2008-07-02 15:30:32

पेइचिंग ओलंपिक के प्रमुख खेल संस्थापन राष्ट्रीय स्टेडियम का परिचय

पेइचिंग ओलंपिक नजदीक आ रहा है , इस के साथ साथ पेइचिंग ओलंपियाड का प्रमुख स्टेडियम राष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण 28 जून को पूरा हो चुका है ,यह इस का प्रतीक है कि पेइचिंग ओलंपिक के लिए सभी 37 व्यायामशालाएं खेल प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो गई हैं । पेइचिंग ओलंपिक का प्रमुख स्टेडियम---राष्ट्रीय स्टेडियम , जो बर्ड नेस्ट के नाम से मशहूर है , पेइचिंग ओलंपिक पार्क के अन्दर स्थित है , जिस का फर्शी क्षेत्रफल 2 लाख 58 हजार वर्ग मीटर है और जो 20 .4 हैक्टर की भूमि पर खड़ा है , स्टेडियम में कुल 91 हजार सीटें हैं । प्रमुख स्टेडियम के रूप में बर्ड नेस्ट में खेल प्रतियोगिता के दौरान उद्घाटन और समापन समारोह के आयोजन के अलावा ट्रेक एंड फिल्ड तथा फुटबाल मैच होंगे ।

पेइचिंग ओलंपियाड के मुख्य स्टेडियम---बर्ड नेस्ट का निर्माण सभी 37 व्यायामशालाओं में से सब से देर पूरा किया गया है । क्योंकि इस स्टेडियम का डिजाइन और निर्माण के लिए आवश्यक तकनीकें बहुत कठिन और जटिल हैं । बर्ड नेस्ट का रूपाकार काकनीड़ की भांति है , इस के ढांचे का डिजाइन अश्व काठी के आकार में है और समूचे इमारत की आरपार इस्पाती धरनें अत्यन्त लम्बी है । स्टेडियम के इस प्रकार के डिजाइन के फलस्वरूप स्टेडियम का भीतरी भाग बहुत विशाल और खुला है , जिस में 90 हजार से ज्यादा दर्शक एक साथ खेल स्पर्धा का आनंद ले सकते हैं । स्टेडियम का मुख्य ढांचा अनोखी और दृष्टव्य है , दूर से देखने में वह एक भीकाय नीड़ दिखाई देता है । बर्ड नेस्ट का डिजाइन दर्शकों को अद्भुत प्रभावित और मोहित कर देता है और स्टेडियम के भीतर कटोरे की आकृति में निर्मित दीर्घा क्षेत्र समूची इमारत के साथ सुनियोजित हुआ है । इस प्रकार के विशाल और कठिन वास्तु निर्माण के लिए आधुनिक विज्ञान तकनीक और कुशल शिल्प की आवश्यकता है । खास कर स्टेडियम को आर पार करने वाली इस्पाती धरनों की तकनीकी मांग काफी सख्त है । इन धरनों के निर्माण में कुल 42 हजार टन के विशेष इस्पात का प्रयोग किया गया । क्यु 460 किस्म का यह इस्पात 42 टन भारी स्तंभ टेकने में एकमद समक्ष है । बर्ड नेस्ट स्टेडियम अब तक विश्व में सब से विशाल इस्पाती ढांचे वाली परियोजनाओं में से एक है । इस के अलावा इस्पाती ढांचे को जोड़ने की वेल्डिंग तकनीक भी बहुत मुश्किल है । स्टेडियम के जनरल संचालक श्री थ्यान शाओ छुन ने कहाः

बर्ड नेस्ट के इस्पाती ढांचे को जोड़ने में जितने वेल्डिंग के काम हुए हैं , उन की कुल लम्बाई 320 किलोमीटर है , यह लम्बाई पेइचिंग और थ्येनचिन दो शहरों के बीच दूरी की दुगुनी के बराबर है । इस काम को पूरा करने में 1100 मजदूरों ने 15 महीनों के समय लगाये थे । बर्ड नेस्ट के वेल्डिंग के काम शतप्रतिशत मापदंड पर खरे उतरे हैं , जो चीन के वास्तु इतिहास में एक करिश्मा है ।

बर्ड नेस्ट स्टेडियम में प्रयोगात्मक तौर पर गुड लक पेइचिंग नामक खेल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था । परिणाम से जाहिर है कि यह स्टेडियम अव्वल दर्जे का है । इस स्टेडियम का दौरा करने में चीनी नेताओं के अलावा अनेक देशों के नेतागण भी आए हैं और वे सभी इस की भूरि भूरि प्रशंसा करते हैं । हमें विश्वास है कि इस अद्भुत स्टेडियम में अवश्य ही शानदार ओलंपिक खेल समारोह होगा ।

23 से 29 जून तक पेइचिंग ओलंपिक मशाल रिले चीन के छिंगहाई , शानशी , कांसू प्रांतों और निनशा ह्वी स्वायत्त प्रदेश में चली । हर जगह मशाल रिले का जोशीला स्वागत किया गया । अब ओलंपिक मशाल रिले उत्तर पश्चिम चीन के श्येनशी प्रांत में हो रही है ।

पेइचिंग ओलंपिक आयोजन कमेटी ने 25 जून को पेइचिंग में घोषणा की कि चीन में भूकंप विपत्ति से निपटने और भूकंप के बाद पुनर्निमाण के भारी काम होने के कारण पेइचिंग पैरा ओलंपिक की मशाल रिले के रास्ते में फेरबदल किया गया है । मशाल की विदेशों में रिले का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया और चीन के भीतर छङतू , छुङछिंग , उरूमुची और थ्येन चिन चार शहरों में मशाल रिले की योजना भी रद्द की गयी है । पूर्व योजना के अनुसार पैरा ओलंपिक मशाल की रिले चीन के 16 और विदेशों के तीन शहरों और हांगकांग में आयोजित होनी थी ।

पेइचिंग ओलंपिक और पैरा ओलंपिक की पदक निर्माण कंपनी के जनरल मेनेजर ने 29 जून को बताया कि पेइचिंग ओलंपिक और पैरा ओलंपिक के आवश्यक सभी 6000 पदक तैयार किए जा चुके हैं । तीन जुलाई को वे पेइचिंग ओलंपिक आयोजन कमेटी को सौंपे जाएंगे। हरेक ओलंपिक में एक हजार स्वर्ण , एक हजार रजत और एक हजार कांस्य पकद प्रदान किए जाएंगे , उन की कुल संख्या 6 हजार होगी । स्वर्ण पदकों के निर्माण में 13.04 किलोग्राम सोने , रजत पदकों के लिए 1.34 टन चांदी और कांस्य के लिए 0.83 टन तांबे खर्च किए गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र महा सचिव बान की मू ने हाल में कहा कि पेइचिंग ओलंपिक के तैयारी काम बहुत सफल रहे हैं । वह इतिहास में एक सब से कामयाब ओलंपिकों में शामिल होगा । श्री बान की मू 1 से 3 जुलाई तक चीन की यात्रा पर हैं । उन्हों ने पेइचिंग आने से पहले कहा कि उन्हें विश्वास है कि पेइचिंग ओलंपिक में भागीदारी के माध्यम से विश्व के विभिन्न देशों के लोग न केवल खेल प्रतियोगिता देखेंगे , बल्कि आपसी समझदारी और दोस्ती भी बढ़ जाएगी और शांति व समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा ।

पहली जुलाई को पेइचिंग ओलंपिक मशाल की रिले चीन के निनशा ह्वी स्वायत्त प्रदेश में हुई । मशाल रिले में पेइचिंग ओलंपिक आयोजन कमेटी के मशाल केन्द्र के मशाल संचालन विभाग की प्रधान सुश्री कु मिन और उन की टीम ध्यानाकर्षक है । सुश्री कु मुन की टीम मशाल रिले की दौड़ में शामिल धावकों को सेवा प्रदान करती है । मशाल रिले के सफल आयोजन में उन का योगदान लाजिमी है । अपने काम के बारे में सुश्री कु मिन ने कहाः

हमारी टीम के सदस्य मशाल रिले की दौड़ के दौरान विभिन्न मशाल धारकों को गाड़ी से रिले दौड़ के शुरूआती और समापन के स्थलों पर पहुंचा देते हैं , फिर विभिन्न धावकों को उन के निर्धारित लाइन पर ले जाते हैं और दौड़ में उन्हें मदद देते हैं । किसी भी धावक की दौड़ समाप्त होने पर उसे हम गाड़ी पर ले जाते हैं और उस के मशाल में से ईंधन बाहर निकाल देते है , फिर उसे मशाल सहित रखने वाला बाक्स व मशाल धारक का प्रमाण पत्र प्रदान करते हैं । इस मौके पर हम उन्हें जीवन में एक अविस्मरणीय घड़ी गुजरने के लिए बधाई देते हैं ।

सुश्री कु मिन की टीम के सभी सदस्य इस असाधारण काम में निष्ठावान और सक्रिय रहे हैं । उन की टीम के 90 प्रतिशत के सदस्य पार्टी मेम्बर भी है , जो हर काम में आगे आगे रहते हैं ।

मशाल की अग्नि यूनान के ओलंपिया में प्रज्वलित किये जाने के बाद 2008 ओलंपिक मशाल विशाल समुद्रों को पार गया और विश्व की सब से ऊंची पर्वत चोटी पर भी चढ़ाया गया । इस महान अभियान में मशाल संचालन टीम हमेशा साक्षी के रूप में शामिल हैं। इस पर सुश्री कु मिन ने भावविभोर हो गया कहाः

मैं मशाल रिले के प्रथम पड़ाव अरामता से आज तक इस में भाग लेने आयी हूं , अब तीन महीने गुजरे हैं । इस का अनुभव मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय भाग बन गया । खास कर मशाल रिले विदेशों में चलने के दौरान प्राप्त असाधारण अनुभव अमिट रहेगा । विदेशों में मशाल रिले का कुल समय 33 दिन का था , लेकिन इस के दौरान मैं ने देखा कि पेइचिंग ओलंपिक मशाल रिले ने चीनियों में जो बड़ा उत्साह उभारा है , वह अन्य किसी भी प्रकार की कार्यवाही से नहीं हो पाया । जब मशाल रिले की दौड़ के दौरान सड़कों के दोनों ओर चीन के राष्ट्र ध्वज फहराते देखा , तो आंखों में अनायास खुशी से भरी आंसू बह जाती है । यह भावना का स्वाभाविक उद्गार है ।