2008-08-28 20:00:10

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने लगातार रूस द्वारा दक्षिण ओसेटिया व अब्खाजिया की स्वतंत्रता को मान्यता देने पर प्रतिक्रिया की

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने 27 तारीख को लगातार रूस द्वारा दक्षिण ओसेटिया व अब्खाजिया की स्वतंत्रता को मान्यता देने पर प्रतिक्रिया की।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री छिन कांग ने 27 तारीख को रूस द्वारा दक्षिण ओसेटिया व अब्खाजिया की स्वतंत्रता को मान्यता देने पर संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर देते समय यह आशा जतायी है कि संबंधित पक्ष वार्ता से मामले का समाधान अच्छी तरह से कर सकेंगे।

नाटो के 26 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने 27 तारीख को ब्रुसेल्स में सम्मेलन आयोजित करके जोर्जिया स्थिति पर चर्चा की। सम्मेलन के बाद जारी वक्तव्य में कहा गया है कि नाटो ने रूस द्वारा दक्षिण ओसेटिया व अब्खाजिया की स्वतंत्रता को मान्यता देने की कार्रवाई की निंदा की। वक्तव्य में रूस से यह फैसला बदलने की अपील भी की गयी।

जोर्जियाई विदेश मंत्री सुश्री एकातेरिने त्केशेलाशविली ने 27 तारीख को कहा कि जोर्जिया रूस के साथ राजनयिक संबंधों का स्तर नीचा करेगा। इस से पहले जोर्जियाई संसद ने यह कहा था कि वह रूस के साथ राजनयिक संबंधों को तोड़ने पर विचार कर रहा है।

फ़्रांसीसी राष्ट्रपति श्री निकोलस सार्कोज़ी ने उसी दिन कहा कि यूरपीय संघ रूस के साथ घनिष्ट व सकारात्मक संबंध बनाये रखना चाहता है, और शीतयुद्ध में फिर एक बार दाखिल नहीं होना चाहता। उन्होंने रूसी सेना से दक्षिण ओसेटिया व अब्खाज़िया से हटने की अपील भी की।

ब्रिटिश विदेश मंत्री श्री डेविड मिलिबांड ने ठीक उसी दिन यूक्रेन की यात्रा करते समय यूरोपीय संघ व नाटो से जोर्जिया में रूस की कार्रवाई पर ठोस प्रतिक्रिया करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यूरोपीय संघ व नाटो को रूस के संबंधों पर फिर एक बार विचार करने की ज़रूरत है।

पोलैंड के विदेश मंत्री श्री रादोस्लाव सिकोर्स्की ने उसी दिन कहा कि उन्हें आशा है कि रूस पश्चिम के साथ सहयोग कर सकेगा। श्री सिकोर्स्की ने इस बात पर भी जोर दिया कि पोलैंड अविचल रूप से जोर्जिया की प्रादेशिक अखंडता का समर्थन करेगा।

रूसी उप विदेश मंत्री श्री सेरगेइ रियाब्कोव ने 27 तारीख को मास्को में कहा कि दक्षिण ओसेटिया के मामले पर दक्षिण ओसेटिया व रूस के नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिये रूस ने कुछ कदम उठाए हैं। लेकिन अमरीका ने इसे नहीं समझ पाया, और गलत टिप्पणी भी की। इस पर रुस ने चिंता प्रकट की।(चंद्रिमा)