लेख में कहा गया है कि स्छ्वान में जबरदस्त भूकंप आने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने क्रमशः मानवीय सहायता प्रदान की । चीन सरकार ने समय पर कारगर व पारदर्शी कदम उठाए, जिस को व्यापक प्रशंसा प्राप्त हुई । लेकिन यह दलाई गुट की इच्छा नहीं है । इस तरह दलाई लामा इधर उधर घूम कर तिब्बती स्वाधीनता का ढिंढोरा पीटने लगा है। उस की चेष्टा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तिब्बत सवाल को लेकर चीन पर दबाव डाले ।
लेख में कहा गया है कि चीन के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की समझ और विश्वास लगातार बढ़ रहा है, दलाई गुट के झूठे चहरे को ज्यादा लोग पहचान रहे हैं । अंतरराष्ट्रीय समुदाय में दलाई लामा का समर्थन करने वालों की संख्या में कमी आई है।
लेख में कहा गया है कि दलाई लामा को मालूम होना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय कार्ड के प्रयोग से उस के तिब्बती स्वाधीनता वाले सपने को मूर्त रूप नहीं दिया जा सकेगा । तिब्बती स्वाधीनता वाला रास्ता पहले रुका हुआ था, आज रुका हुआ है और भविष्य में रुका रहेगा ।(श्याओ थांग)