तीस वर्षीय सुश्री डेनिस अमरीका के ऑक्लाहोमा शहर से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा आयी हैं और वे ल्हासा में स्थित एक कंपनी में कार्यरत हैं । तिब्बत में उन का जीवन कैसा है ?और उन की नज़रों में तिब्बत कैसा है?आज के इस लेख में आप को सुश्री डेनिस के विचारों से अवगत कराया जाता है ।
हमारे संवाददाता और सुश्री डेनिस के बीच बातचीत ल्हासा स्थित एक केक की दुकान में हुई, जो उन की कार्यरत कंपनी के पास है । अपनी प्रथम तिब्बत की यात्रा की चर्चा में सुश्री डेनिस ने कहा:
"वर्ष 1998 में मैं प्रथम बार चीन आयी और चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा आयी । उस समय ल्हासा मेरे अनुभव के लिए बहुत ताज़ा था, यहां के लोग बहुत मैत्रीपूर्ण हैं और मेहमान नवाज़ भी।"
सुश्री डेनिस की प्रथम तिब्बत यात्रा बहुत कम समय के लिए थी, लेकिन ल्हासा ने उन के दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी । स्वदेश लौटने के कई साल बाद उन्होंने एक बार फिर ल्हासा में तिब्बती भाषा सीखने का विकल्प चुना । सुश्री डेनिस ने कहा:
"मैं ने तिब्बत विश्वविद्यालय में दो साल तक तिब्बती भाषा सीखी। वर्ष 1998 में मैं तिब्बत में कम समय ठहरी और दोस्त भी कम थे । लेकिन वर्तमान में मैं तिब्बती भाषा में दूसरों के साथ बातचीत कर सकती हूँ।"
तिब्बत विश्वविद्यालय से तिब्बती भाषा सीखने के बाद सुश्री डेनिस अमरीका वापस लौट गईं । लेकिन छह महीने बाद वे एक बार फिर तिब्बत आयीं, वे ल्हासा में नौकरी प्राप्त करना चाहती हैं । इसी वक्त सुश्री डेनिस वर्तमान में कार्यरत कंपनी के बोस से मिलीं । तिब्बत में नौकरी ढूंढ़ने का अनुभव बताते हुए सुश्री डेनिस ने कहा:
"मैं ने अमरीका के स्टेट वाणिज्य कॉलेज में पढ़ाई की है । उस समय मेरा विचार था कि दूसरे देशों के साथ वाणिज्य कार्य करुगीं। वर्ष 1998 में मैं प्रथम बार तिब्बत आयी और मुझे यह जगह पंसद आयी। इस तरह मैं ने यहां आकर दो साल भाषा सीखी । ल्हासा में मैं वर्तमान कार्यरत कंपनी के बोस से मिली । उन्होंने मुझे नौकरी दी । यह बहुत अच्छी बात है । मैं तिब्बती भाष सीख चुकी थी और वाणिज्यिक कार्य करना मेरे लिए सब से आसान था ।"
सुश्री डेनिस ने कहा कि बेहतरीन नौकरी उन के तिब्बत में ठहरने का एक मुख्य कारण है , लेकिन ल्हासा से प्यार उन के तिब्बत में रहने का अधिक महत्वपूर्ण कारण है । उन्होंने कहा कि वे ल्हासा में सूर्य की किरणें, सुनहरे प्राकृतिक दृष्य और विशेष रीति रिवाज़ पसंद करती हैं । यह भी उन के दूर से तिब्बत आने का महत्वपूर्ण कारण है । सुश्री डेनिस ने कहा कि पहले वे मात्र चित्रों व आंशिक रिपोर्टों के जरिए तिब्बत की जानकारी लेती थीं । लेकिन खुद तिब्बत आने के बाद उन्हें ज्यादा खुशी हुई है । कई क्रिस्मस की छुट्टियां सुश्री डेनिस ने ल्हासा में मनायीं, न कि घर वापस लौट कर ।
वर्तमान में सुश्री डेनिस ल्हासा की एक कंपनी में वाणिज्यिक परामर्श का कार्य करती हैं । उन्हें अपनी नौकरी और ल्हासा का जीवन पसंद है। इधर के वर्षों में ल्हासा में हुई भारी परिवर्तन की चर्चा में सुश्री डेनिस ने कहा:
"प्रथम बार तिब्बत आने के वक्त की तुलना में ल्हासा में भारी परिवर्तन आया है। नयी-नयी इमारतें, नए-नए मार्ग और बड़े-बड़े होटल, वर्ष 1998 की अपेक्षा में ज्यादा बदलाव आया है। ल्हासा ज्यादा से ज्यादा आधुनिक लगता है ।"
वास्तव में ल्हासा शहर के निर्माण की गति इतनी तेज़ हो गई है, कि यहां की दुबारा यात्रा करने वाले पर्यटकों को आश्चर्य होता है । ल्हासा के गोंगगा हवाई अड्डे का विस्तार , शहर के पश्चिमी चिनचू रोड और तांगरे रोड का विस्तार, ल्हासा के ल्यूवू पुल व पोटाला महल मैदान का निर्माण और जोंगजो लूखांग पार्क का निर्माण आदि परियोजनाओं से ल्हासा और सुन्दर बन गया है । यही नहीं सुश्री डेनिस को ल्हासा की सड़कें और साफ़ तथा जनता की गुणवत्ता और ऊंची लगती है । उन का कहना है:
"मुझे लगता है कि यह शहर ज्यादा से ज्यादा साफ-सुथरा हो गया है। वर्तमान में तिब्बती लोगों की शिक्षा का स्तर उन्नत हुआ है, उन्हें शिक्षा पाने के ज्यादा अवसर मिल रहे हैं । मुझे यह अच्छा लगता है।"
(श्याओ थांग)