2008-06-17 15:31:00

तिब्बती किसानों व चरवाहों का नया सुखमय जीवन

वर्तमान में चीनके तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में सुरक्षित रिहायशी मकान परियोजना सुचारू रूप से चल रही है और किसान व चरवाहे इस में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं । लेकिन आप नहीं जानते होंगे कि यह परियोजना लागू की जाने के प्रारंभिक दौर में कितना मुश्किल था । लीनची प्रिफैक्चर के मैथन गैस गांव के एक गांववासी का कहना है:

"पहले हमारे परिवार की स्थिति बहुत खराब थी । घर में बड़ी उम्र के मां-बाप हैं और उन का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा नहीं है । इस तरह हमारा घर अपेक्षाकृत गरीब था । सुरक्षित रिहायशी मकान परियोजना शुरू की जाने के वक्त उन्होंने इस में भाग लेने का विरोध किया । उन का कहना था कि मकान तो हवा वर्षा को रोकने के लिए है । पैसे न होने के कारण नए मकान का निर्माण करने की हमारी इच्छा नहीं थी ।"

लेकिन केंद्र सरकार और स्थानीय सरकार ने गरीब तिब्बती बंधुओं को नहीं छोड़ा । नई रिहायशी मकान निर्माण परियोजना में गरीब परिवारों के समर्थन के लिए सिलसिलवार कदम उठाए गए । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े प्रिफैक्चर के यातुंग कांउटी के शीर्ष नेता ने हमारे संवाददाता से कहा:

"वर्ष दो हज़ार छह से ही हमारे यहां सुरक्षित रिहायशी मकान परियोजना शुरू हुई, और लगभग चार सौ से ज्यादा परिवारों ने इस में भाग लिया । शुरू-शुरू में तिब्बती बंधुओं के अपने-अपने विचार होने के कारण सक्रियता नहीं दिखायी पड़ी । इस तरह स्वायत्त प्रदेश ने अनेक प्रेरणात्मक कदम उठाए , जिन में राष्ट्रीय भत्ता देना, कम ब्याज़ वाला कर्ज़ देना , तिब्बत की सहायता के लिए भीतरी इलाके द्वारा दी गई धनराशि से मदद देना आदि शामिल हैं ।"

सूत्रों के अनुसार नए रिहायशी मकानों के निर्माण के लिए आवश्यक पूंजी राष्ट्रीय भत्ता और व्यक्तिगत धन राशि दो भागों में बंटी हुई है। सरकार हर परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार नए रिहायशी मकान के क्षेत्रफल के हिसाब से भत्ता देती है । बाकी धनराशि परिवार देता है । अगर व्यक्तिगत धनराशि देना मुश्किल होगा, तो वह बैंक से कम ब्याज वाला कर्ज़ ले कर आवेदन कर सकता है ।

अब तिब्बती बंधुओं को खुशी है कि उन्हें निजी रिहायशी मकान के निर्माण के दौरान सरकार का भारी समर्थन व वास्तविक सहायता मिली है । तिब्बत के इतिहास में सब से बड़े पैमाने वाली रिहायशी मकान सुधार परियोजना अब सुचारू रूप से चल रही है । सरकारी सहायता के जरिए मकान निर्माण के दौरान बड़ी हद तक किसानों व चरवाहों के खर्च को कम किया गया । आम परिवार को दस हज़ार य्वान का भत्ता प्राप्त हुआ, जबकि गरीब परिवार को 25 हज़ार य्वान का भत्ता प्राप्त हुआ । इस के साथ ही स्थानीय सरकार इस प्रकार के सिद्धांत का भी पालन करती है, यानिकि आवश्यक हो तो मकान का सुधार किया जाता है, निर्माण की आवश्यकता हो तो मकान का निर्माण किया जाता है और स्थानांतरण की आवश्यकता हो तो परिवार का स्थानांतरण किया जाता है । इस प्रकार के सिद्धांत ने तिब्बती किसानों व चरवाहों के विकल्प व जीवन आदत का सम्मान किया है।

अब सुरक्षित रिहायशी मकान परियोजना के बेरोकटोक विकास के चलते तिब्बती बंधुओं की जीवन स्थिति में वास्तविक सुधार हुआ है । विशेष कर पेयजल, बिजली और यातायात के क्षेत्रों में बड़ा वदलाव आया है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े प्रिफैक्चर के यातुंग कांउटी के शीर्ष नेता का कहना है:

"यह परियोजना शुरू की जाने के वक्त हमारा काम मुश्किल था । लेकिन आज किसान व चरवाहे सक्रिय रूप से सुरक्षित रिहायशी मकान परियोजना और नए गांव के निर्माण में भाग ले रहे हैं । परिवर्तन इस लिए हुआ कि सरकार की प्रेरणा, समर्थन और सहायता के अलावा तिब्बती बंधुओं की विचारधारा में बदलाव आया । आधुनिक जीवन के प्रति उन की जिज्ञासा, जीवन की गुणवत्ता व स्तर में उन्नति की मांग तथा अपने रिहायशी मकानों की स्थिति के सुधार की इच्छा बढ़ गईं ।"

तिब्बत में लागू की जाने वाली सुरक्षित रिहायशी मकान परियोजना और नया गांव निर्माण परियोजना आदि परियोजनाओं के जरिए तिब्बती किसान व चरवाहे मकानों में रहने के अलावा, साफ पेयजल का प्रयोग भी करते हैं । वे टेलिफ़ोन के जरिए दूर रहने वाले रिश्तेदारों के साथ आसानी से संपर्क कर सकते हैं और टेलिवेज़न के जरिए रंगारंग व प्रचुर प्रोग्रामों का आनंद उठा सकते हैं । इन परिवर्तनों से तिब्बती बंधु बाह्य दुनिया की ज्यादा जानकारी प्राप्त करते हैं, वे तिब्बत के बाहर जाकर काम करते हैं और पढ़ाई करते हैं जिस से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिला है। अब तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के किसान व चरवाहे भीतरी इलाके के अन्य क्षेत्रों के लोगों के बराबर बड़े व स्वच्छ मकान में रहते हैं, उन के बच्चे स्कूल में आधुनिक शिक्षा लेते हैं । उन की आशा है कि तिब्बत की परम्परागत जातीय संस्कृति का संरक्षण किए जाने के साथ-साथ आधुनिक दौर में प्रवेश कर सकेंगे । उन का पक्का विश्वास है कि भविष्य का जीवन और सुनहरा होगा और सुखमय होगा ।

दोस्तो, अगर आप को मौका मिले, तो आप तिब्बत के ग्रामीण क्षेत्र व पशुपालन क्षेत्र जाकर किसानों व चरवाहों के घर जा सकते हैं । उन के नए रिहायशी मकान में प्रवेश कर आप को विशेष अनुभव होगा । हमारी कामना है कि तिब्बती किसानों व चरवाहों का जीवन और बेहतर हो ।(श्याओ थांग)