2008-08-05 15:38:49

तिब्बती बंधु प्यानबा और उन के परिवाजन का सुखमय जीवन

तिब्बती बंधु प्यानबा ने कहा कि वर्ष 2008 पिछले साल की तुलना में बहुत अलग है । गांव वासियों ने नए मकानों में प्रवेश किया है, सरकार ने उन्हें भत्ता दिया है, इस तरह गांववासियों के पास खरीदारी करने के ज्यादा पैसे हैं, वे लोग बहुत खुश हैं। प्यानबा ने कहा:

"पहले हमारा जीवन स्तर बहुत नीचा था । वसंतोत्वस के दौरान हम रोज़मर्रा की तरह ही आलू और गोभी आदि सब्ज़ी खाते थे । क्योंकि हमारे पास फ्रिज नहीं था । आज स्थिति बदल गई है। वसंतोत्सव के पूर्व हम ताज़ी सब्ज़ी खरीद कर फ़्रीज में रख सकते हैं । घर में फर्नीचर है । वसंतोत्सव का वातावरण बहुत आनंदमय है । पहले गांव में मात्र एक सफेद व काला टी.वी.था, प्रोग्राम देखने के लिए हमें पैसे देने पड़ते थे । लेकिन आज हर परिवार में टी.वी. सेट है । कुछ समय पूर्व हमारे यहां केबल लाईन भी आ गयी है , अब देशी-विदेशी समाचार देख सकते हैं और अनेक टी.वी. धारावाहिकों का मज़ा ले सकते हैं जिस से गांववासियों के सांस्कृतिक जीवन में और रंग भर गए हैं ।"

तिब्बती बंधु प्यानबा के पिता फूबी त्सरेन बूढ़े हो गए हैं। उन्होंने दसियों वर्षों से तिब्बती जनता के जीवन में आए परिवर्तन को देखा है। इधर के वर्षों में अपने घर में आए परिवर्तन की चर्चा में उन्होंने भाव विभोर होकर कहा:

"पहले हमारे परिवार के सभी लोग 20 वर्गमीटर से भी छोटे मकान में एक साथ रहते थे । बाद में थोड़ा सा बड़ा कमरा बदला , लेकिन इस में संस्थापन पर्याप्त नहीं थे और अनेक बच्चे होने के कारण मकान फिर भी छोटा लगता था । चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अच्छी नीति के कारण हमें आज इस नए व बड़े मकान में रहने का अवसर मिला है । मैं 67 वर्ष का हूँ । इस मकान में रहना मुझे बहुत अच्छा व आरामदेह लगता है । यह नया मकान इतना बड़ा है कि इस में प्रवेश करने के तुरंत बाद मुझे यहां रहने की आदत नहीं पड़ी थी।

दस वर्ष का तानजङ वांगत्वे तिब्बती बंधु का छोटा बेटा है । घर में नया फर्नीचर और नया टी.वी. सेट खरीदा गया, जीवन स्थिति सुधरी , यह सब देख कर तानजङ वांगत्वे को बहुत खुशी हुई । उस ने कहा:

"नए मकान में प्रवेश करने के बाद हमारे घर में दो टी.वी. आ गए हैं, इस के अलावा अनेक नया फर्नीचर भी खरीदा गया है । मै बहुत खुश हूं ।"

तिब्बती बंधु प्यानबा का यह जीवन चीन सरकार द्वारा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में किसानों व चरवाहों के लिए सुरक्षा रिहायशी मकानों की परियोजना के कार्यान्वयन की एक छवि है । केंद्र सरकार के समर्थन से भावी तीन सालों में तिब्बत की स्थानीय सरकार हर वर्ष दस करोड़ य्वान की राशि प्रदान कर चरवाहों के लिए रिहायशी मकान, किसानों के मकानों का सुधार तथा गरीबी उन्मूलन व नए मकान की प्रधानता वाली सुरक्षित रिहायशी मकान परियोजना के कार्यान्वयन में तेज़ी लाएगी , ताकि सारे प्रदेश के अस्सी प्रतिशत से ज्यादा किसान व चरवाहे सुरक्षित, आरामदेह और उचित नए मकानों में प्रवेश कर सकें ।

इस के अलावा, भीतरी इलाके के प्रांत, स्वायत्त प्रदेश और केंद्र शासित शहरों ने तिब्बत को सहायता दी है , उन के द्वारा तिब्बत की सहायता के लिए प्रदत्त धनराशि व तिब्बत की सहायता वाली परियोजनाओं के कार्यान्वयन के जरिए वर्ष 2010 तक तिब्बत में करीब तीस हज़ार किसान व चरवाहे नए रिहायशी मकान में प्रवेश करेंगे । उन का जीवन और बेहतर होगा ।(श्याओ थांग)