2008-08-08 15:04:18

कबूतर और मौसम

हवा हवा के बड़े भाई ने कबूतरों का एक जोड़ा पाला था । रोज सुबह वह पलंग से उठते ही कबूतर का पिंजड़ा खोलता और दोनों कबूतरों को खुले आकाश में उड़ने छोड़ता था ।

हवा हवा ने बड़े भाई से पूछाः भैया , आप क्यों कबूतर पालते हैं।

बड़े भाई ने जवाब दियाः कबूतर मौसम की भविष्यवाणी कर सकता है । हवा हवा को उस की बात पर विश्वास नहीं हुआः क्या कह रहे हैं कि कबूतर मौसम स्टेशन तो नहीं है , भला वह कैसे मौसम का परिवर्तन जानता है ।

एक दिन, बड़े भाई ने कबूतरों को जब खुले आकाश में छोड़ा , तो हवा हवा ने आकाश में उमड़ते जा रहे काला बादल की ओर निहारते हुए कहाः लगता है कि थोड़ी देर के बाद पानी बरस जाएगा, कहीं कबूतर भीगने से बीमार न पड़े । बड़े भाई ने इंकार में सिर हिलाते हुए कहाः आज बारिश नहीं होगी ।

हवा हवा ने आश्चर्य दिखायाः आप को कैसे मालूम हुआ कि आज पानी नहीं गिरेगा । भाई बोला , तुम देखो , आज कबूतर कितना ऊंचा उड़े हैं , कबूतर का ऊंचा उड़ना इस बात का साक्षी है कि आज बारिश नहीं होगी ।

भाई की बात थोड़ी देर के बाद ही सच साबित हो गई , जब देखते ही देखते काला बादल भाग चला गया और आसमान बिलकुल साफ हो गया ।

फिर एक दिन था , आकाश में दूर दूर तक बादल का साया भी नहीं दिखा था , लेकिन बड़े भाई का कहना था कि आज जरूर बारिश होगी ।

हवा हवा ने फिर नामंजूर कियाः आप झूठ बोलते हैं , ऐसे साफ आसमान में बारिश कैसा हो सकती।

बड़े भाई ने कबूतरों की ओर इशारा करते हुए कहाः देखो , आज कबूतर बाहर निकलना भी नहीं चाहते हैं , उन्हें बाहर छोड़ा गया, तो भी वे तुरंत ही वापस लौटे , यह बताता है कि आज आकाश में पानी गिरेगा।

बड़े भाई की बात फिर सच निकली। कुछ समय के बाद सचमुच बारिश बरसने लगी ।

हवा हवा ने पाया कि कभी कभी पिंजड़े के खुलने पर कबूतर उस के द्वार पर खड़े हुए पंख फड़फड़ाते रहे और बहुत बहुत चंचल दिखते रहे , तब बड़े भाई ने बादस से ढंके आकाश की ओर इशारा करते हुए हवा हवा से कहाः देखो , बादल जल्दी ही छंट जाएगा । सचमुच ही कुछ ही समय के बाद बादल गायब हो गया और आसमान छंट गया और धूप भी निकल आया ।

इसीलिए हवा हवा ने बड़े भाई के कबूतरों को मौसम की भविष्यवाणी विशेषज्ञ का नाम दे दिया ।