2008-08-07 17:29:42

मान वन चुन और अपना पांचवां एलबम "यादों की ऋतु"

गायक मान वन चुन चीन की मुख्यभूमि में बहुत लोकप्रिय हैं। वे एक प्रतापी गायक हैं, जिन की आवाज़ बहुत भारी और बुलंद है और उस के गायन में प्रबल भावना भरी हुई है , जिस ने चीनी संगीत प्रेमियों के दिलों को बहुत लुभाया है । कुछ समय पूर्व मान वन चुन ने अपना पांचवां एलबम "यादों की ऋतु" जारी किया , जिस का व्यापक स्वागत हुआ है । आज के इस कार्यक्रम में हम मान वन चुन द्वारा गाए गए कुछ गीतों को लेकर उपस्थित हैं ।

मान वन चुन पहले चीन की राजधानी पेइचिंग के उपनगर में एक कारखाने में एक साधारण मज़दूर थे । कारखाने में उन का कार्य पशुओं को खिलाने वाले चारे की प्रोसेसिंग करना होता था , हर दिन उन्हें सौ सौ किलोग्राम की भारी थैलियां लाद कर वर्कशापों के बीच आना-जाना पड़ता था । उस समय उन की आशा थी कि अवकाश के समय एक संगीत दल स्थापित कर मंच पर प्रदर्शन कर सकें । वर्ष 1992 में मान वन चुन ने कारखाने की नौकरी छोड़ कर पेइचिंग के एक रात्रि क्लब में एक पेशेवर गायक के रुप में काम शुरू किया । इसी क्लब में काम करने के दौरान वे "मैं तुम्हें समझ सकता हूँ"नामक गीत की धुन लिखने वाले संगीतकार श्वे रे क्वांग से मुलाकात हुई। श्वे रे क्वांग को मान वन चुन की आवाज़ और छवि भा गई और उन्होंने मान वन चुन के लिए यह गीत रचा, जिस से मान वन चुन चीन में रातोंरात मशहूर हो गए ।

"मैं तुम्हें समझ सकता हूँ" गीत की प्रस्तुति के बाद मान वन चुन ने जङ ता अंतरराष्ट्रीय डिस्क कंपनी में भाग लिया । वर्ष 1999 में उन्होंने अपना दूसरा एलबम "जन्मभूमि की याद " जारी किया । इस एलबम के गीतों ने मान वन चुन की पुरानी शैली बनाए रखी , इस से "जन्मभूमि की याद " नामक गीत "मैं तुम्हें समझ सकता हूँ" की तरह शीघ्र ही चीन में लोकप्रिय हो गया। इस गीत में मान वन चुन ने गांव में रहने वाले अपने माता पिता के प्रति गहरा प्यार अभिव्यक्त किया है । तो सुनिए मान वन चुन का यह गीत "जन्मभूमि की याद "।

गीत 1 जन्मभूमि की याद

गीत को बोल हैं

सूर्यास्त की वेला में

आकाश में मैं ताक रहा हूँ

धुएं की भांति आयी है जन्मभूमि की याद

जन्मभूमि की ओर ताक रहा हूँ

बार बार तुम्हारी याद सताती है मेरे दिल को

नदी का स्वच्छ पानी बहता है,

जैसे मेरे आंसू उमड़ते हैं ।

खिड़कियों के बाहर चांदनी फैली है

शांत रूपहली रोशनी में

मेरा चेहरा चमकता है ।

दिल इस के लिए मचल उठा है

क्या मेरे परिजन स्वस्थ हैं अब

जन्मभूमि की मदिरा है बहुत मीठी

तुम्हारे साथ पीऊंगा मुक्त कंठ से

चाहे मैं यहां हूं या दूर किसी स्थान में

मेरा दुख सुख तुम्हारे साथ है हर क्षण

सपनों में हो या यादों में हो

सब जगह है तुम्हारी छाया

वसंत की ऋतु में हो या शरद मौसम

बारहों माह आती है तुम्हारी याद

जन्मभूमि की ओर ताक रहा हूँ

सदा के लिए प्यार करता हूँ

जन्मभूमि के लोगों के साथ

इस गीत के बाद गायक मान वन चुन ने सोनी सी.डी कंपनी में काम शुरु किया। 2004 में उन्होंने क्रमश:प्यार की सीमा नहीं है और फिर मिलेंगे आदि गीत प्रस्तुत किए।

गीत 2 मुझे तुम चाहिए

कृपया सुनिए मान वन चुन के चौथे एल्बम का प्रमुख गीत, जिस का शीर्षक है—मुझे तुम चाहिए। इस गीत में उस की हमेशा वाली शैली बनी हुई है, और यह गीत लोगों को सुनने के बाद बहुत प्रभावशाली लगा है।

गीत के बोल हैं

मुझे तुम चाहिए

तुम्हें प्यार करना मेरे जीवन का अर्थ है

तुम्हें प्यार करके मैं आगे चल सकूंगा

मुझे तुम चाहिए

तुम मत जाओ

तुम्हारे साथ अलग होने वाली हर रात

हालांकि आकाश सुंदर है

लेकिन मेरा दिल तुम्हारे साथ है

कई सालों में मान वन चुन गायक के रुप में मेहनत से काम कर रहा है। आशा है कि भविष्य में हम उन के अन्य सुंदर गीत सुनेंगे।