तिब्बती सार्वजनिक सुरक्षा संस्था ने हाल ही में तिब्बत के छांगदु क्षेत्र में हुई तीन विस्फ़ोट दुर्घटनाओं की जांच पूरी कर ली और 16 संदिग्द्ध अपराधियों को गिरफ़्तार किया है, जिससे तिब्बती स्वाधीनता शक्ति को बड़ी धमकी दी गयी है।
अप्रेल की पांच तारीख की रात को मांगकाम काउंटी के ओदसेर मंदिर के कई भिक्षुओं ने इस कांऊटी के एक ट्रांसफार्मर में विस्फ़ोट किया । तिब्बती सार्वजनिक सुरक्षा संस्था ने मई की 13 तारीख को पांच संदिग्द्ध व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया।
अप्रेल की सात तारीख की रात को मांगकाम काउंटी के गारतोग कस्बे के केपार्लुंग मंदिर के चार भिक्षुओं ने बम लेकर काउंटी के गैस स्टेशन, व सार्वजनिक सुरक्षा संस्था के 110 ठिकानों पर विस्फोट करने की कोशिश की। अप्रेल की आठ तारीख की सुबह सशस्त्र पुलिस के एक ठिकाने से गुज़रते समय एक संदिग्द्ध व्यक्ति बम विस्फोट कर भाग गया। तिब्बती सार्वजनिक सुरक्षा संस्था ने मई की 12 तारीख को इस व्यक्ति को गिरफ़्तार किया, और अन्य तीन संदिग्द्ध अपराधी गिरफ्तार किये जा रहे हैं।
अप्रेल की 15 तारीख की रात को केपार्लुंग मंदिर के कई भिक्षुओं ने स्वनिर्मित बम से एक गांववाले के घर में विस्फोट किया। तिब्बती सार्वजनिक सुरक्षा संस्था ने मई की 12 तारीख को उन संदिग्द्ध अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है।
तीन दुर्घनाओं के संदिग्द्ध अपराधियों ने अपना-अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि वे विस्फ़ोटों से सामाजिक प्रभाव अदा करना चाहते थे, ताकि 14 मार्च को ल्हासा में हुई लूटमार ,तोड़फोड़ और आगजनी की हिंसक घटना का समर्थन किया जा सके।(चंद्रिमा)