2008-06-22 17:03:27

ल्हासा के युवाओं ने ऑलम्पिक मशाल के स्वागत में दलाई से विभाजित गतिविधियों को बंद करने की आशा जतायी

ऑलम्पिक मशाल रिले 21 जून को ल्हासा शहर में सफलातापूर्वक संपन्न हो गया , मौके पर हजारों लाखों तिब्बती युवाओं ने पोस्टर व राष्ट्रीय ध्वज उठाते हुए" चीन हौसला बढाओ , चाशितल"जैसे नारे लगाये और यह आशा जतायी कि दलाई विभाजित गतिविधियों को बंद करेंगे।

कुछ विदेशी संवाददाताओं ने 20 जून की रात को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अधिकारियों से यह प्रश्न किया कि क्या दलाई अनुमानित अवधि के भीतर बसने के लिये तिब्बत वापस लौटेंगे ?21 रात को मशाल रिले के तत्स्थल पर बहुत से ल्हासा युवाओं ने उक्त प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि दलाई तभी तिब्बत वापस आ सकेंगे , जबकि वे अपनी विभाजित गतिविधि बंद कर दें ।

36 वर्षिय लोसांग त्सेरन एक डाक्टर हैं , 14 मार्च ल्हासा घटना में हान जाति के बाप बेटे को बचाने की वजह से बदमाशों ने उन्हें गम्भीर घायल किया । उन्हों ने कहा कि यदि दलाई विभाजन की कुचेष्टा को छोड़कर तिब्बत में स्थिरता को भंग नहीं करें , तो वापस लौटने में उन का स्वागत होगा ।

33 वर्षिय मशाल धारक दावा यांगजोम तिब्बत विश्वविद्यालय की टीचर हैं। वे फ्रांस में साहस के साथ मशाल की हिफाजत करने वाली अपाहिज खिलाड़ी चिंगचिंग की प्रशंसक हैं । उन्हों ने कहा कि तिब्बत की स्वाधीनता रचने वाले तत्वों ने तिब्बती जनता को कलंकित किया है , उन्हें तिब्बत का प्रतिनिधित्व करने का कोई हक नहीं है ।