2008-07-01 15:24:24

तिब्बती लोगों के नहाने का उत्सव

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अनेक उत्सव हैं । श्वे तन उत्सव, वांग क्वो उत्सव , सागातावा उत्सव, लिन खा उत्सव इत्यादि । इन उत्सवों में नहाने का उत्सव बहुत विशेष है । इस त्योहार के दौरान तिब्बती लोग आम तौर पर नदी में नहाते हैं । तिब्बती पंचांग के अनुसार हर वर्ष जुलाई की छह से बारह तारीख तक ल्हासा नदी के किनारे स्थित तिब्बती जाति का परम्परागत नहाने का त्योहार मनाया जाता है । तिब्बती भाषा में नहाने का त्योहार गामा रिची कहलाता है ।

"सूर्य की तेज़ किरणों से नदी का पानी गर्म हो जाता है, चांद की स्वच्छ किरणों से पानी ठंडा हो जाता है । आकाश में छी शान सितारा निकलता है, तो नहाने का सुन्हरा मौका आता है ।"तिब्बत में ऐसी कहावत लोकप्रिय है, जिस से हमें तिब्बती लोगों के नहाने के समय का पता लगता है । तिब्बती पंचांग के अनुसार, हर वर्ष जुलाई माह के शुरू में तिब्बत पठार के आकाश में छी शान नामक सितारा निकलता है । छी शान सितारा तिब्बती भाषा में गामा रिगे या त्वेई बा सितारा कहलाता है । कहा जाता है कि छी शान सितारे की किरर्णों से तिब्बत पठार के पानी को दवाइयों का पानी बनाया जाता है , जिस का प्रयोग कर लोग ज्यादा स्वस्थ रहते हैं । इस तरह तिब्बती लोग अपने शारीरिक स्वास्थ्य को मज़बूत करने के लिए इस दौरान नदी में नहाते हैं । छी शान सितारे के निकलने और डूबने में सात दिन लगते हैं , इस लिए तिब्बती लोग इन सात दिनों में नहाते हैं, और नहाने का त्योहार मनाते हैं ।

तिब्बत में नहाने के त्योहार का इतिहास कोई सात सौ से आठ सौ वर्ष पुराना है । इस त्योहार को मनाने के पीछे अनेक कहानियां हैं । कहा जाता है कि काफी समय पूर्व तिब्बत में एक प्रकार का रोग फैला था, जिस से अधिकांश लोगों व जानवरों की मृत्यु हो गयी । तिब्बती लोगों ने अवलोकितेश्वर से प्रार्थना की । इस तरह अवलोकितेश्वर ने इस स्थिति को जान कर अपने सात शिष्यों को स्वर्ग से जमीन पर भेजा । इन सात देवियों ने स्वर्ग की झील से पानी लाकर छिंग हाई तिब्बत पठार की नदियों में फैंका । इस रात को तिब्बत के हर परिवार के हर व्यक्ति ने एक ही सपना देखा । सपने में उन्होंने देखा कि एक बीमार कमज़ोर लड़की एक नदी में डुबकी लगा कर नहा रही है । नहाने के बाद वह एकदम एक सुन्दर व स्वस्थ लड़की बन गयी । इस तरह दूसरे दिन सुबह तिब्बती लोग अपने सपने के अनुसार ल्हासा नदी में डुबकी लगा कर नहाने लगे। आश्चर्यजनक बात हुई: सब लोगों का रोग दूर हो गया और वे पहले से ज्यादा स्वस्थ हो गए । इस के बाद तिब्बती लोग नहाने के त्योहार को मनाने लगे ।

तिब्बती नहाने के त्यौहार के पीछे एक और कहानी है , जो तिब्बती राजा के चिकित्सक से संबंधित है । कहते हैं कि पुराने जमाने में तिब्बत में एक महान चिकित्सक थे । उन्होंने अनगिनत रोगियों का इलाज किया था । राजा चिकित्सक की मृत्यु के बाद स्वर्ग आ बसे । एक वर्ष तिब्बत में एक किस्म का गंभीर रोग फैला,जिस से अनेक व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। इस स्थिति को देख कर राजा चिकित्सक तिब्बतियों को बचाने के लिए एक सितारा बन गए, यह है त्वी बा सितारा । च्वी बा सितारे की किरर्णों से तिब्बत की नदियों के पानी की विशेष भूमिका है । आसमान में त्वी बा सितारे के उदय होने के वक्त कोई भी व्यक्ति जो नदी में नहाता वह स्वस्थ हो जाता। सात दिनों के बाद त्वी बा सितारा डूब गया, और भयानक रोग भी नष्ट हो गया । तिब्बती लोगों का विश्वास है कि त्वी बा सितारे के निकलने के सात दिनों में नदी में नहाने से साल भर स्वस्थ रहा जा सकता है । इस तरह तिब्बत में नहाने के त्योहार मनाना शुरू हुआ ।

तिब्बती लोगों के नहाने के त्योहार के पीछे एक और कहानी यह है कि प्राचीन समय में एक सुन्दर लड़की थी, जो बहुत दयालु थी । उस ने तिब्बती बंधुओं को बचाने के लिए बीलिअल (Belial) से लड़ाई लड़ी । अंत में बीलिअल ने उसे हरा कर पहाड़ की चोटी पर कैद किया । हर वर्ष त्वी बा सितारे के उदय होने के वक्त उसे पहाड़ की चोटी से नीचे आकर नदी में नहाना पड़ता है । तिब्बती लोग इस लड़की का आभार व स्मृति में उस के साथ नहाते हैं। इस तरह तिब्बत में नहाने का त्योहार सामने आया ।

तिब्बत के नहाने के त्योहार के बारे में इतनी कहानियां हैं जिन का वैज्ञानिक आधार भी है । वास्तव में छिंगहाई तिब्बत पठार में सर्दी के दिन ज्यादा होते हैं , इस तरह तिब्बती लोगों के कभी कभार नहाने की शर्त नहीं होती । सर्दियों में बहुत ठंड पड़ती है, वसंत में पहाड़ों से बर्फ़ पिघलती है और नदियों में पानी भरता है , गर्मियों में ज्यादा वर्षा के कारण नदी का पानी बहुत स्वच्छ नहीं रहता । सिर्फ़ शरत ऋतु में मौसम ज्यादा ठंडा नहीं होता और नदी का पानी बहुत स्वच्छ होता है । इसी दौरान तिब्बती लोगों के लिए नहाने का अच्छा समय है ।

तिब्बती जाति के मौसम शास्त्र के अनुसार, त्वी बा सितारा शरत ऋतु में निकलता है । तिब्बती खगोल शास्त्र के अनुसार, शरत के शुरू का पानी बहुत मीठा,हल्का और स्वच्छ होता है । इस तरह तिब्बती लोगों के नहाने का त्योहार सात दिन तक चलता है । इन सात दिनों में तिब्बती लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ नदी में नहाते हैं । वे जौ की मदिरा, तिब्बती दुग्ध चाय, पकवान चान बा तथा अन्य खाद्य पदार्थ लाकर आसपास के नदी के किनारे तंबू गाड़ कर रहते हैं । वे नदी के पानी में नहाते हैं, पानी से खेलते हैं । इस के बाद परिवार के सदस्य और दोस्तों, व रिश्तेदारों के साथ एकत्र हो कर खाते हैं । बूढ़े लोग जौ की मदिरा का मज़ा लेते हैं, तिब्बती दुग्ध चाय पीते हैं और पकवान चान बा खाते हैं । वे कहानियां सुनाते हैं और एक दूसरे से बातचीत करते हैं । बच्चे तैरना सीखते हैं और नदी में पानी से खेलते हैं । इसी दौरान युवक युवतियां नदी के किनारे के घास मैदान में गाते हैं और नाचते हैं । नदी के किनारे पर कभी-कभार तिब्बती लोगों के हंसने की आवाज़ सुनाई देती है। वे अपने नहाने के त्योहार का खूब मज़ा लेते हैं ।