2008-06-25 15:45:52

चीन के प्रथम भूमिगत म्युजियम का दौरा

इसी कार्यक्रम में पहले हम चीन के बहुत से प्रसिद्ध प्राचीन शहरों व दर्शनीय रमणीय पर्यटन स्थलों का दौरा कर चुके हैं । उत्तर पश्चिम चीन स्थित विश्वविख्यात ऐतिहासित व सांस्कृतिक शी आन शहर भी इस का अपवाद नहीं है । पर आज के इस कार्यक्रम में इसी प्राचीन ऐतिहासिक शहर में खुदाई में प्राप्त पुरातत्वीय अवशषों को देखने जा रहे हैं ।

उत्तर पश्चिम चीन के शेनशी प्रांत की राजधानी शीआन शहर के उत्तर में प्राचीन चीन के पश्चिम हान राजवंश का शाही कब्रस्थान आज तक भी खड़ा हुआ है । जिन में हान यांग नामक कब्रस्थान आज से कोई एक हजार दो सौ वर्ष पुराना है । वर्तमान में इसी हान यांग कब्रस्थान के खण्डहर पर चीन का प्रथम आधुनिक भूमिगत खण्डहर म्युजियम स्थापित किया गाया ।

प्रिय दोस्तो , अब प्रस्तुत है हमारा साप्ताहिक कार्यक्रम चीन का भ्रमण । इसी कार्यक्रम में पहले हम चीन के बहुत से प्रसिद्ध प्राचीन शहरों व दर्शनीय रमणीय पर्यटन स्थलों का दौरा कर चुके हैं । उत्तर पश्चिम चीन स्थित विश्वविख्यात ऐतिहासित व सांस्कृतिक शी आन शहर भी इस का अपवाद नहीं है । पर आज के इस कार्यक्रम में इसी प्राचीन ऐतिहासिक शहर में खुदाई में प्राप्त पुरातत्वीय अवशषों को देखने जा रहे हैं ।

उत्तर पश्चिम चीन के शेनशी प्रांत की राजधानी शीआन शहर के उत्तर में प्राचीन चीन के पश्चिम हान राजवंश का शाही कब्रस्थान आज तक भी खड़ा हुआ है । जिन में हान यांग नामक कब्रस्थान आज से कोई एक हजार दो सौ वर्ष पुराना है । वर्तमान में इसी हान यांग कब्रस्थान के खण्डहर पर चीन का प्रथम आधुनिक भूमिगत खण्डहर म्युजियम स्थापित किया गाया । अब हम चलते हैं कि इसी प्राचीन कब्रस्थान के खण्डहर पर निर्मित आधुनिक भूमिगत खण्डहर म्युजियम देखने ।

हान यांग कब्रस्थान में कदम रखते ही विशाल लाँन और हरे भरे छायादार पेड़ नजर आते हैं , फिर आगे चलकर राजा और रानी की समाधियां आमने सामने खड़े हुए दिखायी देती हैं । हानयांग कब्रस्थान का क्षेत्रफल करीब बीस वर्गकिलोटर बड़ा है । प्राचीन चीन का पश्चिम हान राजवंश चीन का दूसरा सामंती राजवंश माना जाता है और कुल 11 राजा इस राजवंश का शासन करते थे । हानयांग कब्रस्थान म्युजियम में कार्यरत गाइड चांग फेयी ने हमें बताया कि हानयांग कब्रस्थान तत्कालीन पश्चिम हान राजवंश ने अपने चौथे राजा हान चिंग ती के लिये निर्मित किया था ।

उन्हों ने इस का परिचय देते हुए कहा कि हानयांग कब्रस्थान हान चिंग ती के राजगद्दी पर बैठने के चार साल बाद निर्मित शुरू हुआ , 12 साल बाद हान चिंग ती का देहांत होने पर यह कब्रस्थान का निर्माण पूरा नहीं हो पाया , फिर हान चिंग ती के बेटे ल्यू छह और उस की रानी वांग की सहाध्यक्षता में इस कब्रस्थान का निर्माण पूरा करने में 28 साल लग गये ।

समूचे हानयांग कब्रस्थान में करीब दस हजार से अधिक सहायक समाधियां सघन रूप से कतारों में पायी जाती हैं , वर्तमान में 190 से अधिक खड्डों का पता लगाया गया है । गाइड चांग फेई ने कतारों से स्थित खड्डों की ओर इशारा करते हुए हमें बताया कि हरेक खड्ड की गहराई तीन मीटर है और चौड़ाई 2.4 मीटर है और उस में बड़ी तादाद में मिट्टी मूर्तियां रखी हुई हैं । चांग फेई ने कहा हरेक मिट्टी मूर्ति का शरीर मिट्टी से बनाया गया है , उस के घूमाये जाने वाले बांह लकड़ी के हैं , जबकि पोषाक रेश्मी व सूती कपड़े , पटसन और चमड़े से बड़ी सूक्ष्मता के साथ तैयार किये गये हैं। ये मूर्तियां एक अलग दुनिया में राजा हान चिंग ती की सेवा में नाना प्रकार का पार्ट अदा करने के लिये तैयार हो गयी हैं ।

गाइड चांग फेइ ने आगे बताते हुए कहा कि य़हां की खुदाई में प्राप्त सैनिक मूर्तियां शेनशी प्रांत की राजधानी शीआन शहर में चीन के प्रथम राजा छिन शह ह्वां के कब्रस्थान की खुदाई में प्राप्त सैनिक मूर्तियों के बाद दूसरा बड़ा मूर्ति समूह ही माना जाता है । यहां की खुदाई में प्राप्त मूर्तियों की आकृतियां छिन शह ह्वांग के कब्रस्थान की खुदाई में प्राप्त मूर्तियों से एकदम भिन्न हैं । हांनयांग कब्रस्थान की खुदाई में प्राप्त मूर्तियों की आकृतियां बहुत शांत व प्रसन्न दिखाई देती हैं । हानयांग कब्रस्थान म्युजियम के उप प्रधान य्येन शिन ची का मानना है कि यह तत्कालीन सामाजिक स्थिति से संबंधित था । क्योंकि तत्कालीन हान राजवंश काल में देश समृद्ध था , सामाजिक स्थिति स्थिर थी और जनता का जीवन खुशहाल रहा था , इसलिये मूर्ति निर्माताओं ने इन मूर्तियों के निर्माण में अपना मनोभाव मूर्तियों के आकृतियों में अभिव्यक्त कर दिया ।