2008-07-30 12:12:13

तिब्बत नये ऊर्जा के विकास में 58 करोड़ य्वान लगायेगा

तिब्बत ने तिब्बती जनता की लकड़ी जलाने की परम्परागत जीवन प्रणाली का स्थान लेने के लिये नये ऊर्जा के विकास में 58 करोड़ य्वान लगाने की योजना बनायी है।

अपूर्ण आंकड़ों के अनुसार पिछले दसियों सालों में तिब्बत में तीन करोड़ घन मीटर से अधिक लकड़ियों की खपत हुई । इस जीवन प्रणाली से हरियाली , जंगल और घाम मैदान नष्ट ही नहीं , बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान हुआ है। इसीलिये परम्परागत ऊर्जा प्राप्त प्रणाली के सुधार और कमजोर पठारीय पारिस्थितिकि पर्यावरण के संरक्षण की पूर्वशर्त में नये ऊर्जा का दोहन करना अत्यावश्यक है।

तिब्बत ग्रामीण क्षेत्रों में मिथेन गैस , बिजली , सौर ऊर्जा और प्राकृतिक गैस जैसी परियोजनाओं के जरिये स्वच्छ ऊर्जा व पुनरुत्पादनीय ऊर्जा का प्रयोग अनुपात उन्नत करेगा , ताकि मंलगोबा, घास फूस और लकड़ियों जैसी परम्परागत जैविक ऊर्जाओं की जगह ली जा सके। योजनानुसार इस परियोजना को अमल में लाने के बाद के तीन चार सालों में प्रारम्भिक उपलब्धि होगी ।