2008-06-18 15:21:03

ऑलंपिक से पहले चीनी बैडमिंटन टीम के हौंसले बुलंद हुए

2008 विश्व बैडमिंटन टीम चैंपियनशिप यानी थोमस कप और यूबर कप इस मई में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित हुआ ।चीनी पुरुष व महिला टीमों ने शानदार प्रदर्शन कर अलग-अलग तौर पर विश्व चैपियनशिप हासिल की ।इस चैपियनशिप से चीनी खिलाडियों ने न सिर्फ ऑलंपिक के मुख्य प्रतिद्वंदियों के बारे में अधिक जानकारी पायी ,बल्कि बडी प्रतियोगिता का अनुभव भी प्राप्त किया ,जिस से चीनी टीम के हौंसले बुलंद हुए हैं ।

थोमस कप और यूबर कप की प्रतियोगिता हर दो साल में आयोजित होती है , जो विश्व में सब से ऊंचे स्तर वाली टीम प्रतियोगिता है । इन दो चैंपियनशिपों में भाग लेने वाली चीनी पुरुष व महिला टीमों का सब से अहम लक्ष्य बडी प्रतियोगिताओं के जरिये खिलाडियों की स्थिति की परीक्षा कर पेइचिंग ऑलंपिक के लिए तैयारी करना है ।चालू साल के थोमस कप व यूबर कप की चर्चा करते हुए चीनी बैंडमिंटन टीम के प्रमुख कोच ली योंग पो ने कहा कि प्रतियोगिताओं से चीनी खिलाडियों का हौसला बुलंद हुआ है ।उन्होंने कहा ,आत्म विश्वास पैदा करने के साथ हम ने अपने और दूसरी टामों के बारे में अधिक गहरी समझ हासिल की है ।सब से महत्वपर्ण बात है कि ऑलंपिक से पहले हम ने अपनी कमजोरी व मजबूती स्पष्ट रूप से देखी है और भावी विजय पाने का विश्वास बढा है । यह ऑलंपिक की तैयारी के लिए बडा महत्व रखता है ।

यूबर कप में चीनी महिला टीम ने फाइनल में मेजबान इंडोनेशियाई टीम को 3-0 से हराकर लगातार छठी बार चैंपियनशिप प्राप्त की ।लेकिन चीनी महिला टीम के लिए अंतिम विजय पाने का रास्ता समतल नहीं रहा ।क्वार्टर फाइनल में चीनी टीम हॉलैंड की टीम से हारने से बाल-बाल बची ।चीनी टीम ने बडी कोशिश कर हॉलैंड टीम को 3--2 से पराजित किया ।चीनी टीम की नंबर वन खिलाडिन श शिंग फांग इस प्रतियोगिता में हार गयीं । इस मैच को याद करते हुए श शिंग फांग ने कहा कि मैदान पर विभिन्न स्थिति के निपटारे की क्षमता मजबूत नहीं है ।उन्होंने कहा ,हर मैच मेरे लिए अभ्यास का अच्छा मौका है ।क्योंकि ऑलंपिक दूर नहीं है ।इस चैंपियनशिप में मैं हर मैच अच्छी तरह खेलना चाहती थी ।पर हॉलेंड टीम से खेलते समय हमारा प्रतियोगिता स्थल मैदान के किनारे पर है और हवा की दिशा अनुकूल नहीं थी ।इस लिए उस मैच में मेरा प्रदर्शन बहुत खराब रहा । प्रतियोगिता से मेरी यह खामी सामने आई कि हवा होने या मुश्किल स्थिति में मैं जल्दी से अपने फार्म को बदल नहीं सकती।

पेइचिंग ऑलंपिक में श शिंग फांग महिला एकल प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक का अभियान चलाएगी ।यूबर कप के क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद उन्होंने बडा मानसिक दबाव दूर कर क्वार्टर व फाइनल मैचों में जीत हासिल की । इस दृष्टि से देखा जाए तो श शिंग फांग बडी प्रतियोगिता में मानसिक परीक्षा में पास हो गयी हैं ।श शिंग फांग के अलावा चीनी महिला टीम के युवा खिलाडियों को कठिन प्रतियोगिता से मूल्यवान अनुभव प्राप्त हुआ ।चीनी बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच ली योंग ब ने कहा ,पहले के यूबर कप के मैचों में हम अक्सर आसानी से दूसरी टीमों को हराते थे ।इस लिए हमारे खिलाडियों को बडा मानसिक दबाव महसूस नहीं हुआ ।चालू साल के यूबर कप की प्रतियोगिताओं में हमें कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ,खासकर क्वार्टर फाइनल व सैमी फाइनल में । मैचों में शुरू में पीछे रहने के बावजूद हम ने अंत में प्रतिद्वंदी टीम को हरा दिया ।यह प्रक्रिया हमारे खिलाडियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।

थोमस कप में चीनी पुरुष टीम ने कई कड़े मुकाबलों के बाद फाइनल में दक्षिण कोरियाई टीम को 3--1 से हराया ।यह लगातार तीसरी बार है कि चीन टीम ने यह खिताब जीता है।इस चैंपियनशिप में चीन नंबर वन पुरुष खिलाडी लिन तान पर बैडमिंटन प्रेमियों ने कडी नजर है ।विश्व पुरुष एकल खिलाडियों के वरीयता क्रम में लिन तान पहले स्थान पर रहा है ।पेइचिंग ऑंलपिक में बैडमिंटन की पुरुष एकल प्रतियोगिता में लिन तान स्वर्ण पदक का सब से बडा दावेदार है ।पर पहले की बडी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लिन तान का प्रदर्शन स्थिर नहीं रहा था ।चालू साल के थोमस कप के सेमी फाइनल में लिन तान मलेशियाई खिलाडी चोंग वे ली से हार गया ।इस मैंच में लीन तान की परिवर्तन से मेल खाने व मानसिक अस्थिरता की कमजोरी फिर एक बार नजर आयी ।पर फाइनल में लिन तान ने अपना स्तर अच्छी तरह दिखाकर दक्षिण कोरिया के नंबर वन खिलाडी पार्क सुन ह्वान को हारकर चीनी टीम के लिए एक मूल्यवान अंक पाया ।लिन तान के विचार में इस तरह के कठिन मैच जीतने से उन को बडा लाभ मिला ।उन्होंने कहा ,मैच आसान नहीं था । पर तुम को खेलना था ।बडे दबाव में मैच जीतने से मुझे बडा लाभ मिला ।

थोमस कप व यूबर कप जीतने से साबित हुआ है कि चीनी बैडमिंटन टीम विश्व में अग्रसर श्रेणी की टीम है ।इस के अलावा पेइचिंग ऑंलपिक से पहले कठिन मैचों के जरिये चीनी खिलाडियों को बहुत अनुभव मिला ।

अब चीनी बै़डमिंटन टीम पेइचिंग में ऑलंपिक के लिए तैयारी कर रही है । इस जून में चीनी बैडमिंटन टीम के कुछ खिलाडी सिंगापुर ,इंडोनेशिया व थाइलैंड जाकर सिलसिलेवार प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे ताकि अपने फार्म का समायोजन कर सकें और ऑलंपिक के लिए शक्ति इकट्ठी कर सकें ।