तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में वर्ष 1994 में छुनलेई परियोजना लागू की गई, जिस से अब तक करीब दस हज़ार से ज्यादा तिब्बती लड़कियों ने शिक्षा पायी है ।
छुनलेई परियोजना चीनी बाल कोष द्वारा प्रवर्तित गरीबी लड़कियों की स्कूल में वापसी वाली सामाजिक गतिविधि है, जिस का कार्यान्वयन वर्ष 1994 में शुरू हुआ । अखिल चीन महिला संघ और समाज के विभिन्न जगतों ने कुल एक करोड़ य्वान की पूंजी लगाकर तिब्बत में कुल नौ छुनलेई आशा लड़की स्कूलों का निर्माण किया और 48 छुनलेई कक्षाएं खोलीं । करीब दस हज़ार से अधिक लड़कियों ने प्राइमरी व मीडिल स्कूली शिक्षा प्राप्त की, यहां तक कि कुछ लड़कियां युनिवर्सिटियों में भी दाखिल हुईं ।
इस के साथ ही तिब्बत के विभिन्न स्तरीय महिला संघों ने प्यार का पुल नामक पढ़ाई सहायता परियोजना और सूर्य की रोशनी परियोजना का कार्यान्वयन किया, जिन से ज्यादा से ज्यादा तिब्बती बच्चियां स्कूल में पढ़ सकती हैं । वर्तमान में तिब्बत के गरीब क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा दर 96.6 प्रतिशत तक पहुंच गई है।(श्याओ थांग)