2008-09-01 15:21:01

पैरा ओलंपिक की मशहूर महिला खिलाड़ी छङ यु

पेइचिंग पैरा ओलंपिक जल्दी होने वाला है , इन दिनों , पैरा ओलंपिक की मशाल रिले की दौड़ चीन के 11 प्रांतों व शहरों में हो रही है । 31 अगस्त को मशाल रिले की दौड़ मध्य चीन के हुपै प्रांत के ऊहान शहर में चली । मशाल धारकों में से पूर्व महिला विकलांग खिलाड़ी सुश्री छङयु के आत्मविश्वास की भावना ने लोगों पर गहरी छाप छोड़ी ।

सुश्री छङयु इस समय हुपै प्रांत के रूङच्युन अस्पताल के विकृत अंग सुधार विभाग की उप प्रभारी है । लेकिन अपनी 15 साल की उम्र में एक दुर्घटना से सुश्री छङ यु का एक पैर घायल हो गया । जिस से उसे भारी घातक पहुंचा । 8 साल के इलाज और लाभ सुधार के बाद भी उस की शारीरिक स्थिति नहीं सुधरी और ज्यादा बिगड़ भी गयी । अन्त में 23 साल की उम्र में डाक्टर की सलाह पर उसे अपने एक पैर को घुटने के नीचे से काटा जाना स्वीकार करना पड़ा । यह हालत एक युवती के लिए घातक साबित हुई थी , उस समय वह एकदम निराश और हताश हो गयी और उस की मिजाज भी बहुत खराब हो गयी थी । लेकिन पैरा ओलंपिक में भाग लेने के परिणामस्वरूप उस का आत्मविश्वास लौट आया और इच्छा शक्ति भी मजबूत हो गयी । उस ने कहा कि वास्तव में मेरे विकलांगों के खेल समारोह में भाग लेने के बाद मेरी तबीयत अच्छी हो गयी है । पहले मैं दूसरों के सामने कभी भी अपना अपाहिज अंग नहीं दिखाती थी और मुझे बड़ा हीनभाव महसूस हुआ था । लेकिन विकलांगों के खेल समारोह में मैं ने बहुत से विकलांग दोस्त बनाए , कुछ लोगों की हालत मुझ से भी गंभीर है । लेकिन वे बड़ा दृढ़ संकल्प रखते हैं , जिस से मुझे असाधारण प्रेरक शक्ति मिली । इस के बाद मेरा आत्म विश्वास भी वापस आया ।

विकलांग खिलाड़ी के रूप में सुश्री छङ यु ने 1988 सोल पैरा ओलंपिक में भाग लिया और महिला टेबिल टेनिस टीम मेच का स्वर्ण पदक जीता । सोल पैरा ओलंपिक में उस ने अपनी टीम के साथियों के साथ मिल कर बड़ी कोशिश की । मैच से पहले , टीम के नेता और कोच ने उन्हें प्रोत्साहन देते हुए कहा कि जब वे लोग अपनी शक्ति का ठीक से उजागर कर सकें , तो अवश्य ही अच्छी उपलब्धि हालिल हो सकेगी , इसलिए वे आत्म विश्वास और धैर्य से काम लेना चाहिए और दूसरी किसी भी बात की सोच भी नहीं करना चाहिए। सुश्री छङ यु की टीम की सभी साथियों ने प्रतियोगिता में श्रेष्ठ खेल प्रदर्शन किया , उन्हों ने कुल पाच दौर के मैच किए और पांचवें दौर के मैच में सुश्री छङ यु ने बड़े धैर्य का परिचय कर कोच के प्रोत्साहन से तड़गी फ्रांसीसी खिलाड़ी को हरा दिया , इस तरह चीनी टीम ने पैरा ओलंपिक की टीम चैम्पियनशिप जीती ।

अब तक भी वह ऊहान शहर की एकमात्र पैरा ओलंपिक चैम्पियन रही है । पिछले 20 सालों में सुश्री छङ यु ने अनेक अन्तरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीते थे और हुपै प्रांत व ऊहान शहर के आदर्श श्रमिक के रूप में सम्मानित की गयी और पेइचिंग पैरा ओलंपिक में वह मशाल धारक के लिए चुनी गयी ।

किन्तु आयु और बीमारी के कारण उसे पेइचिंग पैरा ओलंपिक की प्रतियोगिता में भाग लेने की स्थिति नहीं नहीं है , फिर भी वह अपनी टीम की साथियों को प्रेरणा देने की कोशिश नहीं छोड़ेगी ।वह कहती है कि चार सालों के अथक प्रयासों के बाद हरेक खिलाड़ी ओलपिक में अच्छा खेल प्रदर्शन कर कामयाबियां हासिल करना चाहता है । वह चाहती है कि चीनी विकलांग खिलाड़ी अपने देश में आयोजित पैरा ओलंपिक में देश को शोभा देने तथा अपनी शक्ति साबित कर दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हों और विकलांगों का हौसला बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ उपलब्धियां प्राप्त करेंगे । वह कहती हैं कि वह जरूर विकलांग खिलाड़ियों को श्रेष्ठ खेल प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करेगी तथा और ज्यादा विकलांगों को खेल कार्य में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगी ।