2008-06-26 11:06:37

विज्ञान तकनीक ने पेइचिंग ओलम्पिक पर चार चांद लगाए हैं

किसी भी बीते ओलम्पिक को देखे तो आपको सबसे नवीनतम विज्ञान तकनीक की उपलब्द्धियों की झलक देखने को मिलेगी, विज्ञान तकनीक ओलम्पिक भी पेइचिंग ओलम्पिक की विचारधारा रही है। समुन्नत विज्ञान तकनीकों के स्टेडियमों, सूचना प्रसार तथा परिवहन व यातायात आदि पहलुओं में प्रयोग होने से पेइचिंग ओलम्पिक का आकर्षण और अधिक बढ़ गया है।

पेइचिंग ने 29 वें ओलम्पिक के लिए कुल 12 नए स्टेडियम निर्मित किए हैं। बड़े पैमाने पर नवीन विज्ञान तकनीक को इन स्टेडियमों में इस्तेमाल कर चीन ने बड़ी खूबसूरती के साथ विज्ञान तकनीक ओलम्पिक की विचारधारा को प्रतिबिंबित किया है।

चिड़िया घोसले के प्यारे नाम से जाने वाला राष्ट्रीय ओलम्पिक खेल स्टेडियम को ही लिजीए, उसके पूर्ण इस्पात ढांचे की चौड़ाई 340 मीटर है, उंचाई 68 मीटर व कुल वजन 42000 टन है। इतने भारी इस्पात से निर्मित राष्ट्रीय स्टेडियम के इस ढांचे में आप को एक खम्बा तक नजर नहीं आएगा , पूरा स्टेडियम खुद के इस्पात कल पुर्जों से जुड़ा एक जाल की तरह बिछाया गया ढांचा है, जो पूरे स्टेडियम का वजन उठाए हुआ है। राष्ट्रीय स्टेडियम के प्रभारी ली च्यो लिंग ने जानकारी देते हुए कहा कि इस भव्य व विशाल इस्पात स्टेडियम में चीन खुद द्वारा निर्मित क्यू 460 ई किस्म के इस्पात का प्रयोग किया गया है ,जिस ने इस स्टेडियम के 42000 टन वजन को उठा रखा है, बताया जाता है इस किस्म के इस्पात की मजबूती आम इस्पात से दो गुने ज्यादा है, यानी कि औसत हर एक मिनी वर्ग मीटर का क्षेत्रफल तकरीबन 46 किलोग्राम वजन उठाने में सक्षम है। श्री ली च्यो लिंग ने कहा अब तक कहा जाए हमने क्यू 460 ई किस्म के इस्पात का जो इस्तेमाल किया है वह सौ फीसदी उत्तीर्ण साबित हुआ है।

पूर्ण डिजाइन के अलावा, विभिन्न स्टेडियमों के भीतर अनेक पहलुओं में इस्तेमाल विज्ञान तकनीक व उसकी मात्रा भी लाजवाब है। ओलम्पिक केन्द्र के नियंत्रण कक्षाओं की उच्च गुणवत्ता वाली डिस्पले स्क्रीन में समुन्नत लेजर डिस्पले तकनीक का प्रयोग किया गया है। इस तकनीक के अनुसंधानकर्ता चीनी विज्ञान अकादमी के फोटोसेल अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रभारी वांग वी ने जानकारी देते हुए कहा कि परम्परागत टीवी की तुलना में लेजर डिस्पले स्क्रीन के रंगीन चित्र कहीं अधिक सच्चे दिखते है, जबकि उसमें जो बिजली की खपत होती है वह केवल आम टीवी का एक चौथाई ही है। उन्होने कहा वर्तमान तीसरी पीढी वाला सुस्पष्ट डिस्पले स्क्रीन केवल मानव की दृष्टि में आने वाले रंगो का करीब 30 प्रतिशत ही देख सकता है, जबकि लेजर स्रोत को डिस्पेल स्क्रीन में इस्तेमाल किए जाने से मानव अधिकतर रंगीन झलक को पूरी तरह अहसास कर सकता है।

और तो और, 90 हजार दर्शकों को भर्ती कराने वाला उक्त राष्ट्रीय ओलम्पिक स्टेडियम में दर्शकों के लिए मैच देखने का एक बेहतरीन वातावरण तैयार करने के लिए, तकनीकीकर्ताओं ने स्टेडियम के आरामदायक तापमान व वायु वितरण की गारंटी प्रदान करने के लिए कम्यूटर व्यवस्था का इस्तेमाल किया है, कम्यूटर के विशलेषण से हमने हरेक दर्शक क्षेत्रों में दर्शकों के लिए आरामदायक तापमान व वायु वितरण की सुविधा प्रदान की है। स्टेडियम के निर्माण कम्पनी के महा प्रबंधक चांग हंग ली ने कहा कि ओलम्पिक मैच के आयोजन के समय दर्शक चाहे किसी भी दिशा में बैठे हो या वह निचले दर्शक क्षेत्र में बैठा क्यों न हो, चाहे वह वी आई पी सीटों में हो या आम सीटों में ,सभी दर्शक समान रूप से प्राकृतिक रोशनी व वायु का आन्नद उठा सकते हैं और आरामदायक वातवारण में मैच देख सकते हैं। उन्होने हमें बताया हालांकि उसे खुले स्टेडियम में इस्तेमाल किया जा रहा है, और पेइचिंग की गर्मी के मौसम में दर्शक जब अपनी सीटों में बैठेगें तो इन सीटों की आरामदायकता कैसी होगी, इस पर हमने पूरी तरह कम्यूरटर व्यवस्था को इस के साथ जोड़ा है , संबंधित कम्यूटर डेटा ,मानव के शरीर के लिए एक किस्म का आरामदायक वातवरण तैयार कर सकता है।

इस के अलावा स्टेडियमों में चीन द्वारा निर्मित नवीन तकनीक के इस्तेमाल से पर्यावरण संरक्षण व उर्जा खपत में नयी प्रगति हासिल हुई है। मिसाल के लिए, चीन द्वारा खुद निर्मित सूर्य उर्जा को खींचने वाले शीशे की दीवारों को पेइचिंग ओलम्पिक के अनेक स्टेडियमों में इस्तेमाल किया गया है, जो स्टेडियमों के लिए साफ सुथरी बिजली प्रदान कर सकता है। 15 ओलम्पिक स्टेडियमों में हर वर्ष 10 लाख घन मीटर वर्षा के पानी को इकटठा कर सकने की तकनीक भी इस्तेमाल की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, पेइचिंग ने ओलम्पिक के दौरान 500 से अधिक नवीन उर्जा वाले वाहनों को यातायात में डाल दिया है, इस तरह ओलम्पिक केन्द्र क्षेत्रों के इर्द गिर्द की यातायात में जीरो गैस निकासी का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, इस के अलावा ओलम्पिक स्टेडियमों में हरित उर्जा के प्रयोग का दर 26 प्रतिशत व स्टेडियमों की विभिन्न जगहों के गन्दे पानी का निपटारा करने व पुनरूत्पादित की दर सौ फीसदी तक जा पहुंची है।

आंकड़ो के अनुसार, गत अगस्त तक चीन ने ओलम्पिक से संबंधित तकनीकी अनुसंधान में 6 अरब य्वान की धनराशि डाली है। जानकारी के अनुसार, सड़को में वाहनों की भीड़ को कम करने के लिए, यातायात सूचना पाने वाली जी पी एस तकनीक ओलम्पिक के दौरान व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाएगी। पेइचिंग यातायात सूचना केन्द्र के निदेशक वांग कांग ने हमें बताया वाहनों में यातायात की चलती सूचना पकड़ने वाली जी पी एस सयंत्र से हम किसी भी समय आगे की सड़क की यातायात के परिवर्तन को देख सकते हैं तथा आसपास के सड़क जाल व सड़क की स्थिति के परिवर्तन को अच्छी तरह देख सकते हैं। सड़क जाल व सड़क की बदलती सूचना हर पांच मिनट में नवीनतम रिपोर्ट भेज सकती है।

पेइचिंग ओलम्पिक कमेटी के तकनीक मंत्री यांग इ छुन ने हमें बताया कि पिक्चर पहचान तकनीक या लोगों के चहरे की पहचान तकनीक एक जैविक पहचान तकनीक होने के नाते , वह उंगली के निशान पहचान तकनीक की तुलना में उसकी सुरक्षा क्षमता कहीं अधिक अदभुत ही नहीं उसकी स्थिरता भी बहुत अच्छी है। दर्शक जब सुरक्षा द्वार से गुजरेगें, पहचान व्यवस्था केवल शून्य दशमल्व शून्य एक सैंकड में उसके चहरे की पहचान की विस्तृत जानकारी पकड़ सकती है और इस व्यक्ति की सही पहचान की सूचना दे सकती है। ओलम्पिक के दौरान कोई एक अरब लोगों की सूचना पेइचिंग ओलम्पिक स्टेडियमों के मानव चहरे पहचान व्यवस्था की डेटाबेस में प्रवेश की जाएगी।

चीन के विज्ञान तकनीक मंत्री वान कांग ने हमें जानकारी देते हुए कहा कि ओलम्पिक की समाप्ति के बाद मिश्रत वाहन जो साफ उर्जा से चलाए जाते हैं, अधिकाधिक शहरों में बुनियादी तौर से इस्तेमाल किए जाएगें। न्यूटरल जल व गन्दे पानी के निपटारे की तकनीक, जिसे विशेषकर ओलम्पिक में इस्तेमाल किया जा रहा है, जल्द ही हमारे रिहायशी क्षेत्रों में प्रयोग किए जाएगें और उक्त तकनीक रियाहशी क्षेत्रों में पानी किफायत के लिए सेवा प्रदान करेगी। चीन की तीसरे पीढ़ी की सेल फोन तकनीक ओलम्पिक में व्यापक रूप से इस्तेमाल होने के बाद, इसे पूरे देश में प्रयोग करने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा।

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