2008-08-25 13:49:29

शांगहाई सहयोग संगठन

शांगहाई सहयोग संगठन सबसे पहले चीन, रूस, खाजिकस्तान, गिर्गिस्तान व ताजिकस्तान से गठित शांगहाई पांच देशों की भेंट व्यवस्था थी। वर्ष 2001 के 14 जून को शांगहाई सहयोग संगठन के शीर्ष नेताओं ने शांगहाई में छठी भेंटवार्ता की। उजबेकिस्तान ने पूर्ण समानता की हैसियत से शांगहाई पांच देशों में भाग लिया। 15 तारीख को छह देशों के राजाध्यक्षों ने प्रथम भेंटवार्ता में शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर शांगहाई सहयोग संगठन की औपचारिक स्थापना की घोषणा की।

वर्ष 2001 के सितम्बर में शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के प्रधान मंत्रियों ने अल्माटी में प्रथम भेंटवार्ता की और शांगहाई सहयोग संगठन के ढांचे में प्रधान मंत्रियों की नियमित भेंटवार्ता व्यवस्था की स्थापना की घोषणा की। वर्ष 2002 के जून माह में शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों ने सेंटपीटर्सबर्ग में दूसरे शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। छह देशों के राजाध्यक्षों ने शांगहाई सहयोग संगठन के चार्टर पर हस्ताक्षर किये। चार्टर के आधार पर शांगहाई सहयोग संगठन ने अपने सिद्धांत, संगठित ढांचे, प्रचलन तरीके, सहयोग दिशा तथा वैदेशिक आदान प्रदान आदि प्रमुख सिद्धांतों को स्पष्ट किया। वर्ष 2003 की मई में शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों ने मास्को में तीसरे शिखर सम्मेलन के आयोजन के मौके पर सदस्य देशों के राजाध्यक्षों ने घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये। तत्कालीन रूस स्थित चीनी राजदूत चांग देई क्वांग को इस संगठन का प्रथम महा सचिव नियुक्त किया गया। वर्ष 2004 की जनवरी में शांगहाई सहयोग संगठन सचिवालय पेइचिंग में औपचारिक रूप से स्थापित हुआ।

शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों का कुल क्षेत्रफल 3 करोड़ से ज्यादा वर्गकिलोमीटर है, जो युरोप व एशिया की मुख्यभूमि का तीन बटा पांच है। इस क्षेत्र की आबादी 1 अरब 48 करोड़ 90 लाख है, जो विश्व आबादी का एक चौथाई हिस्सा है। इस संगठन की कार्य भाषा चीनी व रूसी है।

शांगहाई सहयोग संगठन आपसी विश्वास, आपसी लाभ, समानता, सलाह-मश्विरा और विविधतापूर्ण सभ्यता का सम्मान करने के आधार पर समान विकास की खोज करने की शांगहाई भावना के अनुसार, निर्गुट और अन्य देशों व क्षेत्रों के बेखिलाफ वाले खुलेपन सिद्धांत का पालन करते हैं।

वर्ष 2004 से शांगहाई सहयोग संगठन ने पर्यवेक्षकों की व्यवस्था शुरू की। उसी वर्ष के जून माह में ताशकांद में आयोजित शांगहाई सहयोग संगठन के चौथे शिखर सम्मेलन में मंगोलिया को पर्यवेक्षक देश का स्थान मिला।वर्ष 2005 के जुलाई माह में अस्ताना में आयोजित शांगहाई सहयोग के पांचवें शिखर सम्मेलन ने पाकिस्तान, ईरान व भारत को पर्यवेक्षक देश का दर्जा दिया।

शांगहाई सहयोग की स्थापना से अबतक सदस्य देश सुरक्षा, आर्थिक, व्यापारिक , सांस्कृतिक, सैन्य व विधान आदि विभिन्न क्षेत्रों में कारगर सहयोग करते रहें हैं। वर्ष 2001 में इस संगठन की स्थापना के समय संगठन ने आतंकवादी , अलगाववादी और उग्रवादी पर प्रहार करने की शांगहाई संधि पर हस्ताक्षर किया । 11 सितम्बर घटना के बाद शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों ने इस क्षेत्र के आतंकवादी, उग्रवादी व अलगाववादी तीन शक्तियों के खिलाफ हमले को मजबूत किया । वर्ष 2004 के जून माह में शांगहाई सहयोग संगठन की आतंकवाद विरोधी संस्था ताशकांद में औपचारिक रूप से स्थापित की गयी।

शांगहाई सहयोग संगठन चीन में स्थापित किया गया प्रथम ऐसा अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो चीन के शहर के नाम से नामांकित है। शांगहाई सहयोग संगठन चार्टर और शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना के घोषणा पत्र के अनुसार, शांगहाई सहयोग संगठन का प्रमुख लक्ष्य विभिन्न सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास व अच्छे पड़ोसी वाली मैत्री को मजबूत करना, राजनीति, अर्थतंत्र, व्यापार, विज्ञान, तकनीक, संस्कृति, शिक्षा, ऊर्जा, यातायात, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण तथा अन्य क्षेत्रों में कारगर सहयोग करने के लिए विभिन्न सदस्य देशों को प्रेरित करना, क्षेत्र की शांति, सुरक्षा व स्थिरता की रक्षा करना और लोकतंत्र, न्यायपूर्ण व उचित अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक अर्थतंत्र नयी व्यवस्था की स्थापना को आगे बढ़ाना है।

शांगहाई सहयोग संगठन की सर्वोच्च निर्णायक संस्था सदस्य देशों के राजाध्यक्षों का परिषद सम्मेलन है। उक्त परिषद सम्मेलन हर वर्ष अपनी एक बैठक बुलाती है और सभी महत्वपूर्ण सवालों पर निर्णय लेने पर विचार विमर्श करती है। शांगहाई सहयोग संगठन सदस्य देशों के सरकार के शीर्ष नेताओं की नियमित परिषद बैठक हर वर्ष एक बार आयोजित की जाती है, और मुख्यतः संगठन के ढांचे में बहुपक्षीय सहयोग की रणनीति व सर्वश्रेष्ठ दिशा का अध्ययन करने के साथ आर्थिक सहयोग आदि क्षेत्रों के सैद्धांतिक व फौरी समस्याओं के समाधान पर सलाह मश्विरा करती है।राजाध्यक्षों व सरकारी शिखर नेताओं की परिषद के अन्तर्गत अलग अलग तौर पर विदेश मंत्रियों समेत अर्थतंत्र, यातायात, संस्कृति, प्रतिरक्षा, कानूनी सुरक्षा, निगरानी, नागरिक मामलात व सीमांत सुरक्षा आदि क्षेत्रों की वार्षिक नियमित भेंटवार्ता की व्यवस्था भी स्थापित की गयी है। शांगहाई सहयोग संगठन की बुनियादी समन्वय व्यवस्था सदस्य देशों की समन्वय परिषद है। शांगहाई सहयोग संगठन की दो स्थायी संस्थाएं अलग अलग तौर पर पेइचिंग स्थित सचिवालय और ताशकांद स्थित क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संस्था है। सचिवालय के महा सचिव का पद विभिन्न सदस्य देश बारी बारी निभाते हैं, जिस का कार्यकाल तीन वर्ष होता है।

शांगहाई सहयोग संगठन का चिन्ह एक राऊंड के आकार में हैं, जिस में चीन, रूस, खाजिकस्तान, गिर्गिस्तान, ताजिकस्तान व उजबेकिस्तान छह सदस्य देशों के नक्शों , दो ओलिवों की टहनियां को दो रिबन से जोड़कर सुसज्जित किया गया हैं, यह इस बात का द्योतक है कि सदस्य देश हमेशा क्षेत्र व विश्व की शांति व विकास की प्रेरणा में सक्रिया भूमिका अदा करेंगे। चिन्ह के ऊपरी व निचले भाग में अलग अलग तौर पर चीनी व रूसी भाषा से शांगहाई सहयोग संगठन के अक्षर लिखे गये हैं। इस चिन्ह का रंग हरा व नीला है, जो इस संगठन की शांति, मैत्री, प्रगति व उसके विकास के लक्ष्य को प्रतिबिंबित करता है।(श्याओयांग)