2008-06-20 15:23:29

भूकंप ग्रस्त क्षेत्र वनछ्वान में दस दिनों का जीवन

थांगः यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोताओं को श्याओथांग की नमस्ते।

यांगः श्रोताओं को श्याओयांग का भी नमस्कार। आप लोगों का हमारा कार्यक्रम सुनने के लिए स्वागत। एक महीना पहले, चीन के स्छ्वान के वन छ्वान में रिएक्टर स्केल पर आठ डिग्री वाला बड़ा भूकंप आया। इस बड़े भूकंप से चीन के स्छ्वान प्रांत की जनता के लिए भारी दुख और मुसीबत पैदा हुई है। लेकिन, विपत्ति के सामने चीनी जनता एकजुट हो करके एक साथ भूकंप का मुकाबला कर रही है और राहत कार्य में लगी हुई है।

थांगः हमारे सी आर आई की हिन्दी सेवा के कर्मचारी ली छिन तथा उन के परिवारजन 12 मई के भयंकर भूकंप के आने के वक्त वन छ्वान के आसपास ही थे और पूरे दस दिनों तक उन से कोई संपर्क नहीं हो पाया। उस समय हम सब लोग बहुत चिंतित थे। लेकिन, सौभाग्य की बात है कि ली छिन और उन के परिवारजन 10 दिनों के बाद सुरक्षित वापस लौट आए। अब ली छिन हमारे स्टूडियो में आ चुके हैं और श्रोताओं को अविस्मरणीय दस दिनों के अपने अनुभव बताएंगे।

लीः नमस्ते। इस बार मैं सुरक्षित वन छ्वान से वापस लौटा, मुझे बहुत खुशी हुई है। मैंने प्रथम बार यह गहरे तौर पर महसूस किया कि सारे देश की जनता, सारी दुनिया की जनता एकजुट हो करके भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों को सहायता दे रही है। वर्तमान भूकंप के राहत कार्य में भारतीय जनता ने भी हमें चंदा दिया और सहायता दी है, आप लोगों की निःस्वार्थ मदद के प्रति बहुत मैं बहुत आभारी हूं।

थांगः हां। ली छिन, तुम्हारे सुरक्षित रुप से वापस लौटने से हमें बहुत खुशी हुई है। हम ने विभिन्न तरीकों से तुम्हारी सूचना पाने की कोशिश की थी। हम ने चीनी राष्ट्रीय रेडियो पर खबर प्रसारित करके तुम्हें ढूंढने की कोशिश की थी।तुम्हारी एक मित्र ने, जो जापान में रहती है, सी आर आई के जापानी विभाग को कई ई-मेल भेज कर तुम्हारी स्थिति की पूछताछ की थी। जब हमें यह खबर मिली कि तुम सुरक्षित हो, तो हम सब बहुत खुश हुए। क्या तुम हमें यह बताओगो कि भूकंप आने के वक्त तुम कहां पर थे?

लीः अच्छा। पिछले महीने मैं अपनी जन्मभूमि छुंगछिंग वापस लौटा। 12 मई को मैं ने अपने माता-पिता और एक चाचा के साथ कार में छुंगछिंग से उत्तरी स्छ्वान प्रांत के मशहूर पर्यटन स्थल च्यो च्यैई गो की यात्रा पर था । सुबह सात बजे हम छुंग छिंग से रवाना हुए।हम छंद तु, दू च्यांग यैन और ईंग श्यो कस्बे को पार कर के दोपहर को हम वन छ्वान से गुज़रकर माओ श्यैन काऊंटी की सड़क पर आ गये थे।

यांगः भूकंप दोपहर बाद दो बजकर 28 मिनट पर आया था। उस वक्त आप लोग कहां पर थे ?

लीः उस वक्त, हमारी गाड़ी वन छ्वान और माओ श्यैन काऊंटी के बीच पहाड़ी सड़क पर भाग रही थी। रास्ते में दृश्य बहुत सुन्दर थे और कोई हवा भी नहीं थी। मैं कार में पीछे बैठा था।अचानक दूर कहीं से एक ऊंची आवाज आयी और मैंने देखा कि सड़कों के किनारे के पहाड़ों से ऊंची आवाजें आ रही हैं और कार के सामने की सड़क पर निरंतर पत्थर गिर रहे हैं। हमारी कार ने भी हिचकोले खाने शुरु किए। मेरे दादा जी ने हमें गाड़ी से उतरने को कहा और मैं अपनी मां के साथ तुरंत गाड़ी से नीचे उतरा।जब मैंने जमीन पर अपने पांव रखे , तो मुझे हिलने का अहसास हुआ। अनेक बड़े पत्थर सड़क के पास की चोटी से एक के बाद एक नीचे गिर रहे थे। हमारे सामने के सुन्दर दृश्य तुरंत गायब हो गए। सौभाग्य की बात है कि पहाड़ से गिरने वाले पत्थर हमारी गाड़ी पर नहीं गिरे और हम बच गये। हम तुरंत सड़क के पास के एक बड़े मैदान की ओर भागे। जब हम वहां पहुंचे, तो मैंने देखा कि कुछ लोग वहां पहले आ चुके हैं। सब लोग आश्चर्य में थे और चिंता में भी। हमें पता नहीं चल रहा था कि क्या हो रहा है।

यांगः उस समय की स्थिति बहुत खतरानक थी। तुम लोग घायल नहीं हुए यह बहुत सौभाग्य की बात है। तुम्हारी गाड़ी की स्थिति कैसी है ?

लीः उस समय हम बहुत भयभीत थे। लगभग दस मिनट के बाद जमीन धीरे-धीरे शांत हो गयी। हमें अंत में पता लगा कि भूकंप आया था। लेकिन, हमें मालूम नहीं था कि भूकंप कितना गंभीर है ? मेरे पिता जी और मेरे चाचा जी सड़क से हमारी गाड़ी को खाली मैदान में ले लाए ।

थांगः भूकंप आने के बाद की स्थानीय स्थिति कैसी थी ? वहां कितना नुकसान हुआ था ?

लीः हम जिस जगह ठहरे थे, उस का नाम है सान यांग गांव का छी शींग क्वैन। आसपास की स्थिति का सर्वेक्षण करने के बाद मैंने पता लगाया कि गांव के सामने पत्थरों का एक पहाड़ है, गांव के पीछे एक छोटी नदी है। सड़क के पास अनेक लोग रहते हैं। भूकंप आने के बाद वहां के लगभग सब लकड़ी के मकान गिर गये। सौभाग्य की बात है कि भूकंप आने के वक्त सभी स्थानीय नागरिक मकान के बाहर भाग आए थे और उन की हताहती नहीं हुई। लेकिन, भूकंप आने की वजह से स्थानीय पानी, बिजली और टेलिकॉम सभी बंद हो गये। हमारे साथ लगभग सौ व्यक्तियों को इसी मैदान में रहना पड़ा था।

यांगः तो तुम लोगों के खाने पीने की समस्या का समाधान कैसे किया गया ? स्थानीय लोग कैसे हैं ?

लीः स्थानीय लोग बहुत अच्छे हैं। विपत्ति आने के वक्त सब लोग जैसे भाई बहन की ही तरह एक दूसरे को मदद दे रहे थे। हमारी कार में खाद्य पदार्थ और पेय जल नहीं था, तो स्थानीय नागरिकों ने हमारी हर संभव मदद की। मुझे याद है ली योंग हुंग नामक एक व्यक्ति हैं। वे स्थानीय एक दुकान के मैनेजर हैं। वे अपनी दुकान के कर्मचारियों का अच्छी तरह प्रबंध करने के अलावा, हमें भी सद्भावना देते रहे। सुनिये, भाई ली योंग हुंग ने कहा

उस समय की स्थिति इस तरह थी। दुकान में खाने का सामान और पानी था। जब तक हमारे पास खाने पीने का सामान था, हम ने यात्रियों को खिलाया और पिलाया।

थांगः सब लोग बहुत एकजुट थे। इस फौरी समय पर सभी लोग दूसरों की मदद करने की सोच रहे थे।

यांगः ठीक कहती हैं। यदि खाने का सामान और पानी न हो, तो पहाड़ों में दस दिन रहना बहुत कठिन बात है। उस समय भूकंप के झटके आते रहे थे। तो रात आप लोग कैसे बिताते थे।

लीः उसी दिन तीसरे पहर, हम ने रेडियो से वन छ्वान में भयंकर भूकंप आने की खबर सुनी। हम ने सुना कि हमारे प्रधान मंत्री वन चा पाओ भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे हैं। यह खबर सुनकर हम शांत हो गये। रात को हम चार लोग गाड़ी में आराम करते थे। स्थानीय लोगों ने हमें कई रजाइयां दे दी थीं। पहाड़ से पत्थरों के गिरने के डर से कई दिन तक रात को मैं नहीं सो पाया। बाद में स्थानीय किसानों ने हमारे लिए एक कमरे का इंत़जाम किया, जिस में हम आराम से सो पाये।

थांगः उस समय सारे देश की जनता राहत कार्य में लगी हुई थी। चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ और प्रधान मंत्री वन चा पाओ अनेक बार भूकंप ग्रस्त क्षेत्र गये और उन्होंने खुद राहत कार्य का निर्देशन किया। तो तुम्हारे वहां राहत कार्य कैसा है ?

लीः जी हां। वर्तमान विपत्ति के आने के बाद सरकार की राहत कार्यवाई बहुत कारगर रही है। हम ने देखा कि हेलिकॉप्टर भी हमारे यहां पहुंचे। जब हम ने पुलिसकर्मियों व सैनिकों को देखा, तो हम बहुत उत्तेजित थे।

यांगः हां। पुलिस व सैनिक जनता के जीवन को बचाने के लिए तुरंत विभिन्न तरीकों से भूकंप ग्रस्त क्षेत्र पहुंचे थे।

लीः वहां मेरी मुलाकात चीनी मुक्ति सेना के सीनियर कर्नल ली जडं बो से हुई। वे सुदूर क्षेत्रों में राहत कार्य करने के लिए 5 हजार मीटर की ऊंचाई से नीचे उतरे। ली जडं बो एक बहुत अच्छे आदमी हैं। उन्होंने हमारी पूछताछ की और लोगों को ध्यान से राहत का इन्तजार करने को प्रेरित भी किया। उन की बातें सुनकर वहां मौजूद अनेक लड़कियों की आंखों से आंसू बहने लगे। हमें गहरे रूप से यह महसूस हुआ कि सैनिक हमारे रिश्तेदारों की तरह हैं।

थांगः सच कहते हैं। इस बार भूकंप मुकाबला व राहत कार्य में सरकार ने अनेक सैनिकों को भेजा है। देश के विभिन्न प्रांतों व शहरों के लोगों की मदद से ही भूकंप मुकाबला व राहत की सामग्री निरंतर भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों को पहुंच रही है। तो बाद में स्थिति कैसी थी ?

लीः राहत कार्य के सुभीतापूर्ण रूप से चलने के साथ-साथ, स्थानीय स्थिति भी दिन ब दिन बेहतर हो रही थी। मेरे पिता हम सब लोगों के सकुशल होने की सूचना को रिश्तेदारों को देने के लिए खुद ही माओ काऊंटी गये और वहां से रिश्तेदारों को फोन भी किया।

थांगः अच्छा, अब हम तुम्हारे पिता से संपर्क करें और उन की बातें सुनें।

पिता:उस समय घर के दोस्तों व रिश्तेदारों से संपर्क करने के लिए मैंने निश्चय किया कि शीघ्र ही माओ श्येन कांउटी जाकर सूचना दूंगा। क्योंकि माओ श्येन कांउटी से टेलिफ़ोन किया जा सकता था । लेकिन टेलिफोन का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की संख्या बहुत ज्यादा थी। वहां कई घंटे इंतज़ार करने के बाद अंत में मैं रिश्तेदारों को फोन कर सका । बाद में छी शिंगक्वान क्षेत्र में सेल फोन का सिगनल मिलना शुरु हुआ । उस समय विपदा ग्रस्त क्षेत्रों में टेलिफोन की फीस मुफ्त थी।

यांग: आप से संबंधित सूचना प्राप्त करने के बाद हमारी चिंता दूर हुई। इस के पूर्व आप और विपदा ग्रस्त व्यक्तियों व मृतकों की याद करते हुए कभी कभार आंखों में आंसू भर आते थे।

थांग:जी हां । मौजूदा भूकंप के बाद राहत कार्य बहुत तेज़ और कारगर रहा है । अनेक विदेशी दोस्तों ने चीन सरकार के राहत कार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की है । जाहिर है कि विनाशकारी संकट के सामने हमारे चीनी लोगों की एकता शक्ति जबरदस्त है । तुम लोगों की सही सलामती की खबर पाने के बाद हमारे हिन्दी विभाग के सभी कर्मचारी बहुत खुश हुए । तो पवन भाई, विपदा ग्रस्त क्षेत्र में आप को किन घटनाओं ने प्रभावित किया ?

पवन:दस दिनों में अनेक घटनाएं हुईं, जिन का मुझ पर प्रभाव पड़ा । भूकंप आने के बाद स्थानीय गांववासियों ने हमें और रास्ते में आने जाने-वाले व्यक्तियों को मुफ्त खाना और पानी दिया। राहत कार्य करने वाले चीनी जन मुक्ति सेना के सैनिक खतरनाक पहाड़ी क्षेत्र में तीन दिन और तीन रात पैदल यात्रा कर विपदा ग्रस्त क्षेत्र पहुंचे । स्थानीय कांउटी सरकार ने मुफ्त वाहनों का बंदोबस्त कर विपदा ग्रस्त पर्यटकों की सहायता की । उस समय भूकंप के कारण बिजली नेटवर्क टूट गया था । गांव वासियों ने अपने जनरेटरों का प्रयोग कर बिजली दी । कई सौ लोग एक छोटे टेलिविज़न के सामने खड़े होकर राष्ट्रीय शोक दिवस से जुड़े प्रोग्राम देखते थे। हर व्यक्ति रोने लगता था । उसी क्षण हमें लगा कि हमारा दिल सारी चीनी जनता के दिल के साथ जुड़ा हुआ है ।

यांग: हमें पता है कि विपदा ग्रस्त क्षेत्र में दस दिनों में आप जरूर अनेक अविस्मरणीय क्षणों से गुज़रे होंगे । बाद में क्या हाल रहा?तुम लोग कैसे वहां से रवाना हुए?

पवन:भूंकप के बाद पहाड़ी क्षेत्र के रास्ते में भूस्खलन की स्थिति बहुत गंभीर थी । राज मार्ग टूट गया था और इस को बहाल करना बहुत कठिन काम था। लेकिन विपदा ग्रस्त क्षेत्रों तक राहत रास्ता शीघ्र ही खोलने के लिए सरकार ने भूमि खोदने वाली मशीन का प्रयोग कर दिन-रात लगातार काम किया । कई दिनों के बाद वनछ्वान से बाहर का रास्ता पुनः खोला गया । वहां ठहरने के नौवें दिन तक छी शिंगक्वान से वनछ्वान का रास्ता भी बहाल हो गया । इतने कम समय में पहाड़ी क्षेत्र में रास्तों को पुनः खोलना एक करिश्मा है । क्योंकि हमारा विचार है कि कम से कम एक महीने के भीतर कार चलाकर बाहर आना मुश्किल की बात होगी । लेकिन बहुत सौभाग्य की बात है कि दस दिन के बाद मैं और अपने माता-पिता तथा अंकल सही सलामत छुंगछिंग वापस लौट गए। स्थानीय कांउटी सरकार ने दूसरे पर्यटकों को बाहर वापस लौटाने के लिए मुफ्त वाहनों का बंदोबस्त किया ।

यांग: यह तो बहुत अच्छी बात है । भूकंप आने के बाद हर क्षण दुखी, प्रभावित व अविस्मरणीय घटना का रहा है । लोग अपने परिजनों व दोस्तों की चिंता करते रहे हैं और प्रार्थना करते रहे हैं । हमारे भारतीय दोस्तों का ध्यान भी स्छवान में आए विनाशकारी भूकंप पर केंद्रित हुआ है। अनेक भारतीय श्रोताओं ने मुझे शोर्ट मैसेज भेज कर या फोन करके संवेदना व्यक्त की ।

पवन:जी हां । जब हम घर वापस लौट आए और दस दिन की तनावपूर्ण स्थिति समाप्त हुई, तभी हमारा दिल शांत हुआ । यहां मैं हमें मदद देने वाले और समर्थन देने वाले व्यक्तियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ । दूसरी तरफ़ मैं ने चंदे के रूप में पैसे दिए और चाहता हूँ कि भूकंप ग्रस्त पीड़ितों के लिए और ज्यादा योगदान करूं ।

थांग:चीन में एक कहावत है कि किसी एक क्षेत्र में मुश्किल हो, तो दूसरी आठ तरह के लोग उसे सहायता करते हैं । समूचे चीन और सारी दुनिया ने स्छवान में आए मौजूदा भूकंप के राहत कार्य के लिए सहायता दी । भारतीय जनता ने भी मैत्रीपूर्ण सहायता प्रदान की।

पवन:जी हां । भूकंप ग्रस्त क्षेत्र में रहने के वक्त मैं ने सुना कि देश भर की जनता सक्रिय रूप से चंदा दे रही है । मैं बहुत प्रभावित हुआ। उन दिनों मैं हर क्षण रोना चाहता था । विपदा ग्रस्त क्षेत्रों का समर्थन करने वाले सभी दोस्तों को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ।

यांग:अब भूकंप विरोधी राहत कार्य को एक महीना हो गया है। हम स्छ्वान के विपदा ग्रस्त क्षेत्रों के देशबंधुओं को पूरी सहायता देने के साथ-साथ कामना करते हैं कि वे शीघ्र ही दुख से विदा लेकर जल्द ही अपने घरों का पुनर्निर्माण करेंगे । भूकंप विरोधी राहत कार्य में लगातार प्रगति हासिल करने के बावजूद हमें और ज्यादा कोशिश करनी चाहिए, ताकि मौजूदा प्राकृतिक विपत्ति को दूर किया जा सके ।

थांग:जी हां । एक रह कर हम चीनी जनता जरूर प्राकृतिक विपत्ति को दूर कर सकेंगे । अच्छा श्रोता दोस्तो, आज का कार्यक्रम यहीं तक समाप्त हुआ । अब हमें आज्ञा दें, नमस्कार ।

यांग: नमस्कार ।

पवन: नमस्ते ।