव मं करीब 60 मालिश मास्टर विभिन्न देशों के खिलाड़ियों, पत्रकारों और अफसरों को सेवा प्रदान कर रहे हैं । उन में दस नेत्रहीन मास्टर भी है । नेत्रहीन मालिश मास्टर लु सिन उन में से एक है । उन्हों ने संवाददाता से कहाः

चीनी परम्परागत चिकित्सा पद्धति से मालिश करना एक चीनी विशेषता वाला चिकित्सा व्यवसाय है । चीनी चिकित्सा पद्धति से मालिश करने का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है और स्वास्थ्य के लिए बड़ा फायदामंद होता है । मैं अपनी इस कुशलता से पैरा ओलंपिक की सेवा करूंगा । मुझे बड़ा गर्व महसूस हुआ है कि मैं पैरा ओलंपिक का स्वयंसेवक बन गया हूं ।

श्री लु सिन को मालिश का काम करते हुए 6 साल हो गया है , अब वह पैरा ओलंपिक गांव के चिकित्सा विभाग का सहायक है । 19 साल की उम्र में वे विश्वविद्यालय का छात्र बन गया था , लेकिन बीमारी के कारण उस की नेत्रज्योति गायब हुई । जिस से उस का पूरा जीवन बदल गया । किन्तु उस का मनोबल नहीं हारा , उस ने पेइचिंग में आ कर मालिश की तकनीक सीखी । उस ने कहा कि जीवन के प्रति किस प्रकार का रवैया अपनाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है । मैं आशावान और आत्म विश्वास का रवैया अपनाता हूं और समाज को सेवा देना चाहता हूं ।

पेइचिंग नेत्रहीन मालिश निर्देशन केन्द्र के प्रधान श्री वांग छांगहान ने कहा कि पेइचिंग ओलंपिक और पैरा ओलंपिक के दौरान कुछ नेत्रहीन मालिश मास्टर स्वयंसेवक के रूप में ओलंपिक गांव आए , वे अन्य डाक्टरों के साथ मिल कर विभन्न देशों से आए मित्रों की सेवा करते रहे । असल में मालिश सेवा देने के लिए कुल 500 से अधिक नेत्रहीन मास्टरों ने नामांकन किया था । अन्त में उन में से दस श्रेष्ठत्तम मास्टर चुने गए । श्री वांग ने कहा कि यद्यपि ये लोग शरीर में अपाहिज हुए हैं , पर वे सभी आशावादी और दृढ संकल्प वाले हैं । वे समाज की मदद से अच्छा जीवन बिताते हैं और समाज की सेवा करने की भी कोशिश करते हैं । श्री वांग छांग हान ने उन की प्रशंसा करते हुए कहाः

ये नयी पीढी के नेत्रहीन लोग है , वे जवान है, शिक्षित हैं और जोश से ओतप्रोत हैं । वे स्वस्थ लोगों की भांति समाज को अपनी बुद्धि व शक्ति अर्पित करते हैं ।

ओलंपिक गांव में मालिश की सेवा करने वाले नेत्रहीन मास्टर सभी नौजवान हैं । पेइचिंग निवासी सुश्री छन ह्वेयंग इस साल 26 साल की है । कड़ी परीक्षा के बाद वह स्वयं सेवक के लिए चुनी गयी , इस से उस का आत्मविश्वास और अधिक बढ़ा । वह अंग्रेजी में विदेशियों के साथ विचारों का आदान प्रदान कर सकती हैं । इसतरह विदेशी खिलाड़ियों ने उस के साथ फोटो खिचवाया और समृति बैज भेंट किए है । असल में ओलंपिक गांव में काम करने के लिए सभी नेत्रहीन मालिश मास्टर अंग्रेजी बोल सकते हैं , उन्हों ने स्वाध्ययन के जरिए अंग्रेजी पर अधिकार कर लिया है ।