2008-07-25 12:23:01

तंजानिया के राजदूत ने कहा कि पेइचिंग ऑलंपिक ऑलंपिक इतिहास में एक मील का पत्थर बनेगा

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। प्रिय श्रोताओं, पेइचिंग ऑलंपिक दिन ब दिन करीब आने के अवसर पर, चीन स्थित तंजानिया के राजदूत श्री रामादहानी ओमारी मापुरी ने हमारे संवाददाता के साथ एक विशेष साक्षात्कार किया। साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वे पेइचिंग ऑलंपिक में सफलता प्राप्त करने की प्रतिक्षा में हैं। सुनिये संबिधित एक रिपोर्टः

पूर्वी अफ्रीका के तंजानिया की चर्चा करते समय चीनी लोग अकसर बर्फीले पहाड़ किलिमंजरो , भिन्न-भिन्न लकड़ी की मूर्तियां, पुरानी परम्परागत मासेई जाति और बड़े पैमाने वाले जंगली पशुओं के बारे में बाता करते हैं। चीन स्थित तंजानिया के राजदूत का पद संभालने से पहले चीन के बारे में श्री मापुरी को अधिक जानकारी नहीं थी।

चीन आने से पहले चीन के प्रति मुझे कुछ ही जानकारी थी। मिसाल के लिए मैं यह जानता था कि चीन का पुराना व लम्बा इतिहास है और रंग बिरंगी संस्कृति है। मैं यह भी जानता था कि चीन के शहरों में अनेक साइकिलें हैं और यह भी कि चीन आर्थिक विकास में तेजी से लगा हुआ है।

लेकिन, जब वर्ष 2006 में श्री मापुरी को चीन स्थित तंजानिया के राजदूत का पद संभालने के बाद अपनी आंखों से पेइचिंग देखने का मौका मिला। उन के अनुसार,

सच्चा चीन मेरी कल्पना से बिलकुल भिन्न निकला, खासकर इतिहास व संस्कृति के क्षेत्र में बहुत भिन्नता है। मैंने लम्बी दीवार और 13 मकबरों का दौरा किया। आजकल चीन में भारी परिवर्तन हो रहा है, विशेषकर शहरों में पहले की ही तरह इतनी ज्यादा साइकिलें नहीं हैं। शहरों में मोटर गाड़ियां अधिक दिखायी देती हैं। मैंने यह भी पता लगाया कि चीन की वास्तु भी पहले से भिन्न है। अब चीन में अनेक ऊंची-ऊंची इमारतें हैं, यहां तक कि मैं चीन व विकसित देशों में अंतर करना कठिन है।

श्री मापुरी की नजर में वर्ष 2001 की 13 जुलाई को चीन द्वारा सफलतापू्र्वक ऑलंपिक का मेजबान देश बनने के बाद इस परिवर्तन में और तेजी आई है । उन के अनुसार,

मेरा विचार है कि पेइचिंग ऑलंपिक का तैयारी कार्य अच्छी तरह किया जा रहा है। ऑलंपिक के तैयारी कार्य के लिए चीनी जनता ने अभूतपूर्व प्रयास किया है। मैं अधिकांश लोगों की ही तरह ऑलंपिक व्यायामशालाओं के निर्माण पर बड़ा ध्यान देता हूं, साथ ही मैं पेइचिंग की वायु की गुणवत्ता के सुधार पर भी ध्यान देता हूं। आजकल पेइचिंग में वायु की गुणवत्ता में भारी परिवर्तन आया है। इस का सारा श्रेय चीन सरकार द्वारा वायु की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए अपनाये गये सिलसिलेवार कदमों को जाता है। उदाहरण के लिए, चीन ने प्रदूषण की निकासी करने वाले कारखानों को बंद किया है और पेइचिंग म्युनिसिपल की गाड़ियों की निकासी के मापदंड का कड़ाई से पालन किया है। मैं ने इस पर भी ध्यान दिया कि पेइचिंग के हवाई अड्डे के आसपास की सड़कों के किनारे बहुत हरियाली दिखाई दे रही है। पूरे शहर में पेइचिंग शहर में इसी तरह हरियाली का आलम है।

श्री मापुरी ने यह माना कि ऑलंपिक के तैयारी कार्य करने से चीन व विदेशी लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत किया गया है, जिस से चीनी लोगों में और खुलापन आया है। उन के अनुसार,

इस के अलावा, मैंने चीनके विदेशों साथ के संबंधों पर भी ध्यान दिया है । अब चीनी लोग विदेशी भाषा सीख रहे हैं । विदेशों के प्रति उन में बहुत उत्साह है।

चीन स्थित तंजानिया के राजदूत का पद संभालने के पिछले लगभग दो सालों में श्री मापुरी न केवल ऑलंपिक के तैयारी कार्य पर ध्यान दिया है , बल्कि खुद भी ऑलंपिक के तैयारी कार्य में भाग लिया है।

मैं टी वी , रेडियो व अखबारों के जरिये ऑलंपिक पर ध्यान देता रहता हूं। मैं ने भी कुछ बड़ी गतिविधियों में भाग लिया है, जिन में चीन के थ्येन एन मन चौक पर ऑलंपिक के आयोजन के 100 दिन बाकी रहने की शानदार गतिविधि और ऑलंपिक मशाल के ग्रीस से पेइचिंग पहुंचने की रस्म आदि शामिल हैं।

इस वर्ष की ऑलंपिक प्रसार गतिविधि में पेइचिंग ऑलंपिक आयोजन कमेटी ने तंजानिया से आये ऑलंपिक वीर---श्री जॉन स्टीफन अह्वारी को भी आमंत्रित किया। श्री अह्वारी ने वर्ष 1968 के मैक्सिको शहर के ऑलंपियाड के मैराथन दौड़ में घायल होने के बावजूद दौड़ पूरी की, जिस से सारी दुनिया के लोग प्रभावित हुए। उन्हें तंजानिया का राष्ट्रीय वीर पदक भी प्रदान किया गया। प्रसार की इसी गतिविधि में श्री अह्वारी को चीनी जनता का स्नेह और स्वागत मिला । ऑलंपिक भावना के प्रति श्री मापुरी ने अपनी समझ के बारे में यह बताया,

मेरा विचार है कि श्री अह्वारी ऑलंपिक भावना में साहस व दृढ़ता के प्रतीक हैं। वर्ष 1968 के ऑलंपिक में उन की महान कार्यवाई से हमें यह पता लगा कि ऑलंपिक मैच केवल स्वर्ण-पदक पाने के लिए नहीं है। यदि आप को स्वर्ण-पदक नहीं मिला, तो यह इस बात का द्योतक नहीं है कि ऑलंपिक में आप ने कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं की है। हालांकि खिलाड़ी स्वर्ण पदक के लिए ऑलंपिक में भाग लेते हैं, फिर भी यह अंतिम लक्ष्य नहीं है। स्वर्ण-पदक जीतने के अलावा, आप अपने साहस व दृढ़ता का परिचय दे सकते हैं।

ऑलंपिक सारी दुनिया व मनुष्य का खेल समारोह है। पेइचिंग ऑलंपिक का नारा है एक ही दुनिया एक ही सपना। इस नारे ने ऑलंपिक भावना की एकता, मैत्री, प्रगति, सामन्जस्य, भागीदारी व सपने का यथार्थ जाहिर किया है। श्री मापुरी ने अपने ऑलंपिक सपने की चर्चा भी की।

मेरे लिए ऑलंपिक भी इसी तरह का सपना है। सारी दुनिया ऑलंपिक में घनिष्ठ रूप से संपर्क करती है। मेरे खुद के लिए हो सकता है कि यह मेरा जिन्दगी में एकमात्र मौका हो, कि मैं अपनी आंखों से ऑलंपिक को देख सकूं। मुझे विश्वास है कि यह अनुभव अविस्मरणीय होगा।

चीन व तंजानिया के बीच परम्परागत मैत्री है। राजनीतिक व आर्थिक मामलों में चीन व तंजानिया में विस्तृत सहयोग है। खेल में भी सहयोग घनिष्ठ है। चीन ने सांगेबारअमन व्यायामशाला तथा दालेससालाम की नयी राष्ट्रीय व्यायामशाला का निर्माण किया। श्री मापुरी ने कहा कि खेल क्षेत्र का सहयोग दोनों देशों की जनता के बीच समझ को आगे मजबूत करने में मदद देगा। श्री मापुरी के अनुसार,

चीन व तंजानिया के बीच सहयोग बहुत विस्तृत है, लेकिन, आगे विकसित होने की भी बड़ी संभावना है। व्यायामशालाओं के निर्माण में हम ने सहयोग किया है। हम ने एक दूसरे के यहां खिलाड़ियों का प्रशिक्षण किया। मुझे विश्वास है कि अब हमारे बीच सहयोग का विस्तार करने का वक्त है। यह सर्वविदित है कि खेल लोगों के बीच समझ व मैत्री को प्रगाढ़ कर सकेगा। चीन व तंजानिया के बीच मैत्री बहुत लम्बी है। दोनों देशों के नेताओं व सरकारों के बीच मैत्री भी दोनों देशों की जनता के बीच मैत्री बन गयी है।ज्यादा से ज्यादा चीनी लोग तंजानिया में पूंजी निवेश या पर्यटन कर रहे हैं, जबकि तंजानिया के लोग भी चीन में व्यापार कर रहे हैं। यदि हम खेल व सांस्कृतिक क्षेत्र के सहयोग का विस्तार करें, तो दोनों देशों की जनता के बीच आपसी समझ प्रगाढ़ की जा सकेगी।

पेइचिंग ऑलंपिक मशाल रिले की गतिविधि भी तंजानिया में हुई। तंजानिया अफ्रीकी द्वीप में एकमात्र मशाल रिले की गतिविधि आयोजित करने वाला देश है। दालेसालाम शहर में हुई मशाल रिले सफलतापूर्ण रुप से समाप्त हुई। श्री मापुरी ने कहा कि तंजानिया में मशाल रिले की गतिविधि के सफलतापूर्ण आयोजन से चीन-तंजानिया और चीन-अफ्रीका परम्परागत मैत्री प्रतिबिंबित हुई है। श्री मापुरी ने कहा,

यह इतिहास में प्रथम बार है कि ऑलंपिक मशाल रिले अफ्रीका में हुई। हम तंजानिया के लोग बहुत गौरव महसूस करते हैं।

तंजानिया की जनता खेल पसंद है, वे विभिन्न माध्यमों से पेइचिंग ऑलंपिक पर ध्यान दे रही है। श्री मापुरी ने परिचय देते समय बताया,

तंजानिया के लोग पेइचिंग के दृश्य देखना चाहते हैं और वे फोर्बिडन सिटी, लम्बी दीवार आदि सांस्कृतिक धरोहरों को भी देखना चाहते हैं।

अंत में श्री मापुरी ने पेइचिंग ऑलंपिक के प्रति अपनी शुभकामना प्रकट की। उन के अनुसार,

मैं पेइचिंग ऑलंपिक में सफलता प्राप्त करने की प्रतिक्षा में हूं। पेइचिंग आ कर मैंने अपनी आंखों से ऑलंपिक के लिए चीन द्वारा किये गये पूरे तैयारी कार्य को देखा है। मुझे पक्का विश्वास है कि पेइचिंग ऑलंपिक को भारी सफलता मिलेगी। पेइचिंग ऑलंपिक ऑलंपिक के इतिहास में एक मील का पत्थर बनेगा।