बंदूक की आवाज़ के साथ ही पुरुषों की तीन हजार मीटर बाधा दौड़ की प्रतियोगिता शुरु हुई। छह खिलाड़ी धनुष से छोड़े गये तीर की तरह भागने लगे। अफ्रीकी खिलाड़ियों की शक्ति पूरी तरह से दिखायी पड़ी। अंत में एथेंस आलंपिक में इस इवेंट की चैंपियन श्री इजे़केल केमबोइ सब से पहले अंतिम रेखा पर पहुंचे। वहां सभी दर्शक जोश से उमड़ पड़े। श्री केमबोई ने फिर एक बार आलंपिक में भाग लेने का मौका प्राप्त किया। प्रतियोगिता के बाद उन के हृदय में उत्साह भरा हुआ था। उन्हें होने वाली आलंपिक की यात्रा पर बड़ा विश्वास है। उन्होंने कहा कि,
मैं बहुत बहुत खुश हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि मैं ने अच्छा मौका पकड़कर अपना सपना साकार किया है। मेरे ख्याल से पेइचिंग एक बहुत बढ़िया शहर है। मैं चीन को प्यार करता हूं। अगर मैं चीन में प्रतिस्पर्द्धा कर सकूं, तो मुझे ज़रूर जीत मिलेगी।
सुश्री लुसी काबू ने वर्ष 2006 में आयोजित ब्रिटेन फेडरेशन खेल समारोह में दस हजार मीटर दौड़ में स्वर्ण-पदक प्राप्त किया था। हालांकि पिछले वर्ष उन्हें ओसाका विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने का मौका नहीं मिला, लेकिन उन के चैंपियन बनने के आत्मविश्वास में इस बात से कमी नहीं आई है। जांच-प्रतियोगिता में उन्होंने अपना प्रदर्शन पूरी तरह से दिखाया। और अंत में वे पहले स्थान पर रहीं, जिससे पेइचिंग आलंपिक में भाग लेने का मौका भी उन्हें प्राप्त हुआ। उन्हें आशा है कि वे महिलाओं की आठ सौ मीटर, एक हजार पांच सौ मीटर व दस हजार मीटर दौड़ में अच्छी उपलब्धि प्राप्त कर सकेंगी।
खेद की बाद है कि मैंने पिछले साल के ओसाका में आयोजित विश्व ट्रैक एन्ड फ़ील्ड चैंपियनशिप में भाग नहीं लिया। शायद इस वर्ष मेरी आशा पूरी होगी। मैंने वर्ष 2004 एथेंस आलंपिक में भाग लिया था, इसलिये मैं इस वर्ष के पेइचिंग आलंपिक की बड़ी प्रतीक्षा में हूं। मैं ज़रूर पूरी कोशिश करूंगी। और मेरा लक्ष्य तो स्वर्ण-पदक प्राप्त करना है।
जांच-प्रतियोगिता में पुरुषों की चार सौ मीटर दौड़ के पहले स्थान पर रहे खिलाड़ी विनसेंट मुमो ने इस बात पर खुशी प्रकट की कि वे पहली बार चीन की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि
मेरा नाम विनसेंट मुमो है। मैं ने पुरुषों की चार सौ मीटर दौड़ इस इवेंट में भाग लिया। मुझे लगता है कि आज का प्रदर्शन ठीक-ठाक है। लेकिन मुझे आशा है कि मैं आलंपिक में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन दिखा सकूंगा। मैं बहुत खुश हूं कि मैं चीन जाऊंगा, क्योंकि यह मेरी चीन की पहली यात्रा होगी। मैंने बचपन से दौड़ने का अभ्यास किया है। बड़े होने के बाद मैंने बहुत प्रतियोगिताओं में अच्छी उपलब्धियां प्राप्त कीं हैं। मैं बाहर दौड़ना बहुत पसंद करता हूं, यह मेरा सब से बड़ा शौक है।
लगभग चालीस खिलाड़ियों को वर्ष 2008 के पेइचिंग आलंपिक में भाग लेने का मौका मिला है। कीनिया के युवा व खेल मंत्रालय की मंत्री सुश्री हेल्लेन सामबिली ने चुनिंदा खिलाड़ियों को बधाई दी, और आलंपिक में अच्छी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
आज मैंने स्वंय बहुत खुशी के साथ जांच-प्रतियोगिता देखी। हमारे खिलाड़ियों में बहुत श्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। इतने श्रेष्ठ खिलाड़ी हमारे देश की ओर से आलंपिक में भाग लेंगे, मुझे बहुत खुशी है। यह एक शक्तिशाली व उच्च स्तरीय टीम है, इस में अनेक खिलाड़ियों ने कई बार विश्व रिकार्डों को भी तोड़ा है। इसलिये मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि अपना अच्छा प्रदर्शन पूरी तरह से दिखाओ, और ज्यादा से ज्यादा पदक प्राप्त करो।
कीनिया की आलंपिक कमेटी के अध्यक्ष श्री किपचोगे केइनो कीनिया के पहले आलंपिक चैंपियन हैं। उन्होंने पेइचिंग के सफलता के साथ वर्ष 2008 आलंपिक का आवेदन करने के लिये बड़ा योगदान दिया है। हर साल वे पेइचिंग की दो-तीन बार यात्रा करते हैं, और आलंपिक के सफल आयोजन के लिये अपनी राय देते हैं। उन्होंने पेइचिंग आलंपिक के तैयारी कार्य की खूब प्रशंसा की। उन्हें आशा है कि कीनियाई खिलाड़ी अच्छी तरह से इस मौके से लाभ उठाकर अपनी मातृभूमि के लिये गौरव प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि,
आज की प्रतियोगिता से यह देखा जा सकता है कि हमारे खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन दिखाया। हम उन के लिये प्रार्थना करते हैं। आशा है कि वे आलंपिक में अच्छी उपलब्धि प्राप्त कर सकेंगे। कीनिया की आलंपिक कमेटी उन का पूरा समर्थन करेगी। और हम उन के प्रशिक्षण के अंतिम दौर में सब से अच्छी शर्तें पेश करेंगे। इस के अलावा मैं यह भी कहना चाहता हूं कि पेइचिंग आलंपिक का तैयारी कार्य बहुत अच्छा है। मैंने पेइचिंग की यात्रा की है। वहां की खेल सुविधाएं बहुत आधुनिक हैं। मुझे आशा है कि हमारे खिलाड़ी अच्छी तरह से इस मौके से लाभ उठाकर अपनी मातृभूमि के लिये गौरव प्राप्त कर सकेंगे।
आगामी आधे महिने में चुनिंदा चालीस खिलाड़ी राजधानी नैरोबी के उपनगर में स्थित एक प्रशिक्षण केंद्र में सामूहिक प्रशिक्षण लेंगे। और वे जुलाई के अंत में आलंपिक में भाग लेने के लिये पेइचिंग जाएंगे। (चंद्रिमा)