2008-08-13 15:17:58

चीनी पुरूष जिमनास्टिक टीम की विजय

आज से चार साल पहले ,एथेन्स ओलंपियाड के मैच में विश्व जिमनास्टिक चैम्पियन टीम यानी चीनी पुरूष जिमनास्टिक टीम ने टीम प्रतियोगिता में बार बार खराब प्रदर्शन करने के कारण दोबारा स्वर्ण पदक पाने में विफलता का मुख देखा और सिर्फ पांचवें स्थान पर रही। लेकिन चार साल बाद ,2008 पेइचिंग ओलंपियाड में 12 अगस्त को पुरूष टीम जिमनास्टिक प्रतियोगिता में चीनी टीम ने शानदार प्रदर्शन कर पुनः टीम जिमनास्टिक का स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला । यह पदक मौजूदा ओलंपियाड में चीनी खेल प्रतिनिधि मंडल द्वारा प्राप्त पहला टीम इवेंट का स्वर्ण पदक है ।

12 अगस्त की सुबह, पेइचिंग ओलंपिक पार्क में स्थित राष्ट्रीय जिम्नासियम में पुरूष टीम जिमनास्टिक प्रतियोगिता के फाइनल में अंतिम दौर का मैच खत्म भी नहीं हुआ था , तो प्रतियोगिता का परिणाम निश्चित सा हो गया । जब चीनी टीम के अंतिम सदस्य का खेल प्रदर्शन समाप्त हुआ , तो चीनी टीम ने दूसरा स्थान प्राप्त जापानी टीम से सात अंक ज्यादा जीत कर इस इवेंट की चैम्पियनशिप प्राप्त की और जापानी टीम को रजत पदक मिला । जापानी टीम एथेन्स ओलंपियाड में इस इवेंट का चैम्पियन थी । चीनी जिम्नास्टिक जगत पुरूष टीम के इस स्वर्ण पदक को बहुत मूल्यवान समझता है । टीम के जनरल कोच श्री ह्वांग यु पीन ने कहाः

पुरूष टीम का स्वर्ण पदक हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है , यह पदक टीम के छै सदस्यों के समान प्रयासों का सुफल है , उन के हरेक सदस्य का प्रदर्शन बहुत अहम है , इसलिए उस की महत्ता अत्यन्त भारी है ।

पुरूष टीम जिमनास्टिक का स्वर्ण पदक जीतने में चीनी खिलाड़ियों ने असाधारण प्रयत्न किया था । प्रतियोगिता के पहले विषय यानी फ्लॉर एक्ससाइज में चीनी टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था । दो दौर के बाद चीनी टीम केवल पांचवें स्थान पर आयी । लेकिन तीसरे दौर के मैच के दौरान चीनी खिलाड़ियों की स्थिति सुधर गयी और उन्हों ने अपने शानदार खेल प्रदर्शन से अच्छे अच्छे अंक प्राप्त किये । चौथे दौर के बाद चीनी टीम आगे बढ़ कर पहले स्थान पर आयी । इस के बाद की प्रतिस्पर्धा में चीनी टीम की श्रेष्ठता लगातार बरकरार रही और अंत में जापानी टीम को हरा कर भव्य विजय हासिल की । इस पर जापानी टीम के कोच गुशिकेन कोजी ने कहाः

प्रतियोगिता के पहले आधा भाग की प्रतिस्पर्धा जबरदस्त और चकित थी । चीनी खिलाड़ियों के उच्च व कठिन स्तर के करतबों ने ऊंचे ऊंचे अंक जीते थे । दो विषयों पर मैच खत्म भी नहीं हुआ था कि मुझे मालूम हो चुका है कि जापानी टीम महज रजत पदक के लिए कोशिश कर सकती है। हमें चीनी टीम से सीखना चाहिए ।

चीनी टीम के छै सदस्यों में से होंग श्युन, ली शोफङ और यांग वी ने तीन बार ओलंपिक में भाग लिया है । उन्हों ने 2000 सिडनी ओलंपियाड में स्वर्ण पदक पाने की खुशी भी मनायी थी और 2004 एथेन्स ओलंपियाड में हार खाने की दुख भी महसूस की । लेकिन वे तीनों खिलाड़ियों ने अपना मनोबल नहीं हारा और पेइचिंग ओलंपियाड में टीम के श्रेष्ठ प्रदर्शन को बढ़ावा देने की भूमिका अदा की । टीम कोच होंग युपीन ने कहाः

इन तीनों पुराने खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, वे अनुभवी हैं और अपने पर पड़े भारी दबाव का सामना करने में समर्थ हुए , चूंकि वे तीनों तीन बार ओलंपिक में भाग लिया है , इसलिए वे टीम के स्तंभ की भूमिका निभाते हैं । उन के श्रेष्ठ प्रदर्शन ने टीम के सभी सदस्यों का मनोबल बढ़ाया है ।

चीनी टीम के नवोदित सदस्यों ने भी प्रतियोगिता में शानदार खेल प्रदर्शन किया । 20 वर्षीय च्वो खाई ने हॉरिजन्टल बार और फ्लॉर एक्ससाइज में अद्भुत करतब दिखाए और टीन विजय के लिए बड़ा योगदान किया, क्योंकि ये दो विषय चीनी टीम के कमजोर विषय है , इसलिए इस नवोदित खिलाड़ी पर भारी दबाव पड़ा था । फिर भी च्वो खाई ने इन दो विषयों पर त्रुटि रहित सुन्दर प्रदर्शन कर दर्शकों को आकर्षित किया है । मैच के बाद उन्हों ने कहाः

प्रतियोगिता के दौरान मुझे कभी डर महसूस नहीं हुआ था , हमारी टीम के पुराने खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से मुझे बड़ा प्रोत्साहन मिला है । अंततः मैं ने बड़े आराम से सभी करतबें बेहतर पूरी कर लीं और अच्छे अंक भी प्राप्त किए ।

एथेन्स ओलंपिक के बाद चीनी टीम पर बड़ा दबाव पड़ा था । चीनी पुरूष जिमनास्टिक टीम की हालत भी इतिहास में सब से खराब मूड में पड़ी थी । लेकिन अपने को इस हार और हताश की स्थिति से छुटकारा दिलाने के लिए टीम के नए व पुराने खिलाड़ियों ने मिल कर कठोर परिश्रम किया । इस पर टीम के वरिष्ठ सदस्य ली शोफङ ने कहाः

बेशक , हम ने बहुत से पसीने बहाए थे, हर सदस्य की अपनी अपनी समस्या थी, किसी को चोट लगी थी और किसी को खेल स्तर बढ़ाने की समस्या । दूसरे लोगों को मालूम नहीं है कि पेइचिंग ओलंपियाड में स्वर्ण पदक के लिए हम ने कितनी कड़ी मेहनत की थी । 2004 के एथेन्स ओलंपिक में हम हार गये थे, पर हमारी टीम में पुनः जीतने का संकल्प है । हार जाना कोई खतरनाक बात नहीं है , ज्यादा महत्व की बात है कि हार के सामने दृढ़ संकल्प का परिचय कर खड़े हो जाते हैं और नए सिरे से विजय पाने की कोशिश करते हैं ।