2008-08-04 10:17:50

हाई टैक का पेइचिंग ओलम्पिक स्टेडियमों के निर्माण व संचालन में प्रयोग

2008 पेइचिंग ओलम्पिक के सभी स्टेडियमों का निर्माण कार्य वर्तमान पूरा हो चुका है। पेइचिंग ओलम्पिक स्टेडियमों के निर्माण व उसके संचालन में हाई टैक का भारी उपयोग किया गया है, जिस से उर्जा की खपत , उच्च कार्य कौशलता को बढ़ाने, सुरक्षा को मजबूत करने जैसे लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता मिली है और हरित ओलम्पिक की विचारधारा प्रतिबिंबित हुई है।

ओलम्पिक स्टेडियमों में सबसे आकर्षणजनक निसंदेह उसका उद्घाटन समारोह और मुख्य स्टेडियम में ओलम्पिक ज्योति प्रदीपन रस्म होगी । 2008 पेइचिंग राष्ट्रीय ओलम्पिक स्टेडियम के इस्पात ढांचे की पूर्ण लम्बाई करीब 340 मीटर, उंचाई 68 मीटर व कुल वजन 42000 टन है। जबकि इतने भारी इस्पात ढांचे से निर्मित राष्ट्रीय स्टेडियम के भीतर एक स्तंभ भी नहीं है, बिल्कुल खुद के इस्पात कल पुर्जों से जुड़ा एक जाल बिछाया इस्पात ढांचा इतने भारी वजन को संभाले हुआ है। इस के लिए निर्माणकर्ताओं ने निर्माण के दौरान बेहद शक्तिशाली व उच्च क्षमता वाले क्यू 460 इ किस्म का इस्पात का प्रयोग किया है, यह विशेष इस्पात चीन द्वारा खुद निर्मित किया गया है और औसत एक वर्ग सेन्टीमीटर क्षेत्रफल में 46 किलोग्राम का वजन उठाने में सक्षम है। राष्ट्रीय स्टेडियम परियोजना के प्रभारी पेइचिंग छंगच्येन समूह व राष्ट्रीय स्टेडियम के उप प्रमुख इंजीनीयर ली च्यो लिंग ने कहा फिलहाल अब तक हमने क्यू 460 इ इस्पात का प्रयोग किया है, वह शतप्रतिशत उत्तीर्ण साबित हुआ है। जबकि पेइचिंग ओलम्पिक बेडमिन्टन व कला जिमनेस्टिक मैच के पेइचिंग तकनालाजी विश्वविद्यालय स्टेडियम की छत की सूरत बिल्कुल बेड मिन्टन की गेंद जैसा हल्का व सौन्दर्य लगता है। स्टेडियम में प्रयोग इस्पात मोढ के नक्शे ने तो स्टेडियम की छत पर चार चांद लगाए हैं और तो और स्टेडियम के भीतर प्राकृतिक सूर्य रोशनी को बेहद अच्छी तरह अन्दर लाया गया है। स्टेडियम के डिजाइनर, पेइचिंग निर्माण परियोजना अनुसंधान प्रतिष्ठान के उप प्रमुख इन्जीनीयर डाक्टर छिंग च्ये ने कहा(आवाज 2) स्टेडियम की छत की मुढ़ाई ने नीचे के लोहे रिंग व बाहरी रिंग को एक साथ जोड़ा है जिस से उसकी फलैक्सीबीलीटी बड़ी है और देखने में एकदम हल्की जैसी लगती है।

पेइचिंग ओलम्पिक स्टेडियम परियोजना निर्माण के दौरान हाई टैक का इस्तेमाल कर अनेक समस्याओं का निपटारा करने के सिवाए, स्टेडियम के पर्यावरण संरक्षण व उर्जा खपत पर भी भारी महत्व दिया गया है। मिसाल के लिए, चीन द्वारा स्वंय निर्मित उर्जा सौलर को अन्दर लाने वाली शीशे की दीवार, जिसे पेइचिंग खेल के अनेक स्टेडियमों में इस्तेमाल किए जाने के साथ, स्टेडियमों के लिए साफ बिजली भी प्रदान करेगी। राष्ट्रीय स्टेडियम को ही लिजीए, हर रोज वहां तकरीबन 20 हजार किलोवाट बिजली की बचत होगी, उर्जा सौलर के माध्यम से बिजली की आपूर्ति से रोजाना बिजली के खर्चे में एक लाख से अधिक य्वान की किफायत हो सकती है। पेइचिंग ओलम्पिक सुरक्षा विशेषज्ञ कमेटी के सदस्य मासिन ने कहा ( आवाज 3) एक 10 हजार वर्ग मीटर निर्माण के लिए सौलर उर्जा से एक हजार किलोवाट की बिजली उत्पन्न की जा सकती है, जो इमारत के पूरे उर्जा खपत समेत एयर कन्डीशन व हिटिंग आदि जरूरतों को पूरा कर सकती है।

साफ उर्जा के अलावा, पेइचिंग ओलम्पिक के सभी स्टेडियम के दृश्य आकर्षण स्थलों में साफ किए गए पानी व बारिश के पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस पर पेइचिंग सरकार ने ओलम्पिक स्टेडियमों के नजदीक निर्मित बहुत से गंदे पानी का निपटारा करने की व्यवस्था का निर्माण करने में खास निवेश किया है, ताकि अनेक किस्मों के गंदे पानी को साफ पानी बना कर उसका अनेक बार इस्तेमाल किआ जा सकता हैं।

इस साल की अप्रेल से सभी ओलम्पिक स्टेडियम पूरी तरह प्रभाव में डाले जाएगें, और इस दौरान आयोजित अनेक परीक्षण मैचों तथा 8 अगस्त के दिन के उद्घाटन समारोह में हाई टैक माध्यम का इस्तेमाल विभिन्न मैंचो के संचालन को अधिक सुरक्षित बनाए रखने के साथ लोगों को अधिक सुविधाए प्रदान करने में अपनी सक्रिय भूमिका अदा करेगी। उदाहरण के लिए, ओलम्पिक के टेबल टेनिस व बेडमिन्टन मैचों के स्टेडियमों के वातावरण, विशेषकर वायु प्रवाह की मांग अत्यन्त सख्त व कड़ी होती है, क्योंकि वायु प्रवाह की गति टेबल टेनिस व बेडमिन्टन के गेंदो की संचालन के ट्रेक को बदल सकती है, इस से खिलाड़ियों के सामान्य मैच पर प्रभाव पड़ सकता है।

अन्ततः टेबल टेनिस व बेडमिन्टन मैचों का आयोजन करने वाले पेइचिंग यूनिवर्सिटी स्टेडियम , पेइचिंग तकनालाजी यूनीवर्सीटी स्टेडियम में अन्दर के एयर कन्डीशन व्यवस्था में समुन्नत डिजाइन प्रस्ताव पेश किया गया , एयर कन्डीशन से वायु अन्दर आने के कक्षों को दर्शकों की सीटों के नीचे या बगल में रखा गया है, जो केवल 13 सेन्टीमीटर है और उसकी कुल संख्या 9100 से अधिक है। इस तरह के डिजाइन से अन्दर आने वाली वायु को जीरो में बदल दिया जा सकता है, वायु की गति को उचित रूप से हल करने से खिलाड़ियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। खिलाड़ी व दर्शक दोनों एक आरामदायक वातावरण में मैचों का भरपूर आन्नद उठा सकते हैं। टेबल टेनिस विश्व कप पुरूष सिन्गल चैम्पियनशिप के विजेता वांग हाओ ने पेइचिंग यूनिवर्सिटी स्टेडियम के संसाधन का अहसास करने के बाद कहा पहले मैच के दौरान, एयर कन्डीशन खोलने से वायु गति बड़ी तेज लगती थी, इस स्टेडियम में एयर कन्डीशन को पूरी गति से खोलने पर भी वायु का कोई अहसास नहीं होता है, इस तरह हम मैच में पूरा दिल लगा सकते हैं।

इस के अतिरिक्त, दर्शकों के स्टेडियमों के अन्दर-बाहर के गिरने की आकास्मिक घटना को दूर करने के लिए, पेइचिंग ओलम्पिक के विभिन्न स्टेडियमों की फर्शों में विशेष अफिसलन पेन्ट लगायी गयी हैं, फर्श पर चाहे पानी डालने पर भी, उसपर पैर रखने पर फिसलन महसूस नहीं होती है । स्टेडियम के कार्यकर्ता ने हमारे संवाददाता से कहा इस तरह की विशेष पेन्ट फर्श पर लगाने के बाद संगमरमर की जमीन की तुलना में हालांकि उसके उपरी भाग चमकीला दिखाई तो देगा, लेकिन उसकी घिसाहट अधिक होगी, और इस तरह के फर्श पर लोगों को रूई जैसी नर्मी व आरामदायक महसूस होगी।

पेइचिंग ओलम्पिक मैच की उच्च कार्यक्षमता को उन्नत करने व उसके सुचारू व सुरक्षापूर्ण संचालन को गारन्टी देने के लिए, विभिन्न स्टेडियमों में सुरक्षा जांच संसाधनो ने नवीन समुन्नत हाई टैक विज्ञान तकनीकी का इस्तेमाल किया है. मिसाल के लिए, चेहरे की पहचान व्यवस्था, दर्शक जब सुरक्षा गेट से प्रवेश होंगे, पहचान व्यवस्था केवल शून्य दशमलव शून्य एक सैंकड समय में आपके चेहरे की विशेषता की पहचान कर लेगी, और व्यक्ति के असली पहचान को सुनिश्चित कर लेगी। पेइचिंग ओलम्पिक सुरक्षा विशेषज्ञ कमेटी को सदस्य मा सिंग ने जानकारी देते हुए कहाः 2008 पेइचिंग ओलम्पिक से पहले, विदेशों से पेइचिंग में आए विदेशी पर्यटकों व मैच देखने आए लोगों की सूचनाओं को इस व्यवस्था की डेटा बैंक में सुरक्षित रखा जा सकता है ।

जानकारी के अनुसार, चेहरे की पहचान व्यवस्था को ओलम्पिक के दौरान खिलाड़ियों के कमरों की सेवा में भी प्रयोग किया जाएगा, उस वक्त खिलाड़ियों को अपने साथ चाबी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, अपना चेहरा ही कमरे की चाबी का मात्र सबूत होगा।

चीनी राष्ट्रीय बेसबाल टीम के अमरीकी कोच माइकल बेसथ्येन ने कहा कि विश्वास है कि अनेक हाई टैक की सफलता 2008 पेइचिंग ओलम्पिक के दौर में पूरी तरह अपना करिश्मा दिखाएगी। उन्होने काह हमे विश्वास है कि पेइचिंग 2008 ओलम्पिक में इन सभी हाई टैक का विकास एक अविश्वासनीय करिश्मा होगा, यह तकनीक अन्य पहले किसी ओलम्पिक से कहीं बेहतरीन होगा।