2008-06-30 14:17:21

श्रीलंकाई राजदूत के शब्दों में पेइंचिंग ओलंपिक

चीन स्थित श्रीलंका के राजदूत श्री करूणातिलक अमुनुगाम एक खेल प्रेमी हैं , चीन की राजधानी पेइचिंग में ओलंपिक का आयोजन देखने का मौका मिलने पर उन्हें बड़ी खुशी हुई है। सी .आर.आई संवाददाता के साथ साक्षात्कार में उन्हों ने अपनी असीम प्रसन्नता व्यक्त की और अपना गहरा अनुभव बताया ।

चीन स्थित श्रीलंकाई राजदूत श्री करूणातिलक अमुनुगाम कद में लम्बे और बहुत जवान लगते हैं , देखने में उन की आयु तीस साल से थोड़ी ज्यादा लगती हो। लेकिन अब तक वे कई देशों में श्रीलंका के राजनयिक अफ्सर रह चुके हैं और थाईलैंड व जापान में श्रीलंका के राजदूत भी हो गए थे। वास्तव में वे अब पचास साल से अधिक के हो गए हैं । अपनी असली आयु से इतना जवान दिखने में उन का राज उन के खेल से प्रेम करते हुए वर्षों से व्यायाम करने में है । इस पर उन्हों ने कहाः

छात्रावस्था में ही मैं खेल पसंद करता था , और सक्रिय रूप से खेल व्यायाम में भाग लेता था । मुझे खास बास्केटबाल , क्रिकेट और तैराकी पसंद है । खेलों में हमें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है , जिसे दूर करने के लिए हम जरूर हरचंद कोशिश कर सकते हैं , इस से हमारी सेहत और चरित्र दोनों उन्नत हो जाते हैं । 

जल्द ही आयोजित होने वाले पेइचिंग ओलंपिक की श्री अमुनुगाम बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं । उन्हों ने कहा कि चीन एशिया और प्राचीन सभ्यता का प्रतिनिधित्व करते हुए ओलंपिक का आयोजन करने जा रहा है । विश्व खेल क्षेत्र का इस शानदार समारोह को आयोजित करने का मौका मिलना एशियाई जनता का गौरव है । उन्हों ने कहाः

एशिया विश्व में आर्थिक विकास के क्षेत्र में तेज गति से बढ़ने वाले क्षेत्रों में से एक है । एशियाई देश के रूप में चीन को ओलंपिक की मेजबानी मिली , इस पर एक एशियाई होने के नाते मुझे भी बड़ी खुशी हुई और अत्यन्त गर्व महसूस हुआ है । मुझे बड़ी उम्मीद है कि पेइचिंग ओलंपिक सफल होगा और एक शांतिपूर्ण , सुरक्षित शानदार खेल समारोह होगा , जो एशियाइयों को शोभा दिलाएगा।

 

पेइचिंग ओलंपिक ने साझी दुनिया , साझा सपना वाला नारा पेश किया है , जिस में सारी मानव जाति की घनिष्ठ एकता की ओलंपिक भावना गर्भित है । श्री अमुनुगाम के शब्दों में एकता , दोस्ती , भागीदारी और सपना ओलंपिक भावना के मर्म तत्व है । कुछ समय पहले , जब ओलंपिक मशाल रिले चीन के बाहर हो रहे थे , उस दौरान हुए चीन विरोधी घटिया कार्यवाही पर श्री अमुनुगाम ने तीव्र असंतोष और खेद प्रकट किया । उन्हों ने कहा कि ओलंपिक को राजनीति के साथ जबरन जोड़ने की हरकत मानवीय खेल कार्य और उत्तम महत्व वाले ओलंपिक खेलों पर कालिख लगाना है । श्री अमुनुगाम ने बलपूर्वक मई महीने में विश्व की प्रथम पर्वत चोटी जुमुलांमा पर ओलंपिक मशाल के आरोहन के महत्व की प्रशंसा की । इस पर उन्हों ने कहाः

इस आयोजन ने ओलंपिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है । मुझे अनुभव हुआ है कि जुमुलांमा चोटी पर ओलंपिक मशाल की रिले राजनीतिक प्रभाव से परे विशुद्ध ओलंपिक भावना का प्रसार है । यह पूरे विश्व की जनता की समान अभिलाषा है ।

श्रीलंका का क्रिकेट खेल विश्व स्तर का है , उस की टीम ने कभी विश्व चैम्पिनशीप भी जीती थी । इस साल 26 फरवरी को चीन और श्रीलंका के बीच खेल आदान प्रदान व सहयोग के बारे में सरकारी खेल सहयोग समझौता संपन्न हुआ । श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ी और कोच चीन में खेल के आदान प्रदान और प्रशिक्षण देने आएंगे और चीन भी अपने श्रेष्ठ खेलों से संबद्ध खिलाड़ी और कोच श्रीलंका भेजेगा । इस पर श्री अमुनुगाम ने गहरी उम्मीद दिखायी । उन का कहना हैः

पिछले साल , चीन श्रीलंका के राजनयिक संबंध की स्थापना की 50 वीं वर्षगांठ थी और चीन श्रीलंका मित्रता वर्ष भी था । दोनों देशों में प्राचीन काल से मैत्रीपूर्ण राजनयिक संबंध रहा है । इस में खेल भी शामिल है , क्योंकि खेल जनता की दोस्ती बढ़ाने वाला एक कारगर माध्यम है । दोनों देशों के खेल सहयोग समझौते ने दोनों के खिलाड़ियों की आवाजाही को एक नयी मंजिल पर पहुंचाया है ।

साक्षात्कार में श्री अमुनुगाम ने कहा कि श्रीलंका खेल प्रिय देश है और श्रीलंकाई जनता भी बड़ी उत्सुकता के साथ पेइचिंग ओलंपिक का इंतजार कर रही है । श्रीलंका के श्रोताओं ने बढ़ चढ़ कर सी आर आई ओलंपिक ज्ञान प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और बहुत से श्रोता संघों ने पेइचिंग ओलंपिक का समर्थन करने वाले हस्ताक्षर अभियान चलाए । उन में पेइचिंग ओलंपिक का समर्थन करने तथा इस में भाग लेने का अपार उत्साह अभिव्यक्त हुआ है । श्रीलंका के राजदूत ने कहाः

श्रीलंकाई लोग खेल प्रेमी हैं और चीन श्रीलंका का सच्चा दोस्त है । पेइचिंग ओलंपिक में भाग लेने के लिए श्रीलंकाई जनता ने और अधिक उत्साह और सक्रियता दिखायी है । सी .आर .आई की ओलंपिक ज्ञान प्रतियोगिता ने उन्हें भागीदारी का मौका दिलाया है , इसलिए वे बहुत प्रसन्न हुए हैं ।

श्री करूणातिलक अमुनुगाम ने मजाक में कहा कि यदि वे अपनी उम्र से तीस साल कम के होते , तो वे भी ओलंपिक खेल प्रतिस्पर्धा में भाग लेते होते । लेकिन अब तो उन की सब से अभिलाषा पेइचिंग ओलंपिक की खेल प्रतियोगिता आंखों देखना है । खास कर वे सौ मीटर दौड़ का फाइनल देखना चाहते हैं । चूंकि 2000 के सिडनी ओलंपिक में श्रीलंका की महिला धावक सुश्री सुसंथिका जाया सिंग ने 200 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था , वे श्रीलंका की ऐसी प्रथम महिला खिलाड़ी बन गयी , जिस ने ओलंपिक पदक प्राप्त किया है । इस के कारण श्रीलंकाई लोगों में तेज दौड़ खेल के प्रति एक विशेष प्रेम भावना पैदा हुई है ।

श्री अमुनुगाम ने कहा कि चीन खेल क्षेत्र में एक शक्तिशाली देश है , खास कर 2004 एथेन्स ओलंपिक में चीन ने 32 स्वर्ण पदक जीते , जो रूस को पार गया है और स्वर्ण पदकों की तालिका में दूसरे स्थान पर है । उन्हें विश्वास हुआ है कि मेजबान देश के नाते चीन इस बार और अच्छी उपलब्धि प्राप्त होगी । श्री अमुनुगाम ने कहाः

मेजबान देश होने के नाते, चीन को पहले से ज्यादा पकद जीत सकता है । एक अरब 30 करोड़ चीनी जनता के समर्थन में चीनी खिलाड़ी जरूर अपनी पूरी निहित शक्ति को उजागर कर सकेंगे।

साक्षात्कार के अंत में श्रीलंकाई राजदूत श्री करूणातिलक अमुनुगाम ने अपनी शुभकामना प्रकट कीः

चीन निश्चय ही एक शानदार ओलंपिक आयोजित कर सकेगा । मैं श्रीलंका की सरकार और जनता की ओर से हार्दिक कामना करता हूं कि चीन अवश्य ही सफलतापूर्वक मौजूता ओलंपिक आयोजित करे।