2008-07-31 16:36:35

ह्वी जातीय सांस्कृतिक उद्यान में प्रदर्शीत चीजें चीन व अरब देशों के बीच मौजूद मैत्रीपूर्ण आवाजाही व आदान प्रदान का ऐतिहासिक साक्षी हैं

प्रदर्शनी हाल में नाखून जीतनी छोटी कुरान पुस्तिका और आदमी से लम्बे पुरातन घंटे समेत नाना प्रकार वाले सांस्कृतिक अवशेष दर्शाये जाते हैं । कर्मचारी ने हमें बताया कि इन संग्रहित सांस्कृतिक अवशेषों में दो अवशेषों का उल्लेख करने लायक हैं , एक है मिंग राजवंश यानी 1368 से 1683 तक के दौरान प्रकाशित कुरान पुस्तक । यह अभी तक निंगशा में प्राप्त सब से पुरानी व अच्छी तरह सुरक्षित कुरान पुस्तक मानी जाती है । दूसरा है जन 2007 में कुवैत के विधि मंत्री व धार्मिक कोष और इसलाम मामलात मंत्री अब्दुल्लाह माटुक द्वारा भेंट किये गये अरब समुद्री जहाज के दो नमूने और बारह सेट पोषाक , ये उपहार चीन व अरब देशों के बीच मौजूद मैत्रीपूर्ण आवाजाही व आदान प्रदान का ऐतिहासिक साक्षी हैं।

अब हम निंगशा ह्वी स्वायत्त प्रदेश की ह्वी जातीय सांस्कृतिक उद्यान का दौरा करने जा रहे हैं ।

ह्वी जातीय सांस्कृतिक उद्यान के प्रमुख द्वार में कदम रखते ही सारे उद्यान का भूदृश्य एकदम साफ साफ दिखाई देता है। मजे की बात यह है कि इस उद्यान में ह्वी जातीय म्युजियम का प्रमुख भव्यदार भवन चीनी अक्षर ह्वी जान पड़ता है । ह्वी जातीय म्युजियम में प्रविष्ट होकर मानो ऐतिहासिक गलियारे में घूमते हुए चीनी ह्वी जातीय संभ्यता के विकासक्रम का आभास होता हो । इस म्युजियम में पांच प्रदर्शनी हाल हैं , हरेक हाल में देश विदेश से संग्रहित हजार ह्वी जाति इसलाम धर्म की प्राचीन ऐतिहासिक सामग्री , दस्तावेज व पुस्तकें सुरक्षित हैं । सांस्कृतिक उद्यान में सुरक्षित समृद्ध ऐतिहासिक वस्तुएं इसलामी संस्कृति को समझने वाली बेमूल्य सामग्री बन गयी हैं । श्री श्वी वई ने हमारे संवाददाता से कहा कि हम इसलामी संघ व इसलामी कुरान कालेज के साथ सहयोग करते हैं । हाल ही निंगशा ह्वी स्वायत्त प्रदेश के इसलामी कुरान कालेज ने हमारे इस म्युजियम को मुसलीम देशभक्तिपूर्ण प्रशिक्षण अड्डे का बोर्ड लगा दिया , साथ ही वह अपने कालेज की इमाम क्लास को ह्वी जातीय सांस्कृतिक जानकारी प्राप्त करने के लिये हमारे यहां भेज देता है ।

प्रदर्शनी हाल में नाखून जीतनी छोटी कुरान पुस्तिका और आदमी से लम्बे पुरातन घंटे समेत नाना प्रकार वाले सांस्कृतिक अवशेष दर्शाये जाते हैं । कर्मचारी ने हमें बताया कि इन संग्रहित सांस्कृतिक अवशेषों में दो अवशेषों का उल्लेख करने लायक हैं , एक है मिंग राजवंश यानी 1368 से 1683 तक के दौरान प्रकाशित कुरान पुस्तक । यह अभी तक निंगशा में प्राप्त सब से पुरानी व अच्छी तरह सुरक्षित कुरान पुस्तक मानी जाती है । दूरसा है जन 2007 में कुवैत के विधि मंत्री व धार्मिक कोष और इसलाम मामलात मंत्री अब्दुल्लाह माटुक द्वारा भेंट किये गये अरब समुद्री जहाज के दो नमूने और बारह सेट पोषाक , ये उपहार चीन व अरब देशों के बीच मौजूद मैत्रीपूर्ण आवाजाही व आदान प्रदान का ऐतिहासिक साक्षी हैं।

म्युजियम में सुरक्षित सांस्कृतिक अवशेष बड़ी तादाद में देशी विदेशी मित्रों को मोहित कर देते हैं । ह्वी जातीय सांस्कृतिक उद्यान के पदाधिकारी लेई युन त्से ने संवाददाता को परिचय देते हुए कहा म्युजियम उद्घाटित होने के बाद चीन स्थित कुवैत , यमन , ईरान , पाकिस्तान और मिश्र जैसे इसलामी देशों के राजदूतों व विद्वानों ने यहां का बड़ी प्रसन्नता से दौरा किया । उन्हों ने इस म्युजियम की समीक्षा में कहा कि यह सचमुच कमाल की बात है कि चीन में इतना विशाल भव्यदार इसलामी भवन समूह देखने को मिला है ।

लेई युन त्से ने आगे कहा कि इस म्युजियम में प्रदर्शित चीनी इसलामी सांस्कृतिक अवशेषों को देखने से इसलामी देशों के अधिकारी व मित्र चमत्कृत रह गये हैं। उन्हों ने हमारे म्युजियम के साथ सहयोग करने और विभिन्न प्रकार के इसलामी सांस्कृतिक अवशेष भेंट करने का इरादा व्यक्त किया । लेई युन त्से ने कहा कि वे अपने कर्मचारियों के साथ निंगशा ह्वी जातीय सांस्कृतिक उद्यान को देशी विदेशी मुसलमानों का एक दूसरे से मिलने , विचार विमर्श करने और आदान प्रदान करने का केंद्र बनाने की कोशिश करेंगे ।

हमारा इस सांस्कृतिक उद्यान के निर्माण का उद्देश्य है कि देशी विदेशी पर्यटक यहां आकर चीनी ह्वी जातीय इतिहास व संस्कृति से परिचित हो । आगे हम इसी आधार पर सांस्कृतिक उद्यान का पैमाना विस्तृत कर पर्यटन व सांस्कृतिक उद्योग का अड्ड बना देंगे , इतना ही नहीं हम इसे देशी विदेशी मसलिमों के लिये एक दूसरे से मिलने , विचार विमर्श करने और आदान प्रदान करने का केंद्र बना देंगे , ताकि मुसलीम देशों के साथ मैत्रीपूर्ण आदान प्रदान के लिये एक बेहतरीन मंच का रूप दिया जा सके । इस से निंगशा ह्वी स्वायत्त प्रदेश के खुलेपन के लिये फायदेमंद भी है ।

इस म्युजियम के दौरे की समाप्ति पर ह्वी जातीय कर्मचारियों ने पर्यटकों को अरब भाषा में एक गाना भी सुनाया।