2008-07-04 16:31:04

श्याओ लीन कूंग फू सीखने वाले विदेशी मित्र

श्याओ लीन कूंग फू का मध्य चीन के ह नाई प्रात के सुंग शेन पहाड़ पर स्थित श्याओ लीन मंदिर से प्रचार-प्रसार किया गया था , जिस का नाम भी इसी मंदिर के नाम पर पड़ा है। प्राचीन चीन में लोग वू शू खेलना पसंद करते थे। चीनी वू शू की विविध किस्में व शाखाएं होती हैं। जबकि श्याओ लीन कूंग फू अपना पुराना इतिहास, परिपूर्ण व्यवस्था और उच्च तकनीक के कारण विश्वविख्यात है। श्याओ लीन मंदिर में उपलब्ध पुस्तकों के अनुसार, श्याओ लीन कूंग फू की कुल 708 किस्में थीं ,जिनमें से आज केवल 200 से कुछ ज्यादा बची हुई हैं। श्याओ लीन कुंग फू तो हमले को महत्व देने के साथ-साथ आत्मरक्षा पर भी ध्यान देता है। सभी क्रियाओं की रुपरेखा तो प्राचीन चीन की शारीरिक चिकित्सा की जानकारी के आधार पर की बनाई गयी हैं, जो मनुष्य के चलने फिरने के मापदंड से मेल खाती हैं। प्राचीन चीन में मनुष्य व आकाश को जोड़ने वाली विचारधारा में यह माना गया था कि शारीरिक ढांचे से मेल खाने वाली क्रियाएं सब से ज्यादा उचित हैं।

पुराने समय में श्याओ लीन कूंग फू ने देश के पुनरेकीकरण और दुश्मनों के आक्रमण का सामना करने में अभूतपूर्ण योगदान किया था। वर्ष 1949 में चीन की मुक्ति के बाद, श्याओ लीन कूंग फू लोगों के शरीर को मजबूत करने और स्वास्थ्य को बरकरार रखने वाला एक खेल बन गया। श्याओ लीन मंदिर ने भी श्याओ लीन वू शू के पुस्तकालय और श्याओ लीन संस्कृति की अनुसंधान संस्था की स्थापना की , जिन में समग्र रुप से श्याओ लीन कूंग फू , चिकित्सा , कला और संस्कृति का अनुसंधान किया गया। हाल ही में हमारी संवाददाता ने मध्यम चीन के ह नान प्रांत के सुंग शेन पहाड़ स्थित श्याओ लीन मंदिर जाकर वहां स्थित श्याओ लीन अंतरराष्ट्रीय वू शू स्कूल का दौरा किया। यहां हमारी मुलाकात कई विदेशी लोगों से हुई। वे सब इस स्कूल में वू शू सीखने आये हैं।

कैनेडा से आयी लड़की खार्यन लेवीन ने कहा ,मैंने पर्यटन करते समय श्याओ लीन मंदिर का दौरा किया और श्याओ लीन कूंग फू देखा। श्याओ लीन कूंग फू के प्रति मेरी बड़ी रुचि है। इसलिए, मैंने यहां वू शू सीखने का निर्णय लिया।

ऑस्ट्रेलिया से आयी लड़की टामारा विस्वानातेन ने कहा,मैंने अपने मित्र से चीनी कूंग फू के बारे में जाना । चीन की यात्रा के दौरान, मैंने विशेषकर श्याओ लीन मंदिर का दौरा किया। मुझे कूंग फू पसंद है, इसलिए मैं यहां कई महीनों के लिए वू शू सीखना चाहती हूं।

हां, श्याओ लीन अंतरराष्ट्रीय वू शू स्कूल में टामारा विस्वानातेन और खार्यन लेवीन की ही तरह अनेक विद्यार्थी हैं। उन्होंने फिल्मों से या मित्रों से श्याओ लीन कूंग फू के बारे में जानकारी हासिल की और यहां आ कर अब श्याओ लीन कूंग फू सीख रहे हैं।अब श्याओ लीन मंदिर के भिक्षु भी विदेश जाकर चीनी संस्कृति श्याओ लीन कूंग फू का प्रदर्शन करते हैं और श्याओ लीन कूंग फू का प्रसार करते हैं। श्याओ लीन कूंग फू ने धीरे-धीरे देश-विदेश के लोगों का ध्यान खींचा है।श्याओ लीं वू शू अंतरराष्ट्रीय स्कूल के वैदेशिक मामले के जिम्मेदारा श्री चांग थ्येन रेई ने कहा,श्याओ लीन मंदिर नामक फिल्म दुनिया में प्रस्तुत की जाने के बाद, और चीनी परम्परागत कूंग फू के अंतरराष्ट्रीय समुदाय में प्रसार के साथ-साथ, अनेकों विदेशी लोग हमारे यहां कूंग फू सीखने का अनुरोध करते रहते हैं।श्याओ लीन अंतरराष्ट्रीय वू शू स्कूल तो इसी परिस्थिति में स्थापित किया गया था। वर्ष 1978 में, 72 वर्षीय ल्यू पाओ शेन ने श्याओ लीन मंदिर के निकट एक छोटे से वू शू स्कूल की स्थापना की और स्थानीय युवा वू शू प्रेमियों को वू शू सिखाया। श्याओ लीन वू शू के देश-विदेश में प्रसिद्ध होने के साथ-साथ, धीरे-धीरे इस स्कूल में श्याओ लीन वू शू सीखने वाले लोगों की संख्या बढ़ती गयी और यह बीसेक लोगों से चार पांच हजार तक पहुंच गयी । 28 वर्षों के प्रयत्न के बाद अब श्याओ लीन अंतरराष्ट्रीय वू शू स्कूल में कुल 16 हजार से ज्यादा विद्यार्थी हैं और दो हजार अध्यापक वू शू सिखाते हैं। स्कूल के विद्यार्थियों में चार पांच साल की उम्र वाले बच्चों से ले कर बीस तीस की उम्र वाले विश्विद्यालय के विद्यार्थी भी हैं। वर्ष 1998 में इस स्कूल ने परम्परागत चीनी श्याओ लीन कूंग फू सीखने वाले विदेशी विद्यार्थियों को भी भरती करना शुरु किया। अभी तक, इस स्कूल ने कुल दुनिया के विभिन्न देशों से आये लगभग 2700 विदेशी विद्यार्थियों को चीनी वू शू सिखाया है। श्याओ लीं वू शू अंतरराष्ट्रीय स्कूल के वैदेशिक मामले के जिम्मेदार श्री चांग थ्येन रेई के अनुसार,आम तौर पर विद्यार्थी एक वर्ष के लिए वू शू सीखते हैं। लेकिन, कुछ लोग केवल कई दिनों, कई महीनों के लिए भी वू शू सीखते हैं। सब से लम्बे समय के लिए वू शू सीखने वाला विद्यार्थी जापान से आया था। हमारे यहां अमरीकी हॉलिवुड के एक्शन स्टार भी श्याओ लीन कूंग फू सीखने आये थे। भूतपूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बुश का एक अंगररक्षक और युगोस्लाविया के भूतपूर्व राष्ट्रपति का एक अंगररक्षक भी यहां श्याओ लीन कूंग फू सीखने आया था। इस के अलावा, हमारे स्कूल के कोच व विद्यार्थियों ने भी अकसर विदेशी वू शू प्रेमियों के साथ आदान-प्रदान किया है।

श्री चांग के परिचय के अनुसार, इस स्कूल में विद्यार्थियों को मुख्यतः श्याओ लीन कूंग फू सिखाया जाता है। अनुरोध पर, उन्हें चीनी परम्परागत संस्कृति और चीनी भाषा भी सिखायी जाती है। ये विदेशी विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार इस स्कूल में कई दिनों ,कई महीनों या कई वर्षों तक चीनी वू शू सीखते हैं। यहां के अध्यापक व कोच हमारे स्कूल के श्रेष्ठ स्नातकों में से चुने गये हैं, जिन में अधिकांश ने देश-विदेश के मैचों में बड़ा पुरस्कार हासिल किया है । ऑस्ट्रेलिया से आयी विद्यार्थी टामारा विस्वानातेन ने यहां के अध्यापकों व कोच को बहुत पसंद किया। उसने कहा,पहले मैंने भी चीनी कूंग फू देखा था और चीन के बच्चों के कूंग फू सीखने को भी देखा था। शुरु में हम ने केवल बुनियादी तकनीक सीखी । समय जल्दी से गुज़रता है। यहां के कोच बहुत संजीदा हैं। मुझे चीनी कूंग फू में दिलचस्पी है।

स्वीटज़रलैंड से आया लड़का देनिल भी चीनी कूंग फू और इस स्कूल को बहुत पसंद करता है। वह दो महीनों के लिए यहां पढ़ने आया है। उस के अनुसार,यहां के कोच बहुत अच्छे हैं । यहां मैं रोज वू शू का अभ्यास करता हूं। जब मैं स्वीटज़रलैंड में था, मेरे पास श्याओ लीन कूंग फू की जानकारी थी। अपने देश में भी मैंने चीनी कूंग फू स्टार ली श्याओ लुंग के विद्यार्थियों से कूंग फू सीखा। मैं चीन में सच्चा कूंग फू देखना चाहता हूं, इसलिए, मैं चीन आया और श्याओ लीन मंदिर का दौरा किया। यहां मैंने इस स्कूल को देखा और यहां कई महीनों के लिए वू शू सीखने का निर्णय लिया। यहां मेरी भारी प्रगति हुई है। बाद में भी मैं वापस आकर कूंग फू सीखूंगा।

श्याओ लीन अंतरराष्ट्रीय वू शू स्कूल में श्री देनिल की ही तरह अनेक विद्यार्थी हैं। कुछ विद्यार्थी यहां वू शू सीखने के बाद अपने देश में वू शू स्कूल खोलना चाहते हैं। अब ब्रिटेन, नोर्वे , फ्रांस व कैनेडा आदि देशों की संबंधित संस्थाओं ने इस स्कूल से उन के देश में शाखाएं खोलने का अनुरोध किया है। ह नान के तुंग फंग शहर में भी इस स्कूल की तीन शाखाएं खुली हैं। श्याओ लीन अंतरराष्ट्रीय वू शू स्कूल चीनी शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुमति प्राप्त वू शू सिखाने वाला प्रथम गैरसरकारी उच्च शिक्षालय है। दो वर्ष पहले, चीन में आयोजित प्रथम विश्व वू शू उत्सव में इस स्कूल के जापान, योगोस्लाविया और न्यूजीलैंड से आये तीन विद्यार्थियों ने पुरस्कार जीता था।